कश्‍मीरी युवाओं के लिए मोदी ने शुरु किया ऑपरेशन ‘घर वापसी’, डायल करें 1441

कश्‍मीर के जो युवक राह भटककर आतंकवाद की डगर पर चल पड़े हैं उनकी घर वापसी के केंद्र की मोदी सरकार ने एक अदभुत प्‍लान तैयार किया है।

New Delhi Nov 22 : कश्‍मीर में भटके युवाओं की घर वापसी के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने एक बहुत ही बड़ा और अच्‍छा प्‍लान तैयार किया है। इस प्‍लान के तहत ना सिर्फ पत्‍थरबाज युवाओं के ऊपर दर्ज मुकदमें वापस लिए जाएंगे बल्कि जो युवक आतंकवाद की राह पर भटक कर पहुंच गए हैं उनके सरेंडर करने पर भी उन्‍हें कानून के मुताबिक रियायत दी जाएगी। ताकि वो एक बार फिर से नए सिरे से अपनी जिदंगी गुजार सके और देश के विकास में अपनी भूमिका अदा करें। कश्‍मीर में ऐसा पहली बार हो रहा है जब यहां पर पत्‍थरबाजों के ऊपर दर्ज मुकदमें वापस लिए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक जम्‍मू-कश्‍मीर में इस तरह के करीब 4500 मुकदमों को वापस लेने को कहा गया है। इसके साथ ही सीआरपीएफ की ओर से एक हेल्‍पलाइन नंबर भी जारी किया गया है जिस पर भटके युवा संपर्क कर सरेंडर कर सकते हैं और सही राह पर चल सकते हैं।

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CRPF ने आतंकी संगठनों के साथ जुड़े कश्मीरी युवाओं से अपील की है कि अगर वो हथियार छोड़ना चाहते हैं तो उनकी हेल्‍पलाइन नंबर 1441 पर संपर्क करें। सीआरपीएफ ने अपनी इस हेल्‍पलाइन का नाम ही मददगार रखा है। सीआरपीएफ के अधिकारियों का कहना है कि ये हेल्‍पलाइन नंबर कश्‍मीर युवाओं के लिए बहुत कारगर साबित होगी। इससे युवाओं की घर वापसी भी आसान होगी। दरअसल, कश्‍मीर के कई युवाओं ने इस वक्‍त आतंकी संगठनों के बहकावे में आकर हथियार थाम लिए हैं। ऐसे युवकों से उनके परिजन भी लगातार ये गुहार लगा रहे हैं कि वो हथियार छोड़कर मुख्‍य धारा में जुड़ जाएं। कई युवक इस दलदल में घुसने के बाद चाहकर भी नहीं निकल पाते हैं। जबकि कई वक्‍त रहते सरेंडर कर देते हैं और बच जाते हैं। दसरअल, सीआरपीएफ ने अपनी इस हेल्‍पलाइन को जून महीने में ही लांच कर दिया था। लेकिन, उस वक्‍त इस हेल्‍पलाइन का मकसद मुसीबत में फंसे कश्‍मीरी की मदद करना था।

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लेकिन, अब इस हेल्‍पलाइन के जरिए लोकल आतंकियों की घर वापसी भी मुमकिन होगी। सीआरपीएफ के अफसरों का कहना है कि ये हेल्पलाइन उन कश्‍मीरी युवाओं की मदद करेगी, जो आतंकी बन गए थे और अब अपने परिवार-दोस्तों और करीबियों के पास वापस लौटना चाहते हैं यानी अपनी घर वापसी करना चाहते हैं, ऐसे युवकों को सीआरपीएफ के जवान गाइड करेंगे। दरसअल, सीआरपीएफ का कहना है कि बहुत से युवा चाहते हैं कि वो आतंक की राह छोड़कर मुख्‍य धारा में शामिल हो जाएं। लेकिन, उन्‍हें पता ही नहीं होता है कि उन्‍हें संपर्क किससे करना है। ऐसे युवकों के मन में हमेशा ये खौफ रहता है कि कहीं वो किसी एनकाउंटर में मारे ना जाएं। सीआरपीएफ का कहना है कि हम ऐसे युवकों को समझाने और सही राह पर चलने के बारे में बताएंगे उनकी मदद करेंगे। ताकि वो आतंकवाद के दलदल से निकलकर घर वापसी कर सकें।

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सीआरपीएफ की हेल्‍पलाइन 1441 सातों दिन चौबीसों घंटे काम करती है। इस हेल्‍पलाइन पर हर वक्‍त सीआरपीएफ के ट्रेंड जवानों की ड्यूटी रहती है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मददगार नाम की इस हेल्‍पलाइन पर अब तक करीब 70 हजार फोन कॉल्‍स आ चुकी हैं। जिसमें कश्‍मीर के लोगों ने कई तरह की मदद मांगी। अभी हाल ही में कश्‍मीर के फुटबॉल प्‍लेयर मुजीद खान ने भी सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर किया था। मुजीद खान कुछ दिनों पहले ही आतंकी संगठनों के साथ जुड़ गया था। लेकिन, उसने अपनी मां की भावुक अपील के बाद घर वापसी कर ली। मुजीद खान के बाद कश्‍मीर में कई और आतंकियों ने सुरक्षाबलों के सामने सरेंडर कर हथियार डाले। ऐसे में अब इस मददगार हेल्‍पलाइन का इस्‍तेमाल भटके युवाओं की घर वापसी के लिए भी किया जाएगा। जाहिर है कि केंद्र और राज्‍य सरकार की पहल का असर कश्‍मीर में बड़े पैमाने पर देखने को मिलेगा।