अरविंद केजरीवाल का ब्लंडर, मोदी विरोध में कर बैठे बड़ी गलती

अरविंद केजरीवाल अभी तक अपनी सियासी विचारधारा तय नहीं कर पाए हैं। वो बीजेपी का विरोध कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस को वोट देने की बात भी करते हैं।

New Delhi, Nov 29: बहुत दिन हो गए थे ऐसा कुछ सुने हुए, लगने लगा था कि वो शायद अब बदल गए हैं, अंध विरोध में कुछ भी बोल देने की आदत को पीछे छोड़ आए हैं, मगर वो भ्रम था, वो बोले और उसी लाइन पर बोले जिस पर वो बोला करते थे। अरविंद केजरीवाल का बीजेपी विरोध किसी से छिपा नहीं है। नरेंद्र मोदी को कायर और पागल कहने वाले केजरीवाल पिछले काफी समय से खामोश थे. लगा जैसे सियासी झटकों के कारण उन्होंने अपनी रणनीति बदल ली है। आम आदमी पार्टी के 5 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में उन्होंने जो कुछ कहा वो पार्टी के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है। मोदी विरोध में केजरीवाल से बड़ी गलती हो गई। इस गलती का नतजा वो एक बार देख चुके हैं।

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दरअसल अरविंद केजरीवाल ने गुजरात के लोगों से अपील की थी। उन्होंने कहा था कि आप लोग किसी भी पार्टी को वोट देना लेकिन बीजेपी को मत देना। पहले तो आप के कैंडिडेट को वोट देना नहीं तो जो भी उम्मीदवार जीत रहा हो उसे अपना वोट दे देना लेकिन बीजेपी को मत देना। गुजरात की जनता से ये केजरीवाल की अपील है, जो भी पार्टी जीत रही हो उसे वोट देना, मतलब कांग्रेस को देना, एनसीपी को देना आप को देना लेकिन बीजेपी को मत देना। इस बयान से केजरीवाल क्या बीजेपी को छोड़कर बाकी सभी पार्टियों को ईमानदारी और करप्शन फ्री का सर्टिफिकेट दे रहे हैं। जिस कांग्रेस के खिलाफ उन्होंने आंदोलन खड़ा करके सियासत में एंट्री ली, उसी को वोट देने की अपील कर रहे हैं, ये कौन सी राजनीतिक विचारधारा है।

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इस राजनीतिक विचारधारा के सहारे केजरीवाल कितना लंबा सफर तय कर पाएंगे। इतना ही नहीं केजरीवाल ने एक और आरोप लगाया बीजेपी पर, कहा कि जो काम पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई 70 साल में नहीं कर पाई वो काम बीजेपी ने 3 साल में कर दिया। हिंदुओं और मुसलमानों को लड़ाने की कोशिश कर रही है बीजेपी, ये पाकिस्तान का सबसे बड़ा सपना है, केजरीवाल ने कहा कि अगर हिंदुस्तान को बांट दिया गया तो वो कमजोर हो जाएगा, पाकिस्तान यही तो चाहता है। एक राज्य के चुनाव में मतदाताओं से अपील करते हुए केजरीवाल ने भारत के बंटवारे और उस पर पाकिस्तान के कब्जे की खौफनाक तस्वीर लोगों को दिखा दी। सवाल ये है कि इस तरह के बयान से केजरीवाल को क्या फायदा हो सकता है। गुजरात की जनता केजरीवाल की बात क्यों सुनेगी।

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कुछ इसी तरह के हमले अरविंद केजरीवाल पहले भी किया करते थे। याद करिए दिल्ली एमसीडी चुनाव, गोवा, पंजाब के नतीजे, जिस में आप को मुंह की खानी पड़ी थी। एमसीडी और पंजाब पर आप को अपनी जीत का इतना भरोसा था कि उस ने जश्न की तैयारी भी कर ली थी। लेकिन दोनों ही जगहों पर पार्टी की करारी हार हुई। उसके बाद कहा गया कि मोदी पर आपत्तिजनक बयान देने, सेना और सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने का खामियाजा उनको उठाना पड़ा है। उसके बाद केजरीवाल ने अपनी रणनीति बदली, वो पिछले काफी समय से मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक नहीं बोल रहे थे। अचानक आप के 5 साल के कार्यक्रम में उन्होंने इस तरह की बातें बोल दी हैं। पुरानी गलती को फिर से दोहरा रहे हैं केजरीवाल, पार्टी को आशंका है कि कहीं नतीजा भी पुराने वाला ना हो।