राहुल गांधी ने साबित कर दिया कि वो हिंदू नहीं हैं? कांग्रेस की बढ़ी मुसीबत

सोमनाथ मंदिर में राहुल गांधी ने गैर हिंदू लोगों के लिए रखे रजिस्टर पर साइन किए, विरोधी कह रहे हैं कि राहुल ने साबित कर दिया कि वो हिंदू नहीं है।

New Delhi, Nov 30: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार में वो गलती कर दी है, जिस से कांग्रेस की हार पक्की हो सकती है। विवाद तो पहले से ही हो गया है, लेकिन अब सवाल खड़े होने लगे हैं, क्या राहुल हिंदू नहीं हैं, ये सवाल खुद राहुल ने अपनी एक हरकत से खड़ा किया है। दरअसल सोमनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा के बाद राहुल ने गैर हिंदुओं के लिए रखे रजिस्टर में दस्तखत किए थे। सोमनाथ मंदिर में गैर हिंदुओं के लिए कोई प्रतिबंध नहीं है लेकिन उनके लिए नियम कुछ अलग हैं। राहुल ने इस हरकत के जरिए एक नए विवाद को खड़ा कर दिया है। गुजरात की चुनावी फिजा पर इसका असर पड़ना तय माना जा रहा है। बीजेपी ने इस मुद्दे को लपक भी लिया है, भले कांग्रेस सफाई दे रही है लेकिन नुकसान तो हो गया है।

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गुजरात में प्रचार करने के लिए राहुल गांधी फिलहाल वहीं हैं. सोमनाथ मंदिर में पूजा और अर्चना के बाद उन्होंने रैली को संबोधित किया। लेकिन सोमनाथ मंदिर में ही ये घटना हो गई, जो सारे मुद्दों पर भारी पड़ रही है। क्या राहुल ने भूल से ये काम किया या फिर जानबूझ कर इस पर बहस हो सकती है, लेकिन गैर हिंदुओं के रजिस्टर में साइन करने से कांग्रेस को सियासी तौर पर नुकसान होना तय माना जा रहा है। राहुल के साथ अहमद पटेल ने भी उसी रजिस्टर में साइन किए। जैसे ही ये खबर बाहर आई, वैसे ही कांग्रेस पर हमला शुरू हो गया। राहुल और उनके धर्म को लेकर बीजेपी के नेता पहले से हमला करते आ रहे हैं। अब तो विरोधी खुल कर कह रहे हैं कि राहुल के धर्म का सबूत मिल गया है।

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राहुल हिंदू नहीं है इसका सबूत सोमनाथ मंदिर में गैर हिंदुओं के रजिस्टर में राहुल का साइन है। इसी आधार पर बीजेपी की तरफ से हमला किया जा रहा है। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के धर्म को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं। बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने तो पहले ही आरोप लगाया था कि राहुल हिंदू नहीं हैं, स्वामी ने कहा कि उनको अंदेशा है कि 10 जनपथ के अंदर एक चर्चा बना हुआ है। हालांकि इस बात की संभावना कम है कि राहुल ने ये गलती जानबूझ कर की होगी। वो अक्सर खुद को हिंदू बताते रहते हैं। गुजरात में प्रचार के दौरान वो लगातार मंदिरों में जा रहे हैं। चुनावी शपथ पत्र में भी उन्होंने खुद को हिंदू बताया है।

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इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस का कहना है कि राहुल और अहमद पटेल का नाम बाद में रजिस्टर में जोड़ा गया था। मंदिर में पहुंचने के बाद जब मंदिर की तरफ से कहा गया कि जो लोग गैर हिंदू हैं वो एक अलग रजिस्टर मं साइन करें तो कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर ने अहमद पटेल और राहुल गांधी का नाम बता दिया। जिसके बाद दोनों नेताओं को उस रजिस्टर में साइन करने के लिए कहा गया। यानि पहले मंदिर की तरफ से कहा गया कि जो गैर हिंदू हैं वो अलग रजिस्टर में साइन करें, कांग्रेस के मीडिया कोऑर्डिनेटर की गलती की वजह से राहुल और अहमद पटेल ने उस पर साइन कर दिए। ये कांग्रेस का कहना है, खास बात ये है कि राहुल और अहमद पटेल के साइन की फोटो भी बाहर आ गई है। फिलहाल भले गलती से हुआ लेकिन ये घटना कांग्रेस के लिए बहुत भारी पड़ने वाली है। बीजेपी ने इसे लेकर राहुल पर हमला तेज कर दिया है।