खुशखबरी: देश की अर्थव्यवस्था ने रफ्तार पकड़ी, GDP ने दिया शुभ संकेत
लीजिए भारत के लिए एक और शानदार खुशखबरी सामने आई है। GDP ने भारत को एक शुभ संकेत दिया है और अर्थव्यवस्था ने जबरदस्त रफ्तार पकड़ ली है।
New Delhi, Dec 01: भारत की GDP ग्रोथ रेट दूसरी तिमाही में 6.3 फीसदी रही है। सरकार की तरफ से जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े जारी किए गए। ये आंकड़े देश के लिए अच्छी खबर लाए है। इससे पहले अप्रैल-जून तिमाही में ग्रोथ 5.7 फीसदी के साथ तीन साल में सबसे कम हो गया था। ये ही नहीं, पिछली पांच तिमाही से ग्रोथ रेट में गिरावट भी देखी जा रही थी। इस बात से साफ होता है कि नोटबंदी और जीएसटी के असर से अर्थव्यवस्था में सुस्ती खत्म हो रही है। अब इकॉनमी में तेजी देखी जा रही है। इसके साथ ही अर्थव्यवस्था के रफ्तार पकड़ने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। ये उम्मीद हालांकि पहले से थी क्योंकि बिजनस बढ़ने के संकेत मिल रहे थे।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक GVA पिछली तिमाही में 5.6 फीसदी से बढ़ा है। इस बार ये 6.1 फीसदी रहा। इससे पहले अधिकतर इंडिपेंडेंट इकनॉमिस्टों ने भी भरोसा जताया था कि सितंबर में ग्रॉस वैल्यू ऐडेड 6.3-6.5 पर्सेंट की बढ़ोतरी हो सकती है।आपको बता दें कि सामानों पर लगने वाले नेट टैक्स को GVA में जोड़कर जीडीपी निकाला जाता है। प्रोडक्ट्स पर नेट टैक्स में से सब्सिडी को हटाकर एक आंकड़ा मिता है। इसे नेट टैक्स कहा जाता है। इनडायरेक्ट टैक्स संबंधी अनिश्चितता की वजह से ज्यादातर ऐनालिस्ट अब जीवीए को ग्रोथ का सही आईना मान रहे हैं। इसकी कुछ खास वजहें भी हैं।
पहली बात तो ये है कि इंडस्ट्रियल ग्रोथ में रिकवरी हो रही है और दूसरी बात ये है कि कंजम्पशन डिमांड बढ़ रही है। इसकी वजह से सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में रिकवरी की बात कही जा रही थी। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्र के रफ्तार पकड़ने के साथ ही भारत में रिकवरी की उम्मीद बढ़ती जा रही है। इसकी वजह ये है कि बिजनेस ने GST कानून को भी अपना लिया है।’ भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा था कि अर्थव्यवस्था में तेजी के संकेत मिल रहे हैं और ग्रोथ 7 फीसदी तक पहुंच सकती है। इंडस्ट्रियल ग्रोथ का पता इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन से चलता है।
इस फाइनेंशियल ईयर में जुलाई से सितंबर के बीच आईआईपी ग्रोथ औसतन 3.1 फीसदी रही। इसके साथ ही पिछली तिमाही में इसमें 1.9 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई थी। जीएसटी लागू होने और नोटबंदी की वजह से जून तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में कमी आई थी। अब जीएसटी स्टेबल हो रही है और नोटबंदी को एक साल बीत चुका है। ऐसे में इकनॉमिक ऐक्टिविटी में रिकवरी हो रही है। देश के सबसे बडे़ बैंक एसबीआई ने कहा था कि सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में रिकवरी होती दिखी है। कुल मिलाकर ये कह सकते हैं कि देश की GDP ने इस बार शुभ संकेत दिए हैं और एक सबसे बड़ी बात ये है कि मोदी का फॉर्मूला रंग ला रहा है।