स्‍टार प्रचारक होने के बाद भी गुजरात विधानसभा चुनाव से दूर क्‍यों हैं लालकृष्‍ण आडवाणी ?

बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी ने खुद को गुजरात विधानसभा चुनाव से दूर रखा है। उन्‍होंने आखिर ऐसा क्‍यों किया है जरा ये भी जानिए।

New Delhi Dec 01 : शायद ऐसा पहली बार हो रहा है जब भारतीय जनता पार्टी के वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी गुजरात विधानसभा चुनाव से दूर हैं। लालकृष्‍ण आडवाणी आज भी भारतीय जनता पार्टी के स्‍टार प्रचारक हैं लेकिन, वो ना तो पार्टी के लिए किसी तरह का कोई प्रचार कर रहे हैं और ना ही किसी रैली में हिस्‍सा ले रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या लालकृष्‍ण आडवाणी को पार्टी हाईकमान ने गुजरात विधानसभा चुनाव से दूर रखा हुआ है या फिर उन्‍होंने खुद ही गुजरात इलेक्‍शन से दूरी बना ली है। ये बात वाकई चौंकाने वाली है। दरसअल, लालकृष्‍ण आडवाणी गुजरात की गांधीनगर सीट से पिछले 19 साल से लगातार सांसद चुनकर संसद भवन पहुंचते रहे हैं। हर चुनाव में उनकी भागीदारी देखने को मिली है। लेकिन, इस बार आडवाणी सीन से आउट हैं। क्‍या उनके बगावती तेवरों की वजह से उन्‍हें पार्टी से दूर रखा गया है। या फिर वजह कुछ और ही है।

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सियासी गलियारों में इस बात को लेकर काफी चर्चाएं हो रही हैं। हर ओर से एक ही सवाल उठ रहा है कि आखिर भारतीय जनता पार्टी के स्‍टार प्रचारक लालकृष्‍ण आडवाणी गुजरात विधानसभा चुनाव में क्‍यों कंपेन नहीं कर रहे हैं। जबकि उनका गुजरात से जन्‍म-जमान्‍तर का नाता रहा है। उनके गुजरात प्रेम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस वक्‍त लालकृष्‍ण आडवाणी ने सन 1990 में भारतीय जनता पार्टी की रथ यात्रा निकाली थी उसकी शुरुआत भी उन्‍होंने गुजरात से की थी। बीजेपी की इस रथयात्रा की शुरुआती सोमनाथ से की गई थी। फिर भी आडवाणी गायब हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव भी सिर पर आ गए हैं। गुजरात में दो चरणाें में मतदान होने हैं। पहले चरण का मतदान 9 दिसंबर को होगा। जबकि दूसरे चरण का मतदान 14 दिसंबर को होगा। 18 दिसंबर को गुजरात विधानसभा चुनाव और हिमाचल दोनों ही चुनावों के नतीजे सामने आएंगे।

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हालांकि भारतीय जनता पार्टी के तमाम नेताओं ने भी लालकृष्‍ण आडवाणी के प्रचार को लेकर चुप्‍पी साध रखी है। वो इस मसले पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। पार्टी के कुछ नेताओं से ये सवाल भी किया गया है कि पार्टी की ओर से पहले चरण के मतदान के लिए चुनाव आयोग में जो स्‍टार प्रचारकों की लिस्‍ट सौंपी गई है उसमें लालकृष्‍ण आडवाणी का नाम शामिल है। तो फिर वो प्रचार का हिस्‍सा क्‍यों नहीं बन रहे हैं। इतना ही नहीं स्‍टार प्रचारकों की लिस्‍ट में आडवाणी का नाम तीसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे नंबर पर बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह का नाम है। जबकि तीसरे नंबर पर लालकृष्‍ण आडवाणी का नाम दर्ज है। लेकिन, इतने दिनों में आडवाणी को किसी भी रैली या फिर जनसभा में नहीं देखा गया। गुजरात में भी ये सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या आडवाणी पार्टी के प्रचार में आएंगे या नहीं।

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हालांकि पार्टी के कुछ सूत्र बताते हैं कि पार्टी की ओर से जानबूझकर उन्‍हें चुनाव प्रचार से दूर रख गया है। स्‍टार कंपेनर की लिस्‍ट में उनका नाम भी एक रणनीति के तहत ही दर्ज किया गया। जिस वक्‍त बीजेपी की इलेक्‍शन कोर कमेटी ने उनके नाम को इस लिस्‍ट में शामिल किया था उस वक्‍त भी उनकी राय नहीं ली गई थी। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि उनका नाम सिर्फ स्‍टार प्रचारकों की लिस्‍ट में इसलिए शामिल किया गया कि किसी को ये कहने का मौका ना मिले कि पार्टी ने उन्‍हें गुजरात विधानसभा चुनाव में कोई तवज्‍जो नहीं दी गई। पार्टी इस ब्‍लेम को भी अपने सिर पर नहीं लेना चाहती थी कि उन्‍हें जानबूझकर प्रचार से दूर रखा गया। पार्टी हाईकमान ने लालकृष्‍ण आडवाणी का नाम स्‍टार प्रचारकों की लिस्‍ट में डालकर गेंद उनके पाले में डाल दी है। अब आडवाणी को ही ये तय करना है कि वो किसी रैली में जाएं या फिर ना जाएं।