राहुल गांधी ने फिर की गलती, बोले, हम धर्म की दलाली नहीं करते हैं

राहुल गांधी ने अपने धर्म को लेकर हो रही बहस पर कहा कि वो धर्म की दलाली नहीं करते हैं, इसका राजनीतिक फायदा नहीं उठाते हैं, वो और उनका परिवार शिवभक्त है

New Delhi, Dec 01: कांग्रेस के होने वाले अध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात में धर्मसंकट में घिरते दिखाई दे रहे हैं। उनके धर्म को लेकर बहस हो रही है। दरअसल सोमनाथ मंदिर में गैर हिंदुओं के रजिस्टर में साइन करने को लेकर वो विवादों में घिर गए हैं। कांग्रेस ने राहुल के धर्म को लेकर सफाई देते हुए कहा कि वो जनेउधारी हिंदू हैं। अब राहुल ने अपने धर्म को लेकर चल रही बहस पर अपनी बात की है। गुजरात में बंद कमरे में व्यापारियों को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि वो और उनके परिवार के लोग शिवभक्त हैं। उन्होंने कहा कि वो सियासी फायदे के लिए धर्म का इस्तेमाल नहीं करते हैं। उन्हे अपने धर्म को लेकर किसी के सर्टिफिकेट की जरूरीत नहीं हैं।

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सोमनाथ मंदिर विवाद को लेकर राहुल ने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेताओं ने उनका नाम गैर हिंदुओं वाले रजिस्टर में दर्ज कर दिया था। जिसके कारण ये सारा विवाद हुआ। धर्म को लेकर हो रही बहस में राहुल गांधी ने जिस तरह से बयान दिया है। उस से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। बीजेपी का कोई नेता राहुल के सोमनाथ मंदिर दौरे के बाद रजिस्टर में उनका नाम क्यों लिखेगा। वहीं राहुल ने ये भी कहा कि वो धर्म की दलाली नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी दादी और परिवर शिवभक्त हैं। हम इन चीजों को निजी रखते हैं। राहुल ने कहा कि ये बेहद व्यक्तिगत मामला है, इसका इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

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राहुल गांधी ने बार बार कहा कि वो धर्म का व्यापार या फिर दलाली नहीं करना चाहते हैं। अब इस बयान से राहुल का क्या आशय है, क्या वो ये कहना चाहते हैं कि बीजेपी वाले धर्म की दलाली करते हैं। उनके इस बयान पर भी विवाद हो सकता है। सोमनाथ विवाद पर राहुल की सफाई भी बेहद कमजोर लग रही है। उन्होंने कहा कि वो सोमनाथ मंदिर में गए, वहां पर विजिटर्स बुक मे साइन किए। उसके बाद बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने उनका नाम दूसरे रजिस्टर में लिख दिया। राहुल ये नहीं बता पाए कि उनके सोमनाथ मंदिर में जाने के समय वहां पर बीजेपी के कार्यकर्ता क्या कर रहे थे। उसी समय पीएम मोदी की रैली हो रही थी, जाहिर है कि बीजेपी के हर कार्यकर्ता का ध्यान उस रैली पर था।

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जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल के संबंधों को लेकर जिस तरह से पीएम मोदी हमला कर रहे हैं उस पर भी राहुल ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच राजनीति और विचारघारा को लेकर मतभेद थे, लेकिन वो दोनो मित्र थे। जवाहर लाल नेहरू के बचाव में राहुल का ये बयान भी कांग्रेस के लिए भारी पड़ सकता है। जबकि इस बात के बारे में कई अखबारों में भी छपा है कि जवाहर लाल नेहरू नहीं चाहते थे कि देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद सोमनाथ मंदिर के उद्घाटन समारोह में जाएं, इसी बात को लेकर पीएम मोदी ने नेहरू पर निशाना साधा था। अब राहुल इन सारे मुद्दों पर सफाई दे रहे हैं। जाहिर है कि वो बीजेपी के फैलाए जाल में फंसते जा रहे हैं।