अब राहुल गांधी पंडित हो गए, इस खेल में करारा झटका खाएगी कांग्रेस

राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से पहले ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ब्लंडर कर दिया है, इसका खामियाजा पार्टी और राहुल को उठाना पड़ सकता है।

New Delhi, Dec 06: कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता जब जोश में होते हैं तो वो क्या कर देते हैं इसका कोई भरोसा नहीं है, अब देखिए राहुल गांधी अध्यक्ष बनने वाले हैं। इस से कांग्रेसी बेहद उत्साहित हैं, इसी उत्साह में वो गलती कर रहे हैं।जिस मुद्दे पर गांधी परिवार हमेशा घिरता आया है. उसी को और आगे बढ़ा रहे हैं। हाल ही में राहुल के धर्म को लेकर विवाद हुआ था, उसके बाद कांग्रेस ने सफाई दी थी कि राहुल जनउधारी हिंदू हैं, अब कांग्रेसी कार्यकर्ता एक कदम आगे बढ़ गए हैं। कांग्रेसियों ने अब राहुल को पंडित बना दिया है। इस बाबत पोस्टर भी लगा दिए हैं, लोगों को हैरानी हो रही है कि कल तक खुद को हिंदू साबित करने में लगे राहुल अचानक से पंडित कैसे हो गए।

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ये पोस्टर कहीं और नहीं बल्कि दिल्ली में पार्टी मुख्यालय के बाहर लगे हैं। इन पोस्टरों में कांग्रेसियों ने लिखा है कि 2017 में कांग्रेस अध्यक्ष और 2019 में देश के प्रधानमंत्री, इन्ही पोस्टरों में लिखा है पंडित राहुल गांधी जी। अपने नेता को प्रधानमंत्री बनवाने के लिए कोशिश करना अच्छी बात है, लेकिन बिना कुछ जाने उनके नाम के आगे पंडित लगाने का क्या मतलब है। राहुल वैसे ही पहले से धर्मसंकट में फंसे हुए हैं। उनके एक साइन ने कांग्रेस को गुजरात में हैरान कर रखा है। ऐसे में कांग्रेस ये उम्मीद कर रही है कि धर्म का विवाद जितनी जल्दी खत्म हो जाए उतना ही अच्छा है। लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी की कशिशों में पलीता लगा रहे हैं।

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बताया जा रहा है कि ये पोस्टर हरियाणा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने लगाए हैं। कांग्रेस के कई पूर्व नेता ये कह चुके हैं कि राहुल गांधी के खिलाफ पार्टी के अंदर ही साजिश हो रही है। कहीं ये पोस्टर भी तो उसी का हिस्सा नहीं है। सोमनाथ मंदिर में विवाद में जिस तरह से राहुल घिरे उसका दोषारोपण भी कांग्रेस के ही एक नेता पर पार्टी ने लगाया है। कांग्रेस का मानना है कि पार्टी के ही किसी नेता ने गैर हिंदुओं वाले रजिस्टर में राहुल का नाम लिख दिया था। वो नेता बीजेपी में शामिल होने की तैयारी कर रहा है। यानि कांग्रेस खुद मान रही है कि उसे घर के भेदियों से ज्यादा खतरा है। क्या ये नहीं हो सकता है कि ये नेता कांग्रेस की परिवारवाद की नीति को पसंद ना करते हों। जैसे शहजाद पूनावाला नहीं करते हैं।

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धर्म विवाद में राहुल और कांग्रेस जितना फंसेंगे उतना ही नुकसान होगा। खुद को हिंदू बताना, जनेउधारी हिंदू बताना, फिर कहना कि हम तो शिवभक्त हैं, उसके बाद पंडित का उपयोग, ये सारी बातें कांग्रेस के खिलाफ जा सकती हैं। खुद राहुल ऐसे बयान देते हैं जो पार्टी के लिए मुसीबत का कारण बन जाते हं। धर्म विवाद पर राहुल ने कहा था कि ये उनका निजी मामला है। वो धर्म की नुमाइश नहीं करते हैं, ना ही धर्म की दलाली करते हैं। यहां पर धर्म की दलाली शब्द से राहुल को बचना चाहिए था। ये सारी बातें मीडिया के जरिए आम जनता तक पहुंचती है। जिनको गांधी नेहरू परिवार के बारे में पता है वो आसानी से ये समझ सकते हैं कि राहुल खुद को हिंदू साबित नहीं कर सकते हैं। ऐसे में उनके पंडित होने का सवाल ही कहां से पैदा हो गया। वैसे भी वो पंडित लिखे या फिर जनेुधारी हिंदू बताएं, मुद्दा ये है कि बीजेपी की पिच पर उसे पछाड़ने के चक्कर में कहीं फॉलोआन ना हो जाए।