अब आतंकियों का काल बने कश्मीर के पत्थरबाज, अब आतंक के खिलाफ गरजी घाटी

लीजिए, अब तक जो कश्मीरी युवा आतंकियों के झांसे में पत्थरबाज बन रहे थे, अब वो ही आतंकियों के लिए काल बनते जा रहे हैं। एक शानदार शुरुआत हुई है।

New Delhi, Dec 06: कश्मीर में शायद फिजा बदल रही है। युवाओं को समझ में आने लगा है कि करना क्या है और किस तरह से भविष्य को बचाया जाएगा। जी हां अब कश्मीर के युवा आतंकियों का विरोध करने लगे हैं। जो आतंकी यहां घुसकर स्थानीय युवाओं का ब्रेनवॉश करते थे और उन्हें पत्थरबाज बनाते थे आज उन्ही आतंकियों के लिए ये युवा काल बन गए हैं। कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकियों की एक बड़ी साजिश को नाकाम हो गई है। आतंकियों द्वारा पुलवामा के त्राल इलाके में जम्मू-कश्मीर बैंक की एक शाखा में लूट का प्लान बनाया गया। लेकिन जैसे ही आतंकी इस बैंक में घुसे तो स्थानीय लोगों और युवाओं ने आतंकियों का पुरजोर विरोध किया।

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ये देखकर आतंकी भागने लगे तो युवाओं ने उन पर ही पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। इस तरह से आतंकियों की एक बड़ी साजिश नाकाम हो गई। इस पूरी घटना के बारे में कश्मीर रेंज के आईजी मुनीर खान ने मीडिया को जानकारी दी है। उन्होंने बताया गजवात-ए-हिंद संगठन के आतंकी जाकिर मूसा और उसके दो साथियों ने त्राल में बैंक लूटने की कोशिश की थी। लेकिन स्थानीय लोगों ने इसका पुरजोर विरोध किया। दरअसल नोटबंदी के बाद आतंकी भूखे मर रहे हैं। वो जिस तरह से जाली करेंसी को भारत में सप्लाई करते थे और युवाओं को निशाना बनाते थे, नोटबंदी के बाद वो काम बंद हो गया है।

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पैसे की कमी की वजह से आतंकी युवाओं को धमका रहे हैं कि आतंकी बने। लेकिन युवाओं ने भी अपने मन में ठान ली है कि ऐसा नहीं होगा। इस दौरान आतंकियों की फायरिंग की आवाज सुनकर आसपास के इलाकों में रहने वाले तमाम लोग बैंक के पास पहुंच गए। वहां उन्होंने ना सिर्फ आतंकियों के खिलाफ नारेबाजी की बल्कि उन पर पथराव भी किया। घबराए आतंकियों ने भीड़ पर भी फायरिंग करने की कोशिश की, लेकिन विरोध ऐसा था कि आतंकियों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। इस वजह से पुलिस ने स्थानीय लोगों को बधाई दी है और ऐसे ही काम करते रहने की अपील की है।

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इस बैंक लूट की इस साजिश को लेकर पुलवामा के अवंतीपोरा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। इसके साथ ही पुलिस ने भी अब जांच शुरू कर दी है। ये एक संकेत है कि कश्मीर के युवा अब पत्थरबाज नहीं बनना चाहते। ये एक संकेत है कि कश्मीर के लोग अब आतंकियों से त्रस्त हो गए हैं। इसके साथ ही ये भारत सरकार के लिए भी एक संकेत है कि कश्मीर का युवा उनके प्लान के मुताबिक बदल रहा है और जिंदगी में वापस लौट रहा है। हाल ही में कश्मीर के ही एक पिता ने अपने आतंकी बेटे को खत भेजा था और कहा था कि घर लौट आओ। इसके बाद से कश्मीर के युवाओं में भी अब देश के लिए कुछ करने की ललक जाग रही है।