फारूख अब्दुल्ला की चुनौती का जवाब, लाल चौक पर तिरंगा फहराने गए शिवसैनिक

फारूख अब्दुल्ला की चुनौती को जवाब मिला तो वो सन्न रह गए। हाल ही में फारुख ने चुनौती दी थी कि कश्मीर के लाल चौक पर तिरंग फहरा कर दिखाएं।

New Delhi, Dec 07: लगता है फारूख अब्दुल्ला को उनका बयान महंगा पड़ रहा है। हाल ही में नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के अध्यक्ष फारूख ने केंद्र सरकार को चुनौती दी थी कि श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहरा कर दिखाएं। इसका जवाब देने के लिए शिवसेना ने हुंकार भर दी। कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने के लिए शिवसेना के कार्यकर्ता चल पड़े। इस बीच पुलिस ने कुछ शिवसैनिकों को हिरासत में ले लिया है। पुलिस ऑफिसर का कहना है कि शिवसेना के कार्यकर्ता दो गाड़ियों में सवार होकर क्लॉक टॉवर एरिया तक पहुंच गए थे। इसके बाद पुलिस ने इन कार्यकर्ताओं को एहतियात के तौर पर हिरासत में ले लिया।

Advertisement

हालांकि कुछ देर बाद इन कार्यकर्ताओं को छोड़ भी दिया गया। आखिर ऐसा क्यों हुआ है, इस बारे में भी आपका जानना जरूरी है। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही नेशनल काॅन्फ्रेंस पार्टी के प्रेसिडेंट और श्रीनगर से सांसद अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार और बीजेपी को चुनौती दी थी। उन्होंने चुनौती दी थी कि लाल चौक पर तिरंगा फहराकर दिखाएं। जब शिवसेना को इस बात का पता चला तो पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं की जम्मू यूनिट से अपने कार्यकर्ता कश्मीर में भेजे। इन कार्यकर्ताओं का साफ इरादा था कि लाल चौक पर तिरंगा फहराया जाए। हालांकि, पुलिस ने कार्यकर्ताओं को बीच में ही रोकते हुए सभी 9 लोगों को हिरासत में ले लिया।

Advertisement

इसके बाद हिरासत में लिए गए कार्य़कर्ताओं को कोठीबाग पुलिस स्टेशन ले जाया गया। बताया जा रहा है कि इस दौरान शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने मांग उठाई कि कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया जाए। इसके बाद यहां कुछ लीगल फॉर्मेलिटीज पूरी की गई। इसके बाद कार्यकर्ताओं को छोड़ दिया गया। फारुख ने कहा था कि केंद्र सरकार और बीजेपी PoK में भारतीय झंडा फहराना चाहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि वो बीजेपी और केंद्र सरकार को चुनौती देते हैं कि श्रीनगर के लाल चौक पर ही झंडा फहरा कर दिखा दें। इसके बाद फारूख ने कहा था कि ये लोग इतना भी नहीं कर सकते।

Advertisement

हालांकि ये पहली बार नहीं है जब शिवसेना ने लाल चौक पर तिरंगा फहराने की कोशिश की है। बीते साल गणतंत्र दिवस के मौके पर भी दो शिवसेना कार्यकर्ताओं ने लाल चौक पर तिरंगा फहराने की कोशिश की थी। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया था। फारूख अब्दुल्ला लगातार अपनी बयानबाजी को लेकर चर्चा में रहते हैं। बीजेपी के कई नेताओं की नजर में फारूख चढ़े हुए हैं। आपको याद होगा कि फारूख अब्दुल्ला ने ही कहा था कि कश्मीर किसी के बाप का नहीं है, इसके बाद भी देशभर की राजनीति में काफी बवाल मचा था। देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है।