फर्क कांग्रेस और बीजेपी का, शहजाद पूनावाला और शत्रुघ्न सिन्हा से समझिए
शत्रुघ्न सिन्हा के उदाहरण से समझा जा सकता है कि कांग्रेस और बीजेपी में क्या फर्क है. सिन्हा अभी भी बीजेपी में हैं, शहजाद पूनावाला का क्या हाल हुआ ये सब जानते हैं।
New Delhi, Dec 11: देश की दो बड़ी राजनीतिक पार्टियों के बीच गुजरात में चुनावी जंग छिड़ी हुई है। दोनों एक दूसरे पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं। कांग्रेस और बीजेपी के बीच की जंग कई मोर्चों पर चल रही है। दोनों पार्टियों के बीच का फर्क समझने के लिए कई उदाहरण मौजूद हैं, सबसे पहले बात करते हैं सहिष्णुता की, दोनों पार्टियों में अपने खिलाफ बातें सुनने की कितनी क्षमता है इस बारे में बात करते हैं। सबसे पहले आपको बताते हैं बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने पीएम मोदी पर क्या हमला किया है। सिन्हा ने गुजरात चुनाव में प्रचार को लेकर मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने प्रधानमंत्री का नाम लिए बिना कहा कि वो सांप्रदायिकता घोलना बंद करें और विकास की बात करें।
शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट कर के लिखा कि चुनाव मं जीत के लिए हर दिन अपने सियासी विरोधियों के खिलाफ कहानियां लकर क्यों आ रहे हैं। सिन्हा ने लिखा कि चुनाव में पाकिस्तान के उच्चायुक्त और जनरल को घसीटना अविश्वनीय है। खास बात ये है कि सिन्हा ने पीएम मोदी का नाम नहीं लिया केवल सर लिख कर संबोधित किया है। अपने ट्वीट में सिन्हा ने आगे लिखा है कि माहौल को सांप्रदायिक बनाना बंद करिए और उन मुद्दों पर बात करिए जिनका वादा किया था। घर विकास, रोजगार, युवा और स्वास्थ के साथ विकास मॉडल पर बात करिए। ये बीजेपी सांसद सिन्हा का पीएम मोदी पर पहला हमला नहीं था, इस से पहले भी वो कई बार मोदी की नीतियों पर सवाल खड़ा कर चुके हैं। केवल सिन्हा ही नहीं बल्कि अरुण सौरी समेत यशवंत सिन्हा भी पीएम मोदी के खिलाफ आवाज बुलंद कर चुके हैं। लेकिन ये सभी अभी भी बीजेपी के सम्मानित नेता हैं।
अब बात करते हैं कांग्रेस नेता शहजाद पूनावाला के बारे में, शहजाद ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी के चुनाव को सेलेक्शन बताया था. उन्होंने कहा था कि ये फर्जी है, राहुल का चुना जाना काफी पहले से तय था। उन्होंने कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप लगाए, कहा कि ये वंशवादी पार्टी है, उन्होंने कई सबूत भी पेश किए जो इस तरफ संकेत दे रहे हैं कि अध्यक्ष पद पर राहुल के चुनाव का ड्रामा किया जा रहा है। शहजाद के आरोपों के फौरन बाद कांग्रेस ने कह दिया कि वो कांग्रेस के नेता है ही नहीं, यहां तक कि उनके भाई तहसीन पूनावाला ने तो उनसे अपने सारे संबंध खत्म कर लिए, शहजाद को धमकियां मिल रही हैं। शहजाद का कसूर केवल इतना है कि उन्होंने राहुल गांधी पर सवाल खड़े किए हैं।
अब बात करते हैं कांग्रेस और बीजेपी के फर्क के बारे में, बीजेपी के खिलाफ हमला करने वाले कहते हैं कि पार्टी में शाह और मोदी के खिलाफ बोलने वालों को किनारे लगा दिया जाता है। लेकिन अभी तक शत्रुघ्न सिन्हा, यशवंत सिन्हा पार्टी में बने हुए हैं। वहीं शहजाद पूनावाला को आरोप लगाने के फौरन बाद ही पार्टी से बेदखल कर दिया गया। यहां तक कि उनको पहचानने से इंकार कर दिया। राहुल गांधी बताएं कि ये कौन सा आंतरिक लोकतंत्र है जिस में विरोध की आवाज सुनने की ताकत भी नहीं हैा। राहुल गांधी कहते हैं कि पार्टी में सबकी बात सुनी जाएगी, लेकिन शहजाद पूनावाला का उदाहरण ये समझने के लिए काफी है कि कांग्रेस में गांधी परिवार के खिलाफ बोलने वाले की कोई जगह नहीं है।