फारूख अब्‍दुल्‍ला ने कांग्रेस को दिखा दी उसकी औकात, कर दिया ‘सियासी जंग’ एलान

फारूख अब्‍दुल्‍ला ने अब राजनीति में एेकला चल का फार्मूला अपनाने का मन बना लिया है। फारुख का एलान कांग्रेस पार्टी को परेशान कर सकता है।

New Delhi Dec 13 : अपने विवादित बयानों के लिए देशभर में पहचाने जाने वाले नेशनल कांफ्रेंस के अध्‍यक्ष फारूख अब्‍दुल्‍ला ने एलान किया है कि उनकी पार्टी जम्‍मू-कश्‍मीर में अगले विधानसभा चुनाव अपने दम पर ही लड़ेगी। वो किसी भी दल के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या फारूख अब्‍दुल्‍ला ने कांग्रेस पार्टी को उसकी औकात दिखा दी है या फिर उसकी मुश्किलों को बढ़ा दिया है। दरअसल, लंबे समय से नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस पार्टी में लंबे समय से गठबंधन रहा है। पीडीपी-बीजेपी गठबंधन वाली सरकार से पहले जम्‍मू-कश्‍मीर में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार हुआ करती थी। हालांकि पिछले विधानसभा के दौरान ही दोनों पार्टियों में खटास आ गई थी। लेकिन, चुनाव के बाद भी गठबंधन की कोशिशें हुई थीं। लेकिन, सीटों का समीकरण नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के फेवर में नहीं था।

Advertisement

अब एक बार फिर फारूख अब्‍दुल्‍ला ने साफ कर दिया है कि वो अगले विधानसभा चुनाव में किसी भी दल के साथ कोई गठबंधन नहीं करेंगे। फारूख अब्‍दुल्‍ला को यकीन है कि उनकी पार्टी अकेले अपने दम पर जम्‍मू-कश्‍मीर में व्‍यापक जनादेश हासिल कर लेगी। फारूख अब्‍दुल्‍ला का ये कांफिडेंस ओवर कांफिडेंस भी हो सकता है। जिसका नतीजा जल्‍द ही सबके सामने होगा। फारूख अब्‍दुल्‍ला का कहना है कि जम्‍मू-कश्‍मीर के सामने जो समस्‍याएं और चुनौतियां हैं उसका समाधान सिर्फ स्थिर, मजबूत औश्र जन हितैषी सरकार से ही हो सकता है। दरसअल, हकीकत ये है कि फारूख अब्‍दुल्‍ला अंदर ही अंदर काफी बौखलाए हुए हैं। नेशनल कांफ्रेंस ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि कभी जम्‍मू-कश्‍मीर में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होगी।

Advertisement

लेकिन, पिछले विधानसभा चुनाव में जिस तरह से पीडीपी और बीजेपी को जम्‍मू-कश्‍मीर की जनता का साथ मिला उससे साफ है कि बीजेपी का जनादेश इस राज्‍य में बढ़ा है। सही मायने में देखा जाए तो केंद्र सरकार की ओर से इस वक्‍त कश्‍मीर के लिए जो रणनीति अपनाई जा रही है जनता उससे काफी खुश है। कश्‍मीर के लोग चाहते हैं घाटी में शांति बहाली हो। इंडियन आर्मी ने यहां पर ऑपरेशन ऑल आउट चला रखा है। जम्‍मू-कश्‍मीर के लोग इसका पूरा श्रेय बीजेपी की सरकार को दे रहे हैं। खासतौर पर जम्‍मू के लोग काफी खुश हैं। उनका कहना है कि पहली बार किसी सरकार ने आतंकियों के खिलाफ इतनी हिम्‍मत दिखाई है। आतंकियों के होश उड़ा दिए हैं। जनता की इस नब्‍ज को फारूख अब्‍दुल्‍ला ने पकड़ लिया है। शायद इसीलिए उनकी बैचेनी और बढ़ गई है।

Advertisement

इस सूरत में फारूख अब्‍दुल्‍ला ने जम्‍मू-कश्‍मीर के लोगों को लुभाने के लिए नई चाल चली है। उनका कहना है कि जब राज्‍य में नेशनल कांफ्रेंस की सरकार बनेगी तो विधानसभा के पहले सत्र में ही क्षेत्रीय स्वायत्तता को लेकर एक विधेयक लाया जाएगा। अब तक उन्‍होंने ऐसा क्‍यों नहीं किया इसका जवाब ना तो फारूख अब्‍दुल्‍ला के पास है और ना ही उनके बेटे उमर अब्‍दुल्‍ला के पास। हालांकि अभी राज्‍य में चुनाव में काफी वक्‍त है। लेकिन, फारूख अब्‍दुल्‍ला  को लगता है कि अगर उन्‍होंने अभी से मेहनत नहीं की तो अगले चुनाव में कहीं बीजेपी को पूर्ण बहुमत ना मिल जाए। यही वजह है कि फारूख चाहते हैं कि नेशनल कांफ्रेंस अपने दम पर चुनाव लड़े गठबंधन के रास्‍ते तो बाद में भी खुले ही रहेंगे। अब्‍दुल्‍ला को ये भी अंदाजा लगाना है कि उनकी पार्टी है कितने पानी में, साथ ही कांग्रेस को उसकी औकात भी तो बतानी है।