बेगानी शादी में पाकिस्तान दीवाना, चाबहार पोर्ट को लेकर बनाया ख्याली पुलाव
चाबहार पोर्ट के उद्घाटन के मौके पर पाकिस्तान का एक मंत्री भी वहां मौजूद था, इसी खबर को पाक मीडिया ने ऐसे छापा जैसे पाकिस्तान को अमृत मिल गया हो।
New Delhi, Dec 14: पाकिस्तान के बारे में क्या कहा जाए, ये देश अलग ही माहौल में रहता है, वहां की सरकार को जनता को बेवकूफ बनाने में बड़ा मजा आता है, हकीकत के धरातल से दूर कल्पनाओं के आसमान में जनता को टहलाने की कोशिश बदस्तूर जारी रहती है। भारत के साथ पाकिस्तान लगातार अपनी तुलना करता रहता है, जबकि सच्चाई ये है कि भारत की तुलना में पाकिस्तान कहीं नहीं ठहरता है। चीन के हाथों बिकने वाला पाकिस्तान चाबहार पोर्ट के मामले में भी दखल दे रहा है, जो उसका ख्याली पुलाव है। बता दें कि हाल ही में चाबहार पोर्ट के पहले चरण का उद्घाटन किया गया है। ये भारत की मदद से तैयार हुआ है। इस पोर्ट की अहमियत भारत के लिए बहुत ज्यादा है।
चाबहार के जरिए भारत ने पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट का जवाब दिया है, इस से पाकिस्तान को मिर्ची लगनी तय थी, जो चीन के साथ के कारण कुछ ज्यादा ही हवा में उड़ रहा है। उसे शायद ये मुगालता है कुछ भी हो जाए इस्लामी देश उसका साथ नहीं छोड़ेंगे, चाबहार पोर्ट ईरान में है. अब पाकिस्तान के मीडिया ने ऐसी खबरें छापी और दिखाई हैं जिस से पाक जनता को ये लगे कि चाबहार का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ नहीं किया जाएगा। इसका कारण ये है कि ईरान इस्लामिक देश है और पाकिस्तान को नाराज नहीं करना चाहता है। इसी के साथ पाक मीडिया में ये भी दिखाया गया है कि चाबहार के पहले फेज के उद्घाटन के मौके पर पाकिस्तान के एक मंत्री को भी ईरान ने बुलाया था।
उद्घाटन के मौके पर ईरान के राष्ट्रपति के साथ पाकिस्तान के मंत्री को खड़ा किया गया था। ईरान और पाकिस्तान के संबंध बहुत अच्छे नहीं है, इसी को लेकर कहा जा रहा है कि ये पाकिस्तान के लिए बड़ी उपलब्धि है। इसे एक बड़े बदलाव के तौर पर पाकिस्तान मीडिया पेश कर रहा है। बता दें कि चाबहार बंदरगाह के पहले फेज का उद्घाटन ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने किया था। इस मौके पर पाकिस्तान के पोर्ट मिनिस्टर हासिल खान बिजेंजो भी उनके साथ खड़े नजर आए। बस इसी के आधार पर पाक मीडिया ने नए फसाने गढ़ दिए, कहा कि चाबहार से पाकिस्तान को कोई खतरा नहीं है। पाक अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा है कि ये संयोग नहीं है बल्कि सोची समझी रणनीति है।
अखबार ने ईरान के एक राजनयिक के हवाले से ये भी छापा है कि ईरान के इस कदम से साफ है कि वो चाबहार का इस्तेमाल भारत या किसी भी देश को पाकिस्तान के खिलाफ नहीं करने देगा। इसे क्या कहा जाए, पाकिस्तान गलतफहमी का शिकार है, इस तरह के आयोजन में दूसरे देशों के मंत्रियों को बुलाना एक सामान्य शिष्टाचार प्रक्रिया है। लेकिन पाकिस्तान की सरकार और सरकार पोषित मीडिया तो इसे एक बड़ा महत्वपूर्ण कदम बता रहे हैं। उनका कहना है कि भारत को जो रणनीतिक बढ़त मिली है वो किसी काम की नहीं है। जबकि हकीकत ये है कि चाबहार के जरिए भारत का व्यापार बिना पाकिस्तान गए ही अफगानिस्तान और यूरोप तक पहुंच जाएगा। वहीं इसका सैन्य महत्व भी बहुत ज्यादा है। लेकिन पाकिस्तान तो बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है।