अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले की तारीफ

विपक्ष एक साल बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले को जनविरोधी बता रहा है। जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इसकी तारीफ की है।

New Delhi Dec 15 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साल पहले नोटबंदी का फैसला लिया था। आठ नवंबर को अचानक वो देश की जनता के सामने आए थे और नोटबंदी का एलान करते हुए कह दिया था कि रात बारह बजे के बाद पांच सौ और एक हजार के पुराने नोट लीगल टेंडर नहीं रहेंगे। विपक्ष ने मोदी के इस फैसले पर जमकर विरोध जताया था। जबकि मोदी का ये फैसला कालेधन के खिलाफ था। एक साल बाद भी विपक्ष ये कहता है कि नोटबंदी से देश बर्बाद हुआ है। जबकि अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले की तारीफ की है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि नोटबंदी से मिलने वाले फायदे लंबे समय तक बने रहेंगे। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने ये भी कहा है कि इसके शानदार लाभ होंगे।

Advertisement

न्‍यूज एजेंसियों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के विलियम मरे ने अपनी एक प्रेस कांफ्रेंस में नोटबंदी का जिक्र किया और दावा किया कि इससे भारत को शानदार फायदे होंगे। सबसे खास बात ये है कि इन फायदों का असर भारत में लंबे समय तक दिखाई पड़ेगा। जाहिर है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बयान के सामने आने के बाद विपक्ष को समझ में नहीं आ रहा होगा कि वो इस पर अपनी क्‍या प्रतिक्रिया दे। वो भी ऐसी सूरत में जब कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में नोटबंदी को खूब भुनाने की कोशिश की थी। हालांकि इसमें कोई शक नहीं है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का फैसला लिया था उस वक्‍त आम आदमी को काफी दिक्‍कतों का सामना करना पड़ा था।

Advertisement

लेकिन, देश की जनता ने काले धन के खिलाफ मोदी की इस जंग में उन्‍हें पूरा सपोर्ट दिया और जनता मोदी के फैसले के साथ खड़ी रही। जबकि विपक्ष उस वक्‍त भी नोटबंदी के खिलाफ था और आज भी है। हालांकि हर मौके पर उसे मुंह की ही खानी  पड़ी है। उधर, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के विलियम मरे का कहना है कि नोटबंदी से भारत में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिला है। आपको ध्‍यान होगा कि नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की जनता से ज्‍यादा कैशलेस इकोनॉकी का इस्‍तेमाल करने को कहा था। शायद यही वजह है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष भी अब ये मान रहा है कि नोटबंदी से डिजिटल भुगतान बढ़ा है। मरे का कहना है कि नोटबंदी ने बैंकिंग प्रणामी को मजबूत करने का काम किया है।

Advertisement

उन्‍होंने कहा कि इससे आने समय में इसके और भी बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष जनवरी महीने में हिंदुस्‍तान के साथ दुनिया के अन्य देशों की विकास दर को लेकर अपना अनुमान जारी करेगा। जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इसी साल अप्रैल में साल 2017 के लिए देश की विकास दर के अनुमान में 0.4 फीसदी की कटौती कर दी थी। जिसके बाद उसने विकास दर का अनुमान 7.2 फीसदी आंका था। हालांकि उस वक्‍त भी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने ग्रोथ रेट में 0.4 फीसदी की वजह नोटबंदी को ही बताया था। लेकिन, अब उसका भी आकलन बदलता हुआ नजर आ रहा है। ऐसे में सभी को इंतजार जनवरी का है जब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष विकास दर को लेकर अपना अनुमान जारी करेगा।