AAP को सोचना होगा, गुजरात में अरविंद केजरीवाल के नाम की चर्चा तक नहीं हुई

आम आदमी पार्टी दिल्‍ली से बाहर निकलने के लिए झटपटा रही है। लेकिन, गुजरात चुनाव में अरविंद केजरीवाल के नाम की चर्चा तक नहीं हुई।

New Delhi Dec 16 : अरविंद केजरीवाल जब राजनीति में आए थे तो उन्‍होंने जनता से वादा किया था वो उन्‍हें राजनीति का विकल्‍प देंगे। लेकिन, मौजूदा वक्‍त में लगता है कि आम आदमी पार्टी की राजनीति बीजेपी या फिर कांग्रेस से कुछ अलग है। जो सियासत दूसरी पार्टियों में होती है वहीं राजनीति आम आदमी पार्टी में भी दिख रही है। शायद यही  वजह है कि अब आम आदमी पार्टी जनता को खलने लगी है। अब गुजरात विधानसभा चुनाव को ही ले लीजिए। अभी गुरुवार को ही गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण का मतदान हुआ था। इधर मतदान खत्‍म हुआ उधर, टीवी चैनलों पर एग्जिट पोल के नजीतों की ब्रेकिंग आनी शुरु हो गई थी। लेकिन, सबसे खास बात ये है कि इन ब्रेकिंग न्‍यूज में ना तो अरविंद केजरीवाल अपनी जगह बना पाए और ना ही उनकी पार्टी कहीं शामिल हो पाई।

Advertisement

ऐसा क्‍यों हुआ ये खुद अरविंद केजरीवाल को सोचना और समझना होगा। लेकिन, अरविंद केजरीवाल के लिए इससे ज्‍यादा अफसोस की बात और क्‍या हो सकती है कि एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी का नाम तक शामिल नहीं किया गया और ना ही इस पार्टी की कहीं कोइ्र चर्चा हुई। जबकि गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने कई सीटों पर अपने उम्‍मीदवार उतारे थे। उनका क्‍या हश्र होगा इसका पता 18 दिसंबर को ही चलेगा। माना जा रहा है कि जिस तरह से गोवा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी कुछ इसी तरह गुजरात में भी अरविंद केजरीवाल के ज्‍यादातर उम्‍मीदवारों की जमानत जब्‍त होने की ही आशंका जताई जा रही है। अगर ऐसा हुआ तो वाकई केजरीवाल के लिए ये शर्म की बात होगी।

Advertisement

हालांकि एक बात को सभी को पता है कि माटी की हांडी बार-बार नहीं चढ़ा सकती है और ना ही हर राज्‍य की तुलना दिल्‍ली से कर सकते हैं। आम आदमी पार्टी ने दिल्‍ली में पहले अटेंम्‍ट में ही बाजी मार ली थी। इसके बाद अरविंद केजरीवाल को लगा होगा कि हर चुनाव को जीतना बेहद आसान है। जबकि ये बात हकीकत से कोसो दूर थी। दिल्‍ली में जीत के बाद अरविंद केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में भी अपनी किस्‍मत आजमाई थी। चार सीटों पर उसे जीत हासिल हुई। चारों सीटों पंजाब से थी। केजरीवाल का हौंसला और बढ़ गया था। इसके बाद केजरीवाल की पार्टी ने पंजाब और गुजरात विधानसभा चुनाव में लड़ने का मन बनाया। केजरीवाल ने पूरी की पूरी ताकत इन चुनावों में झोंक दी थी। पंजाब में तो कुछ हासिल भी हुआ लेकिन, गोवा में खाता तक नहीं खुल सका।

Advertisement

हालांकि अरविंद केजरीवाल ने पिछले साल से ही गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए अपनी तैयारी शुरु कर दी थी। लेकिन, पंजाब और गोवा के नतीजे सामने आने के बाद गुजरात से भी ये बात सामने आने लगी थी कि अभी आम आदमी पार्टी इन चुनावों में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है। तब अरविंद केजरीवाल ने इन चुनावों में हिस्‍सा ना लेने का मन बना लिया था। लेकिन, जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आए दिल्‍ली की टीम को गुजरात में उतार दिया गया। गोपाल राय ने गुजरात में ही डेरा जमा लिया। केजरीवाल भी प्रचार में गए। लेकिन, आम आदमी पार्टी की ऐसी दुगर्ति होगी ये किसी ने सोचा तक नहीं था। एग्जिट पोल तक में आम आदमी पार्टी को एक कॉलम तक नसीम नहीं हुआ। अरविंद केजरीवाल को इन सब के बारे में सोचना होगा। कहीं देशभर में पैर फैलाने के चक्‍कर में दिल्‍ली से ही AAP के पैर ना उखड़ जाएं।