ब्रह्मोस मिसाइल के लिए तैयार हो रहे हैं 40 सुखोई विमान, क्या है सरकार का इरादा?

मोदी सरकार के दौरान देश की सेना लगातार मजबूत हो रही है। ब्रह्मोस मिसाइल जो सबसे खतरनाक मानी जाती है उसके लिए सुखोई विमानों को तैयार किया जा रहा है।

New Delhi, Dec 17: जिन जिन को इस बात में दिलचस्पी है कि देश की सेना से जुड़ी हुई ताजा खबर क्या है, वो लोग ये जरूर पढ़ें। और जन लोगों की दिलचस्पी नहीं है वो भी पढ़ें, और पढ़कर सोचें कि देश की सेना किस तरह से खुद को आपात स्थिति के लिए तैयार कर रही है। ये खबर देश के दुश्मनों को भी पढ़नी चाहिए, जिस से उनके हौसले पस्त हो जाएंगे, वो भारत की तरफ आंख उठाने की जुर्रत नहीं करेंगे। तो चलिए आपको बताते हैं कि ये कौन सी खबर है, जिसने देश के दुश्मनों के होश उड़ा रखे हैं। आपको कुछ दिन पहले पता चला होगा कि भारत ने सबसे खतरनाक ब्रह्मोस मिसाइल का लड़ाकू विमान से परीक्षण किया था। उसका वीडियो भी सामने आया था, जो वायरल हो गया था।

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अब आपको बताते हैं कि उसके बाद भारतीय सेना क्या कर रही है। भारतीय वायुसेना की जरूरतो को देखते हुए 40 सुखोई लड़ाकू विमानों में बदलाव किया जा रहा है। इस बदलाव के बाद ये सभी लड़ाकू विमान ब्रह्मोस को ले जाने में सक्षम होंगे। सुखोई से ब्रह्मोस को लॉन्च किया जा सकेगा। बता दें कि ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तेज रफ्तार सुपरसोनिक मिसाइल है। इसका सुखोई से पहला परीक्षण 22 नवंबर को किया गया था, जो सफल रहा था। इसी के साथ इंडियन एयरफोर्स की मारक क्षमता में इजाफा हो गया है। सुखोई से ब्रह्मोस का जब परीक्षण किया गया था तो वो अपने निशाने पर सटीक जा कर गिरी थी। आकाश से मिसाइल लॉन्च करने में ये बड़ी सफलता थी।

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जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक 40 सुखोई विमानों को ब्रह्मोस को लॉन्च करने के लिए तैयार करने का काम शुरू हो गया है। इस योजना के 2020 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। ऐसा होने के बाद देश के दुश्मनों के हौसले पस्त हो जाएंगे, भारतीय वायुसेना वैसे भी दुनिया की सबसे ताकतवर वायुसेना में से एक मानी जाती है। इसका लोहा दुनिया कई बार मान चुकी है। ब्रह्मोस को धरती, जल और आकाश से लॉन्च करने में भारत सफल रहा है। ब्रह्मोस के प्रक्षेपण के लायक बनाने के मकसद से हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड में 40 सुखोई विमानों में संरचनात्मक बदलाव किये जा रहे हैं। सारे सुखोई विमान में ये बदलाव किया जाएगा, जिनके बाद इनसे ब्रह्मोस को लॉन्च किया जा सकेगा।

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बता दें कु ब्रह्मोस का वजन करीब ढाई टन है। ये मिसाइल आवाज की गति से तीन गुना तेज, मैक 2.8 की गति से चलता है और इसकी मारक क्षमता 250 किलोमीटर है। इसकी मारक क्षमका को बढ़ाया भी जा रहा है। भारत को पिछले साल मिसाइल टेक्नॉलजी कंट्रोल रेजीम MTCR की पूर्ण सदस्यता मिल गई थी, जिसके बाद भारत पर लगे कई तकनीकी प्रतिबंध हटा दिए गए हैं. भारत अब मिसाइल तकनीक दूसरे देशों से ले सकता है। इसी के चलते इस मिसाइल की क्षमता को बढ़ाकर 400 किलोमीटर तक किया जा सकता है। भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम वाला ब्रह्मोस मिसाइल सुखोई-30 लड़ाकू विमानों के साथ तैनात किया जाने वाला सबसे भारी हथियार होगा। अब बताइए, ये खबर है ना जोश जगाने वाली, सैन्य ताकत के लिहाज से भारत अब दुनिया के शीर्ष देशों में आ रहा है।