हवाई किले में राहुल गांधी, कांग्रेसियों का एक गुट अलग ही प्लान बना रहा है

राहुल गांधी अध्यक्ष बन गए हैं, इसी के साथ उनके खिलाफ कांग्रेसियों का एक गुट सक्रिय हो सकता है। जो उनको पहले अजीब अजीब सलाह दिया करता था।

New Delhi, Dec 17: जब भी किसी पार्टी में ऊपर के स्तर पर बदलाव होते हैं तो उसका असर पूरी पार्टी पर पड़ता है। जरूरी नहीं कि बदलाव हर किसी को पसंद ही हो, हो सकता है कि कोई ऐसा भी हो जो बदलाव से खुश ना हो, जिस जगह पर किसी को बिठाया जा रहा है वहां पर कोई खुद को देखता हो, कांग्रेस की हालत फिलहाल तो ऐसी ही लग रही है। कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी की ताजपोशी हो गई है। उनको अध्यक्ष पद का सर्टिफिकेट मिल गया है। वो आधिकारिक रूप से कांग्रेस के कर्ताधर्ता हो गए हैं। लेकिन क्या इस बदलाव से सभी कांग्रेसी खुश हैं, ये सवाल इसलिए उठ रहा है कि अतीत में ऐसी घटनाएं देखने को मिल चुकी हैं।

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कांग्रेस और गुटबाजी एक दूसरे के साथ चलते हैं, राज्य इकाइयों में गुटबाजी की खबरें अक्सर आती रहती हैं। कांग्रेस मं नेताओं का एक ऐसा भी गुट है जो नहीं चाहता है कि राहुल आगे बढ़ें, अभी तक राहुल ने सियासत में जितनी भी गलतियां की है उनके पीछे उनके सलाहकारों का बहुत बड़ा हाथ है। अक्सर ये सुना जाता है जब विरोधी राहुल पर हमला करते हैं तो कहते हैं कि राहुल को अपने सलाहकार बदलने की जरूरत है। गुजरात में देखिए, राहुल ने पहली बार अशोक गहलोत को अहम जिम्मेदारी दी और उन्होंने राज्य में पार्टी की काया पलट के रख दी। गहलोत को सम्मान के साथ जिम्मेदारी दी और उन्होंने नतीजा दिखाया, इस से पहले राहुल के सलाहकार ज्यादातर वो होते थे जो गांधी परिवार के करीबी हैं।

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इस तरह से देखें तो फिलहाल जो हालात है वो राहुल गांधी को हवाई किले में बिठाने जैसे हैं। राहुल को अध्यक्ष पद का सर्टिफिकेट मिला तो वहां पर जितने भी नेता मौजूद थे वो सभी गांधी परिवार के करीबी हैं। मोतीलाल वोरा, मधुसूदन मिस्त्री जैसे नेता जो अब तक गांधी परिवार से वफादारी के कारण पार्टी में बने हुए हैं। इसी तरह से कई और लोग हैं जो शायद खुद को अध्यक्ष की कुर्सी पर देखते होंगे, लेकिन अब जबकि सोनिया गांधी ने अपने बेटे राहुल को अध्यक्ष बना दिया है तो पार्टी का वो गुट राहुल के खिलाफ सक्रिय हो सकता है। हो सकता है कि वो राहुल को ऐसी सलाहें दें जो उनके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं। गुजरात में राहुल ने कोई गलती नहीं की, सिवाय एक या दो मौकों को छोड़कर, ऐसे में उनका उभार कांग्रेस को उन दरबारी नेताओं को शायद अच्छा ना लगे।

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कांग्रेस में गुटबाजी का खुलासा शंकर सिंह वाघेला के बयान से होता है, वाघेला ने हाल ही में कहा था कि गुजरात में बीजेपी जीत रही है, वो इसलिए क्योंकि कांग्रेस के कई नेताओं ने पार्टी को हराने की सुपारी ली है। शंकर सिंह वाघेला कांग्रेस के पुराने नेता रहे हैं। असंतोष के कारण उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उनकी बातों को हल्के में लेने का असर एग्जिट पोल्स में दिखाई दे रहा है। पूरी ताकत लगाने के बाद भी कांग्रेस गुजरात में हारती हुई दिख रही है। साफ है कि राहुल गांधी के ये देखना होगा कि उनके आस पास किस तरह के लोग हैं। जैसी गलतियां वो अतीत में कर चुके हैं वैसी गलतियों से बचना होगा, हवा में महल बनाने से अच्छा होगा कि वो जमीन पर काम करें।