2019 के लिए उद्धव ठाकरे कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी से करेंगे गठबंधन ?

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और बीजेपी के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। इस बीच शिवसेना का झुकाव कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी की ओर से बढ़ रहा है।

New Delhi Dec 18 : 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले एनडीए की तस्‍वीर बदली हुई नजर आ सकती है। एनडीए की इस संभावित तस्‍वीर से शिवसेना गायब हो सकती है। बहुत मुमकिन है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आपको यूपीए के पाले में खड़े दिखाई पड़ें। ये बातें ऐसे ही नहीं बल्कि तथ्‍यों के आधार पर की जा रही है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अभी से कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी पर सियासी डोरे डालने शुरु कर दिए हैं। उनकी तारीफों में कसीदे पढ़े जा रहे हैं। शिवसेना अपने मुखपत्र सामना में राहुल गांधी को जगह देने लगी है। मतलब साफ है कि 2019 में शिवेसना कांग्रेस के साथ गठबंधन की प्‍लानिंग कर रही है। इससे पहले उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्‍य ठाकरे इस बात का एलान कर चुके हैं कि साल भीतर उनका और बीजेपी का गठबंधन टूट जाएगा।

Advertisement

दरअसल, बीजेपी और शिवेसना के बीच लंबे समय से तनातनी जारी है। उद्धव ठाकरे को लगता है कि वो बीजेपी पर हमला कर और उसके विरोधियों को साध कर पार्टी को दवबा में ले सकते हैं। लेकिन, उनकी सभी तरह की चालें नाकाम साबित हो रही हैं। ऐसे में अब उद्धव ठाकरे के सामने बीजेपी या फिर कांग्रेस में से किसी एक को ही चुनने का ऑप्‍शन नजर आ रहा है। शायद यही वजह है कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में राहुल गांधी की जमकर तारीफ की गई है। इतना ही नहीं शिवसेना ने राहुल गांधी से भविष्य में काफी उम्मीदें भी लगा रखी हैं। समझदार लोगों को इसके मतलब बताने की कोई जरुरत नहीं है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में लिखा है कि राहुल गांधी को मौका मिलना चाहिए।

Advertisement

दरसअल, इस वक्‍त कांग्रेस पार्टी में सोनिया गांधी के बाद अब राहुल युग की शुरुआत हो गई है। सामना में राहुल गांधी की तारीफ करते हुए लिखा गया है कि वो कांग्रेस की कमान ऐसे वक्‍त में संभाल रहे हैं जब कांग्रेस पार्टी को अपने अस्तित्‍व को लेकर संघर्ष करना पड़ रहा है। सामना में लिखा गया है कि कांगेस पार्टी में हर स्‍तर पर गिरावट आई है। यहां तक की 2014 में तो वो मुख्‍य विपक्षी पार्टी बनने के लायक तक नहीं बची थी। ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी युवा कंधों के भरोसे है। देश की सबसे बड़ी पार्टी का भविष्‍य अब युवा हाथों में ही है। सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि कांग्रेस पार्टी इस वक्‍त अपनी अंतिम सांसे ले रही है। कांग्रेस को बुरे वक्‍त से निकालने की जिम्‍मेदारी राहुल गांधी को मिली है।

Advertisement

उन्‍हें कुछ वक्‍त देना चाहिए। इसके साथ ही उद्धव ठाकरे की पार्टी के मुखपत्र ने उन लोगों पर निशाना साधा है जो राहुल गांधी के नेतृत्‍व क्षमता पर सवाल खड़े करते हैं। जाहिर है सामना का निशाना बीजेपी पर था। सामना में लिखा गया है कि राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस पार्टी से हमारा काफी मतभेद है। ये मतभेद उनकी दिखावटी विचारधारा से है। सामना ने राहुल गांधी को सुझाव दिया है कि आने वाले वक्‍त में उन्‍हें देश की चुनौतियों के सामने खुलकर बोलना होगा। सामना ये भी कह रहा है कि उन्‍होंने सत्‍तारुढ दलों को कड़ी चुनौती दी  है जो काबिले तारीफ है। उद्धव ठाकरे की पार्टी कहती है कि जो लोग ये कहते हैं कि नेहरू और गांधी परिवार का देश के विकास में कोई योगदान नहीं है वो लोग गलत और अज्ञानी हैं। साठ साल में देश ने काफी तरक्‍की की है। जिसका श्रेय कांग्रेस को ही जाता है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या 2019 के लिए ही उद्धव ठाकरे राहुल गांधी के कसीदे पढ़ रहे हैं।