जयराम ठाकुर होंगे हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री, विधायक दल की बैठक में लगी मुहर

हिमाचल प्रदेश में सीएम चेहरे को लेकर जारी सस्पेंस खत्म हो गया है, बीजेपी विधायक दल की बैठक में जयराम ठाकुर के नाम पर मुहर लग गई है।

New Delhi, Dec 24: हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के सामने मुख्यमंत्री चुनने की समस्या थी, ये अब खत्म हो गई है। विधायक दल की बैठक में जयराम ठाकुर के नाम पर मुहर लग गई है. वो राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। जयराम के नाम का प्रस्ताव प्रेम कुमार धूमल ने किया, जिसका सभी विधायकों ने समर्थन किया। पार्टी के पर्यवेक्षक के तौर पर हिमाचल गए नरेंद्र तोमर ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार बनाने के लिए अब राज्यपाल से मुलाकात की जाएगी, उसके बाद तय समय पर शपथग्रहण समारोह किया जाएगा। बता दें कि हिमाचल में सीएम की रेस में जयराम के साथ साथ केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा का नाम भी चल रहा था। लेकिन आखिर में नड्डा इस रेस में पिछड़ गए।

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बता दें कि हिमाचल प्रदेश में बीजेपी के सीएम कैंडिडेट रहे प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए थे, जिसके बाद से सीएम पद के चेहरे को लेकर चर्चा हो रही थी। अलग अलग नाम चर्चा में बने हुए थे। बीजेपी के लिए समस्या इस बात की थी कि जो भी नेता दावेदारी पेश कर रहे थे उनके समर्थक नारेबाजी कर रहे थे, इस से पार्टी की किरकिरी हो रही थी। शुरू में सीएम पद की रेस में कई नाम थे, लेकिन आखिर में जयराम ठाकुर और जेपी नड्डा ही रेस में बचे थे। नड्डा हिमाचल से आते हैं, इस लिए उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी, इसके अलावा वो अमित शाह के करीबी भी बताए जाते हैं। लेकिन सभी की उम्मीदों के विपरीत बीजेपी ने जयराम को मुख्यमंत्री पद के लिए चुन लिया है।

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अब आपको बताते हैं जयराम कौन हैं और कैसे वो मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच गए, जयराम हिमाचल बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं, इसके अलावा वो हिमाचल में बीजेपी की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। मंडी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले ठाकुर के बारे में कहा जाता है कि वो संगठन के आदमी हैं, संगठन पर उनकी अच्छी पकड़ है। चुनाव के नतीजों में बीजेपी को बहुमत मिलने के बाद जयराम ने कहा था कि अगर उनको सीएम बनाया जाता है वो ये जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हैं। कुल मिलाकर बीजेपी ने इस बार नए चेहरे पर दांव खेला है, इस से ये सा हो रहा है कि बीजेपी अपनी उसी रणनीति पर काम कर रही है जिसके तहत हरियाणा और महाराष्ट्र में सीएम चुना था।

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जयराम के सीएम पद के लिए चुने जाने के बाद अब बीजेपी के सामने हिमाचल प्रदेश में पार्टी के नेताओं की नाराजगी हो सकती हैष बताया जा रहा है कि कई नेता खुद को सीएम पद का दावेदार मान रहे थे. हालांकि पार्टी का कहना है कि इस तरह की कोई समस्या नहीं है। सबसे बड़ा खतरा खुद प्रेम कुमार धूमल ही थे, लेकिन उन्होंने खुद को सीएम पद की रेस से अलग कर लिया था। उन्होंने कहा था कि चुनाव नतीजों वाले दिन ही साफ कर दिया था कि वो किसी भी रेस में नहीं हैं। अटकलें प्रेम कुमार धूमल के बेटे और बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर को लेकर भी थी, कहा जा रहा था कि अनुराग ठाकुर को सीएम बनाया जा सकता है। बहरहाल अब गुजरात और हिमाचल प्रदेश दोनों ही राज्यों में सीएम को लेकर जारी उहापोह खत्म हो गया है, गुजरात में रुपाणी और नितिन पटेल की पुरानी जोड़ी पर भरोसा किया गया है तो हिमाचल में नए चेहरे को मौका दिया गया है।