पाकिस्‍तान में नेता बनेंगे आतंकवादी, हाफिज सईद ने लाहौर में खोला पार्टी दफ्तर

लश्‍कर-ए-तैयबा के संस्‍थापक हाफिज सईद ने अमेरिका के तमाम विरोधों को दरकिनार करते हुए लाहौर में अपनी पार्टी मिल्‍ली मुस्लिम लीग का दफ्तर खोल दिया है।

New Delhi Dec 26 : बहुत मुमकिन है कि आने वाले दिनों में पाकिस्‍तान में खून की नदियां बहाने वाले आतंकी सफेद कुर्ते में राजनीति का ज्ञान झाड़ते हुए नजर आएं। राजनीति की आड़ में आतंकियों का जमघट दिखाई दे। आतंकी नेताओं के एक हाथ में बंदूक तो दूसरे में माइक दिखाई दे। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि क्‍योंकि लश्‍कर-ए-तैयबा के संस्‍थापक और जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद ने अपनी राजनैतिक पार्टी यानी मिल्‍ली मुस्लिम लीग का पहला दफ्तर भी खोल लिया है। जाहिर है जब ये संगठन ही एक आतंकी सरगना का होगा तो इसके बाकी कार्यकर्ता और नेता कैसे होंगे अंदाजा लगाया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक हाफिज सईद ने लाहौर में मिल्‍ली मुस्लिम लीग का पहला दफ्तर खोला है।

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मतलब साफ है कि हाफिज सईद ने पाकिस्‍तान में जो राजनैतिक एलान किया था उसी पर वो अमल भी कर रहा है। दरसअल, कुछ समय पहले ही हाफिज सईद ने एलान किया था कि उसका संगठन अगले साल पाकिस्‍तान में होने वाले आम चुनावों में हिस्‍सा लेगा। किसी की हिम्‍मत हो तो रोक कर दिखाए। इसके बाद पाकिस्तान की सरकार ही हाफिज सईद के राजनैतिक संगठन मिल्‍ली मुस्लिम लीग के पंजीयन का विरोध करते हुए अदालत में एक याचिका दायर कर दी थी। जिसमें सरकार का कहना था कि अगर इस संगठन को राजनैतिक पार्टी की मान्‍यता मिल जाती है तो देश में अतिवाद को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि सरकार की इस याचिका को महज दिखावा ही कहा जा सकता है। सरकार अगर चाहे तो वो हाफिज सईद के खिलाफ कुछ भी कर सकती है।

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लेकिन, हर बार उसे बचाने की ही कोशिश की जाती है। अमेरिका ने इस आतंकवादी पर एक करोड़ डॉलर का ईनाम रखा हुआ है। लेकिन, आज तक पाकिस्‍तान की सरकार ने इस पर आंच नहीं आने दी। यहां तक पाकिस्‍तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा तो हाफिज सईद की तारीफ भी करते हैं। उन्‍हें लगता है कि कश्‍मीर में हाफिज सईद से बेहतर और कोई दूसरा व्‍यक्ति कोई काम कर ही नहीं सकता है। कमर जावेद बाजवा भी कह चुके हैं कि हम कश्‍मीर की आवाज उठाने वाले हर व्‍यक्ति के साथ हैं। इससे पहले पाकिस्‍तान के पूर्व तानाशाह जनरल परवेज मुशर्रफ भी हाफिज सईद की तारीफ कर उसके साथ गठबंधन की इच्‍छा जाहिर कर चुके हैं। यानी अगर हाफिज का संगठन 2018 में पाक के आम चुनावों में शामिल होता है तो परवेज मुशर्रफ और उनकी पार्टी हाफिज के पाले में दिखाई पड़ सकते हैं।

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ये हाल तब हैं जब पाकिस्‍तान सरकार खुद इस बात को मानती है कि मिल्‍ली मुस्लिम लीग प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा की ही शाखा है। हाफिज सईद ने इसी साल अगस्‍त के महीने में अपनी इस नई पार्टी का गठन किया था। जिसके बाद ये लोग अक्‍टूबर में पाकिस्‍तान के चुनाव आयेाग भी गए थे। लेकिन, वहां से इन लोगों को बैरंग लौटा दिया गया था। चुनाव आयोग ने मिल्‍ली मुस्लिम लीग के रजिस्‍ट्रेशन से इनकार कर दिया था। हालांकि इस पार्टी का एक सदस्‍य पाकिस्‍तान में उपचुनाव भी लड़ चुका है। जब‍ से हाफिज सईद नजरबंदी से बाहर आया है वो अपनी पार्टी को लेकर और भी सक्रिय हो गया है। लाहौर में पार्टी का दफ्तर खोला जाना साफ बताता है कि हाफिज पाकिस्‍तान में बड़ी योजना के तहत काम कर रहा है।