साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित को राहत, मकोका और आर्म्स एक्ट की धाराएं हटीं

मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित पर लगी मकोका और आर्म्स एक्ट की धाराओं को हटा लिया गया है, एनआईए कोर्ट ने ये फैसला किया

New Delhi, Dec 28: देश के चर्चित मामलों में से एक मालेगांव धमाकों के आरोपी साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित के लिए राहत की खबर है। भले ही दोनों को बरी ना किया गया हो लेकिन उन के ऊपर लगी सख्त धाराओं को हटा लिया गया है। दोनों के ऊपर से मकोका और आर्म्स एक्ट की धाराओं को हटा लिया गया है। एनआईए कोर्ट ने ये फैसला किया है। हालांकि इसी के साथ ये भी कहा कि दोनों पर केस चलता रहेगा। इस खबर के बाद फिर से ये चर्चा शुरू हो गई है कि क्या इन दोनों को वाकई में फंसाया गया था। ये चर्चाएं सियासी गलियारों में शुरू हो गई हैं। हालांकि दोनों को अभी असल राहत नहीं मिली है।

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NIA कोर्ट ने जो फैसला दिया है उसके मुताबिक प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल पुरोहित, समीर कुलकर्णी, अजय रहिरकर, रमेश उपाध्याय और सुधाकर चतुर्वेदी के खिलाफ मकोका यूएपीए की धाराएं 17, 29, 23 और आर्म्स एक्ट की धराए हटा ली गईं हैं। इनके खिलाफ यूएपीए की धारा 18 और दूसरी कई धाराओं के तहत आरोप तय किए गए है। इसी के साथ अदालत ने श्याम साहू, शिव नारायण कालसांगरा, प्रवीण तक्कलकी के मामलों को खारिज करते हुए सभी को बरी कर दिया है। कोर्ट ने राकेश धावड़े और जगदीश म्हात्रे पर लगी हुई कई धाराएं हटा ली हैं। इन दोनों पर केवल आर्म्स एक्ट के तहत ही केस चलेगा। जिस तरह से एनआईए कोर्ट ने धाराएं हटाई हैं उसके बाद इस मामले के आरोपियों को उम्मीद बंधी है।

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आपको बता दें कि इस से पहले NIA ने अपनी चार्जशीट में साध्वी प्रज्ञा समेत 6 लोगों को क्लीन चिट दी थी। उसी के आधार पर साध्वी प्रज्ञा को जमानत मिली थी. जमानत मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने खुद पर लगे आरोपों के लिए मीडिया और कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था। उनका कहना था कि कांग्रेस और यूपीए सरकार के कारण उन्हे फंसाया गया है। साधु और साध्वियों को परेशान करने के लिए कांग्रेस षड़यंत्र कर रही थी। हिंदू आतंकवाद शब्द पी चिदंबरम ने जानबूझ कर उछाला था। जिस से हिंदुओं की एकता को तोड़ा जाए। लेकिन अब ये साजिश सबके सामने आ गई है। जनता को धीरे धीरे सच्चाई का पता चल रहा है। साध्वी प्रज्ञा ने खुद को टॉर्चर किए जाने की बात भी बताई थी।

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अब आपको मालेगांव मामले के बारे में बता देते हैं। 2008 सितंबर में महाराष्ट्र के मालेगांव में दो धमाके हुए थे. इस घटना में 7 लोग मारे गए थ, वहीं 79 लोग घायल हो गए थे। इसी मामले में साध्वी प्रज्ञा को 2008 अक्टूबर में गिरफ्तार किया था.इसी मामले में अगस्त में कर्नल पुरोहित को जमानत मिली थी। जिसके बाद उन्हे सेना ने बहाल कर दिया था। पुरोहित ने 9 साल मुंबई की तलोजा जेल में काटे थे। पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी। बता दें कि सेना पहले ही पुरोहित को क्लीन चिट दे चुकी है। साध्वी प्रज्ञा को भी बॉम्बे हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। अब इन दोनों के ऊपर लगी मकोका और आर्म्स एक्ट की धाराओं को हटा लिया गया है। इस मामले को लेकर जमकर सियासत भी हुई थी। कांग्रेस और बीजेपी के बीच जमकर बयानबाजी हुई थी।