नोटबंदी का शानदार फायदा, पत्थरबाजों की कमर तोड़ दी, कश्मीर में राहत

नोटबंदी का एक और फायदा अब सामने आया है, कश्मीर में करेंसी बैन के कारण जहां अलगाववादियों को आर्थिक झटका लगा है वहीं पथराव भी कम हुआ है।

New Delhi, Dec 28: नोटबंदी सियासी मुद्दा है, आर्थिक मुद्दा है, चुनाव में इसका उपयोग किया सजाता है, मोदी सरकार के लिए ये आत्मघाती कदम हो सकता था. लेकिन जनता ने सरकार का समर्थन किया। विरोधी दलों ने करंसी बैन को लेकर मोदी सरकार पर जमकर हमला किया, लेकिन सरकार ने यही कहा कि इस से काले धन पर लगाम लगेगी, ये आतंकवाद की कमर तोड़ देगा। यही होता दिखाई दे रहा है। आतंकवाद से पीड़ित कश्मीर घाटी में पत्थरबाजों का कहर देखने को मिलता था। लकिन करेंसी बैन के बाद पत्थरबाजी की घटनाओं में जबरदस्त कमी देखने को मिली है। केंद्रीय गृहमंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों को देखने के बाद ये बात साफ हो जाती है कि करेंसी बैन के कारण घाटी में पत्थरबाजी की घटनाएं कम हो गई हैं।

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पिछले साल के मुकाबले घाटी में पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 2016 के मुकाबले 2017 में घाटी में पथराव की घटनाओं में एक तिहाई कमी देखने को मिली है। ये आंकड़ा केंद्र सरकार के लिए राहत भरा है, क्योंकि सरकार लगातार ये कहती रही है कि नोटबंदी से अलगाववादियों की कमर टूट गई है, जिनके बहकाने से युवा पत्थरबाजी करते हैं। गृह मंत्रालय की तरफ से राज्यसभा में ये जवाब दिया गया था। गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने जानकारी देते हुए कहा कि 2016 में जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजी की 2808 घटनाएं देखने को मिली थी। जो करेंसी बैन के बाद इस काल लगभग एक तिहाई कम हो गई हैं। ये सरकार के लिए कामयाबी की तरह है।

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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने बताया कि करेंसी बैन के अलगाववादियों की कमर टूट गई, वो आर्थिक रूप से पंगु हो गए. जिसके चलते 2017 में पत्थरबाजी की केवल 1198 घटनाएं हुई हैं। सरकार का दावा है कि करेंसी बैन के बाद अलगाववादियों को होने वाली टेरर फंडिंग रुक गई, जिसके कारण अलगाववादी परेशान हो गए। ये खबर राहत तो दे रही है, साथ ही ये इशारा कर रही है कि घाटी के हालात सुधारने के लिए अभी बहुत कुछ करना है। करेंसी बैन के बाद भी पत्थरबाजी की कुछ घटनाएं तो हो रही हैं। उनको भी रोकना होगा. घाटी को आतंक मुक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए जाने की जरूरत है। हंसराज अहीर ने इस बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि घाटी में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेंट्रल आर्म पुलिस फोर्स के जवानों की तैनाती की गई है

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ये जवान स्थानीय पुलिस की मदद कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि सुरक्षा कारणों से कितने जवानों की तैनाती की गई है इसकी संख्या नहीं बताई जा सकती है। कुल मिलाकर केंद्र सरकार के पास नोटबंदी का बचाव करने के लिए एक और आंकड़ा मिल गया है। बता दें कि विपक्ष लगातार करंसी बैन को लेकर सरकार पर हमला कर रहा है। बता दें कि पिछले साल 8 नवंबर को पीएम मोदी ने 500 और 1000 के नोटों को चलन से बाहर करने का एलान किया था। उसके बाद देश में अफरा तफरी का माहौल बन गया था। कहा गया कि इसका नुकसान बीजेपी को चुनाव में होगा, लेकिन करेंसी बैन के बाद भी बीजेपी एक के बाद एक चुनाव जीत रही है।