जानिए किसको अरविंद केजरीवाल चपरासी की तरह लगते हैं ?

दिल्‍ली में अरविंद केजरीवाल को लेकर राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। एक नेता ने तो उनकी तुलना चपरासी तक से कर डाली। जानिए कैसे।

New Delhi Dec 29 : दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल हमेशा से सुर्खियों में बने रहते हैं। वो कभी अपने काम को लेकर सुर्खियों में रहते हैं तो कभी विवादों को लेकर। इन दिनों एक बार फिर दिल्‍ली में मुख्‍यमंत्री और उपराज्‍यपाल के बीच तनातनी चल रही है। हालांकि जब से दिल्‍ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आई है तभी से उपराज्‍यपाल से मुख्‍यमंत्री की नहीं पटी है। ये विवाद अदालतों की चौखट तक जा चुके हैं। अब ये मामला संसद में उठाया गया। दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अर‍विंद केजरीवाल और उपराज्‍यपाल के बीच खींचतान का मसला राज्‍यसभा में गूंजा। हालांकि आम आदमी पार्टी का एक भी सदस्‍य राज्‍यसभा में नहीं है। फिर भी उन्‍हें विपक्ष का साथ मिला।

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समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने राज्‍यसभा के भीतर दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ज्‍यादा अधिकार दिए जाने की मांग की। इसके साथ ही उन्‍होंने केजरीवाल के समर्थन में ऐसी बात कह डाली की उनकी तुलना चपरासी तक हो गई। नरेश अग्रवाल ने राज्‍यसभा के भीतर कहा कि दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल अनिल बैजल मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ चपरासियों जैसा सलूक करते हैं। जो ठीक नहीं है। उन्‍होंने कहा कि दिल्‍ली में मुख्‍यमंत्री के पास कोई अधिकार ही नहीं है। सारे अधिकार उपराज्‍यपाल के पास हैं और वो मुख्‍यमंत्री को चपरासी की तरह ट्रीट करते हैं। उन्‍होंने ये जनता द्वारा चुने हुए मुख्‍यमंत्री की बेइज्‍जती है। चपरासी वाली बात पर जोर देते हुए उन्‍होंने कहा कि मैं जो कह रहा हूं वो बिल्‍कुल सही है।

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उन्‍होंने कहा कि ये बात सिर्फ मैं नहीं कह रहा हूं। ये दिल्‍ली सरकार के भी आरोप हैं। खुद मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस तरह के आरोप लगाते हैं। नरेश अग्रवाल ने सभापति से मांग की कि इस मसले पर चर्चा होनी चाहिए। दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पावर मिलनी चाहिए। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि सरकार बने साढ़े तीन साल हो गए हैं दिल्‍ली को अब तक क्यों बढ़िया शहर नहीं बनाया जा सका। इस दौरान राज्‍यसभा के भीतर ये भी मसला उठाया गया कि आखिर मेट्रो के उद्घाटन समारोह के दौरान दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को क्‍यों नहीं बुलाया गया। अभी 25 दिसंबर को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने मजेंटा लाइन का उद्घाटन किया था।

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लेकिन, इस कार्यक्रम में दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को न्‍यौता ही नहीं दिया गया था। नरेश अग्रवाल ने भारतीय जनता पार्टी के इस रवैए की आलोचना की। वहीं दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि बीजेपी की ओर से ये गलत परपंरा की शुरुआत की जा रही है। राज्‍यसभा के भीतर केजरीवाल को समाजवादी पार्टी के अलावा ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के अलावा CPI और CPIM का भी पूरा समर्थन मिला। तृणमूल कांग्रेस के नेता नदीमुल हक ने इसे भारतीय जनता पार्टी की ओछी राजनीति करार दिया। वहीं केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस मामले पर सफाई पेश करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन यूपी सरकार की ओर किया गया था। इसलिए केजरीवाल को न्‍यौता नहीं भेजा गया।