तमिलनाडु में मोदी के ‘कबाली’ बनेंगे रजनीकांत, उखड़ जाएगी DMK-AIADMK

दक्षिण भारत के सुपरस्‍टार रजनीकांत राजनीति में आने का एलान कर चुके हैं। माना जा रहा है कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए फायदेमंद साबित होंगे।

New Delhi Jan 01: तमिलनाडु की राजनीति में अब तक सिर्फ डीएमके और एआईएडीएमके का ही दबदबा रहा है। लेकिन, आने वाले दिनों में यहां की राजनीति बदलने वाली है। दक्षिण भारतीय फिल्‍मों के सुपरस्‍टार रजनीकांत राजनीति में आने का एलान कर चुके हैं। अभी 31 दिसंबर को ही उन्‍होंने अपने समर्थकों के सामने इस बात का एलान किया था कि वो अपनी नई पार्टी का गठन करेंगे। इसके साथ ही तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर इलेक्‍शन लड़ेंगे। माना जा रहा है रजनीकांत की ये नई राजनीति भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। रजनीकांत के रुप में बीजेपी को तमिलनाडु में अच्‍छा और साफ सुथरी छवि का साथी मिल सकता है।

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दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ये चाहती है कि तमिलनाडु की राजन‍ीति में वो मजबूत हो जाए। बीजेपी का पहले एआईएडीएम के साथ गठबंधन हुआ करता था। हालांकि ये बात तब की है जब जयललिता का साम्राज्‍य चलता था। लेकिन, जयललिता की मौत के बाद एआईएडीएमके वैसे भी टूट चुकी है। ऐसा नहीं है कि बीजेपी के नेता तमिलनाडु में एआईएडीएमके के संपर्क में नहीं हैं। बीजेपी के स्‍थानीय नेता डीएमके के भी संपर्क में हैं। अभी हाल ही में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चेन्‍नई गए थे उस वक्‍त भी उन्‍होंने डीएमके प्रमुख करुणानिधि से मुलाकात की थी। हालांकि इस मुलाकात को औपचारिक बताया गया था। लेकिन, इसके सियासी मायने जरूर निकाले गए थे। तमिलनाडु की राजनीति में ना तो डीएमके को नकारा जा सकता है और ना ही एआईएडीएमके को।

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लेकिन, रजनीकांत के राजनीति में आने के एलान के बाद यहां की जनता को डीएमके और एआईएडीएमके का एक साथ साफ-सुथरा विकल्‍प मिलने वाला है। इस सूरत में तमिलनाडु का राजनीतिक समीकरण बदल सकता है। वैसे भी रजनीकांत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थक माना जाता है। वो उनके काम से काफी प्रभावित रहते हैं। करीब आठ महीने पहले भी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चेन्नई के दौरे पर थे तब भी उन्‍होंने सुपरस्टार रजनीकांत से मुलाकात की थी। ये खबर उस वक्‍त काफी सुर्खियों में रही थी। उसी वक्‍त से दोनों के बीच सियासी गठजोड़ की अटकलों को हवा मिलनी शुरु हो गई थी। अभिनेता से नेता बनने जा रहे रजनीकांत फिल्‍मी अंदाज में इस बात का एलान कर चुके हैं कि वो पूरा सिस्‍टम बदल देंगे।

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माना जा रहा है कि अगर रजनीकांत को बीजेपी का साथ मिल जाए तो यकीनन तमिलनाडु का सियासी तेवर और कलेवर बदल जाएगा। भारतीय जनता पार्टी रजनीकांत के जरिए दक्षिण भारत में अपने लिए उम्‍मीद की किरण जगा सकती है। रजनीकांत की पार्टी बीजेपी के लिए संजीवनी साबित हो सकती है। तमिलनाडु में एक बात और भी है कि यहां के लोग अगर एक बार अपने नेता पर यकीन जता देते हैं तो उसे जल्‍दी तोड़ते नहीं हैं। रजनी‍कांत पूरे तमिलनाडु के दिल में बसते हैं। उन्‍हें यहां पर भगवान की तरह पूजा जाता है। उनकी छवि ना सिर्फ उनके लिए बल्कि तमिलनाडु की सियासत में भी खास मायने रखती है। देखना दिलचस्‍प होगा कि रजनीकांत तमिलनाडु में अपने दम पर अपनी जमीन मजबूत करते हैं या फिर बीजेपी के साथ मिलकर।