AAP की बंदरबांट में बाहरियों का फायदा, कुमार विश्वास और आशुतोष का पत्ता साफ

दिल्ली में राज्यसभा की तीन सीटों में से दो पर आप बाहरी लगों को टिकट दे सकती है, इसका मतलब कुमार विश्वास और आशुतोष का पत्ता साफ हो गया है।

New Delhi, Jan 02: दिल्ली में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं, तीनों ही सीटों पर AAP के उम्मीदवारों की जीत तय मानी जा रही है, लेकिन उम्मीदवार कौन होंगे इस पर संशय बरकरार है, ये अनोखी बात है कि जहां पर जीत पक्की है वहां पर आम आदमी पार्टी को उम्मीदवारों के एलान में मशक्कत करनी पड़ रही है, दरअसल आप के कई नेता राज्यसभा जाने की इच्छा रखते हैं, कभी कुमार विश्वास तो कभी संजय सिंह और कभी आशुतोष का नाम चर्चा में आता रहता है. एक तरह से आप के अंदर बंदरबांट वाली स्थिति हो गई है. टिकट किसे मिलेगा इस पर कयासों का दौर जारी है। इस उहापोह का फायदा बाहरी लोगों को मिल सकता है. सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी 2 बाहरी लोगों को राज्यसभा भेज सकती है।

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बताया जा रहा है कि दो बाहरी लोगों को राज्यसभा भेजा जा सकता है, वहीं तीसरी सीट के लिए आप नेता संजय सिंह का नाम भी लगभग तय माना जा रहा है। बुधवार को पीएसी की बैठक के बाद इन नामों का एलान किया जा सकता है। बता दें कि अलका लांबा ने एक महिला को राज्यसभा भेजने की मांग करते हुए पूर्व बैंकर मीरा सान्याल के नाम का सुझाव रखा है। खास बात ये है कि मीरा सान्याल का नाम पिछले काफी दिनों से चर्चा में हैं, AAP के नेता उनकी दावेदारी को लेकर आश्वस्त लग रहे हैं। हालांकि अभी तक आप और मीरा सान्याल ने इस बारे में कोई बयान नहीं दिया है। इसी के साथ अब आशुतोष की दावेदारी भी खत्म होती दिख रही है।

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अलका लांबा ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि आशुतोष राज्यसभा के लिए प्रबल दावेदार हैं, लेकिन अब लग रहा है कि वो इस रेस से बाहर हो चुके हैं। वहीं कुमार विश्वास की बात करें तो केजरीवाल के साथ उनके मतभेदों के कारण उनका राज्यसभा जाना मुश्किल है. हालांकि एक समय में विश्वास सबसे प्रबल दावेदार थे, वो लोकप्रिय हैं, अच्छे वक्ता हैं और दिल्ली सरकार में कोई पद भी नहीं लिया है। अब ये कहा जा रहा है कि विश्वास के लिए राज्यसभा के दरवाजे बंद हो चुके हैं। इस बात से विश्वास समर्थक खासे आहत बताए जा रहे हैं। 29 दिसंबर को विश्वास समर्थकों ने पार्टी दफ्तर के बाहर टेंट लगाकर प्रदर्शन किया था। हालांकि आप का कहना है कि उस भीड़ में 80 फीसदी बीजेपी के कार्यकर्ता थे।

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इस तरह से देखें तो आप के अंदर मची घमासान का फायदा बाहरी लोगों को हो सकता है, संजय सिंह के अलावा दो बाहरी लोगों को राज्यसभा भेजा जा सकता है, पार्टी को उम्मीद है कि इस से अंदरूनी मतभेद खत्म हो जाएगा, कया वाकई में ऐसा हो पाएगा, क्योंकि जिस तरह से कुमार विश्वास और उनके समर्थक लगातार दबाव बनाए हुए हैं, उसके बाद अगर विश्वास को राज्यसभा नहीं भेजा गया तो पार्टी में दो फाड़ हो सकती है। विश्वास कई मौकों पर केजरीवाल से असहमति जता चुके हैं, उनका मुखर अंदाज केजरीवाल को पसंद नहीं आ रहा है, इसके अलावा अगर विश्वास राज्यसभा चले जाते हैं तो वो और लोकप्रिय हो सकते हैं, केजरीवाल को ये कैसे मंजूर होगा। कुल मिलाकर राज्यसभा चुनाव के बहाने आप के अंदर की घमासान फिर से बाहर आ गई है।