राहुल गांधी की लुटिया डुबो कर मानेंगे संदीप दीक्षित, आर्मी ऑपरेशन को बताया नाटक
कांग्रेस पार्टी में संदीप दीक्षित और मणिशंकर अय्यर सरीखे नेता कभी भी राहुल गांधी को पनपने नहीं देंगे। ये राहुल गांधी की लुटिया डुबो कर ही मानेंगे।
New Delhi Jan 02: कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। दिल्ली से पूर्व सांसद रह चुके हैं। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे हैं। पार्टी में उनका अच्छा खासा कद रहा है। लेकिन, यकीन मानिए संदीप दीक्षित सरीखे नेताओं के बयान की वजह से अकसर कांग्रेस पार्टी को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। चाहें संदीप दीक्षित हों या फिर मणिशंकर अय्यर इस तरह के नेता कभी भी राहुल गांधी को पनपने नहीं दे सकते हैं। कई बार तो लगता है कि शायद ये राहुल गांधी की लुटिया डुबोने के लिए ही पार्टी में मौजूद हैं। संदीप दीक्षित ने एक बार फिर राजनीति के चक्कर में इंडियन आर्मी पर ही निशाना साधा दिया है। वो आर्मी ऑपरेशन को नाटक बता रहे हैं।
इससे पहले संदीप दीक्षित आर्मी चीफ को गली का गुंडा बता चुके हैं। संदीप का ताजा विवादित बयान पुलवामा में हुए सीअारपीएफ कैंप पर हमले को लेकर था। संदीप ने मोदी सरकार पर सेना के प्रति अपने रवैये को लेकर हमला किया। संदीप दीक्षित का कहना है कि पुलवामा अटैक से एक बात तो साबित हो गई है कि मोदी सरकार की नीति खासतौर पर सर्जिकल स्ट्राइक के जो इनके नाटकीय प्रदर्शन है उसका कोई असर नहीं हो रहा है। उनका कहना है कि हमें इस मामले को दूसरे तरह से देखना और सोचना होगा। संदीप दीक्षित का कहना है कि मुझे तो लगता है कि सेना को सुरक्षित रखना सरकार के बस में ही नहीं रहा है। बेशक संदीप ने मोदी सरकार पर हमला किया हो लेकिन, जाने अनजाने में उन्होंने इंडियन पर आर्मी पर ही सवाल खड़े कर दिए।
सितंबर 2016 की जिस सर्जिकल स्ट्राइक को वो नाटक बता रहे हैं। असल में इस पूरे ऑपरेशन को इंडियन आर्मी के पैरा कमांडोज ने अपनी जान जोखिम में डालकर अंजाम दिया था। कमांडोज के दस्ते पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों का खात्मा करने में कामयाब रहे थे। अभी हाल में भी इंडियन आमी के जवानों ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इसमें आर्मी के जवानों ने अपने सैनिकों की शहादत का बदला लिया था। लेकिन, संदीप दीक्षित को ये सब नाटक लगता है। आखिर संदीप को किसने ये हक दिया कि वो आर्मी के ऑपरेशन को फर्जी करार दें। इंडियन आर्मी लगातार कश्मीर में ऑपरेशन ऑल आउट चला रही है। इस ऑपरेशन के तहत अब तक दो सौ से ज्यादा आतंकी मारे जा चुके हैं।
लेकिन, संदीप दीक्षित की नजरों में ये सब नाटक है। इस बात में कोई शक नहीं है कि जब से केंद्र में मोदी की सरकार आई है कश्मीर में आतंकियों की हालत खराब है। किसी भी आतंकी संगठन का कमांडर कुछ महीनों से ज्यादा नहीं टिक पाता है। वो मुठभेड़ में मारा जाता है। लेकिन, आर्मी के जवानों की हौंसलाफजाई के बजाए संदीप दीक्षित इसे नाटक बताते हैं। हर किसी को मालूम है कि कश्मीर में हालात खराब हैं। आतंकी हर वक्त हमले की फिराक में रहते हैं। सुरक्षाबलों की चौकसी का ही ये नतीजा है कि अब हमले कम और एनकाउंटर ज्यादा होते हैं। जबकि कांग्रेस सरकार में हमले ज्यादा और एनकाउंटर कम होते थे। ये फर्क है दोनों सरकारों का। जिसे संदीप दीक्षित को भी समझना होगा। उन्हें आर्मी के जवानों की इज्जत करना सीखना होगा। आर्मी और राजनीति को अलग-अलग रखना होगा। नहीं तो ऐसे लोग आर्मी चीफ को गली का गुंडा ही कहते रहेंगे।