पुणे जातीय हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र में हंगामा, बंद के दौरान बवाल
पुणे जातीय हिंसा के बाद पूरे महाराष्ट्र में बवाल शुरु हो गया है। भीमा-कोरेगांव लड़ाई की सालगिरह पर भड़की चिंगारी में इस वक्त पूरा राज्य सुलग उठा है।
New Delhi Jan 03 : पुणे जातीय हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र में बवाल शुरु हो गया है। बुधवार को पुणे जातीय हिंसा के विरोध में महाराष्ट्र बंद बुलाया गया था। बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों और उपद्रवी तत्वों ने जमकर हंगामा शुरु कर दिया है। कई जगहों पर रेल ट्रैक जाम कर दिया गया है। तो कई जगहों पर सड़को पर आवाजाही बाधित की जा रही है। सरकार ने पूरे महाराष्ट्र में बंद को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी है। लेकिन, इस को कोई भी असर प्रदर्शनकारियों पर पड़ता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। पुणे जातीय हिंसा की आग अब मुंबई तक भी पहुंच गई है। कई संगठनों के एक साथ बंद के एलान से पूरे राज्य की व्यवस्था चरमराती हुई नजर आ रही है। उधर, राज्य सरकार ने पुणे जातीय हिंसा की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं।
दरसअल, भीमा कोरेगांव की लड़ाई की सालगिरह के मौके पर पुणे जातीय हिंसा हुई थी। भीमा-कोरेगांव की बाकायदा एक कहानी है। दरसअल, 1 जनवरी 1818 को पुणे के कोरेगांव में भीमा नदी के पास एक लड़ाई हुई थी। ये जंग महार और पेशवाओं के बीच हुई थी। इस जंग में अंग्रेजों की ओर से 500 लड़ाके शामिल हुए थे। जिसमें 450 लड़ाके महार थे। जबकि पेशवा बाजीराव द्वितीय की सेना में 28 हजार सैनिक थे। लेकिन, 500 महार सैनिकों ने मराठा फौज को हरा दिया था। भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की सालगिरह पर हर साल इसी गांव में दलित पहुंचते थे। यहां पर एक जय स्तंभ भी बना है। जिसे अंग्रेजों ने इस जंग में मारे गए महार सैनिकों की याद में बनवाया था। दलित इसे प्रेरणा स्रोत के तौर पर मानते हैं।
इसी मौके पर एक जनवरी को पुणे जातीय हिंसा भड़क गई थी। जिसमें एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी। जिसके विरोध में अब पूरे महाराष्ट्र में बवाल मचा हुआ है। मुंबई में डिब्बावालों ने भी पुणे जातीय हिंसा के विरोध में अपनी सर्विस बंद रखने का एलान किया है। डिब्बावालों ने साफ तौर पर कह दिया है कि बुधवार को उनसे सेवाएं लेने वाले लोग खुद अपना टिफिन लेकर पहुंचे। इसके अलावा मुबई में चालीस हजार स्कूल बसें भी बंद हैं। उधर, पुणे जातीय हिंसा के विरोध में शुरु हुए प्रदर्शन को देखते हुए मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी भी जारी कर दी है। जानकारी के मुताबिक इस वक्त कांडवाली, जोगेश्वरी और विकरोली सबसे ज्यादा प्रभावित है। राज्य में किसी भी तरह की हिंसा और गड़बड़ी को रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
पुणे जातीय हिंसा के के विरोध में बुलढाणा में कई जगह पर बसों में तोड़-फोड़ की गई। यहां पर धरना प्रदर्शन भी जारी है। वहीं अकोला में सरकारी बसों की आवाजाही भी रोक दी गई है। चंद्रपुर के बल्लारपुर में भी बसों में तोड़-फोड़ की खबर है। उधर, पुणे जातीय हिंसा के विरोध में एहतियातन कई स्कूलों को बंद कर दिया गया है। हालांकि स्कूल के स्टाफ को छुट्टी नहीं दी गई है। उधर, मुंबई पुलिस ने शहर में गड़बड़ी और हिंसा फैलाने के आरोप में नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इसके अलावा सौ से भी ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। राज्य के वरिष्ठ अधिकारी और सरकार के प्रतिनिधि पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। माना जा रहा है कि राज्य में शांति बनाए रखने के लिए पुलिस फोर्स की तैनाती बढा़ई जा सकती है।