चीनी सैनिकों ने की अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ, भारतीय सेना ने खदेड़ा तो सामान छोड़ भागे

चीनी सैनिकों ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ की कोशिश की। वो भारतीय सीमा में करीब एक किलोमीटर तक दाखिल हो गए थे।

New Delhi Jan 04: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। चीनी सैनिकों ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ की कोशिश की। चीनी सैनिकों के साथ उनकी सड़क बनाने की टीम अरुणाचल प्रदेश के तूतिंग में करीब एक किलोमीटर तक भारतीय सीमा में दाखिल हो गई। लेकिन, जैसे ही इस घटना की जानकारी भारतीय सेना को मिला। उन्‍होंने फौरन ही चीनी फौज को वहां से खदेड़ दिया। इसके बाद चीन की पूरी की पूरी टीम सड़क बनाने का सामान तूतिंग सेक्‍टर में ही छोड़कर भाग खड़ी हुई। हालांकि बाद में भारतीय सेना की ओर से चीन को कहा गया है कि वो कम से कम अपना सामान तो ले जाएं। जानकारी के मुताबिक ये घटना पिछले हफ्ते की बताई जा रही है। चीन की इस हरकत के बाद आईटीबीपी के जवानों ने यहां पर अपने अस्‍थायी तंबू गाड़ दिए हैं ताकि वो दोबारा से इस तरह की हरकत को अंजाम ना दे पाए।

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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चीन की सिविलियन टीम अरुणाचल प्रदेश के तूतिंग में ट्रैक अलाइनमेंट के लिए आई थी। जिसमें उसके साथ कुछ चीनी सैनिक भी मौजूद थे। लेकिन, यहां पर इस टीम का सामना भारतीय सेना के जवानों से हो गया। भारतीय सेना के जवानों ने फौरन ही मोर्चा संभाल लिया और चीनी सैनिकों और सिविलियन टीम को चेतावनी जारी करते हुए यहां से वापस जाने की चेतावनी दी। चीन के लोगों ने बिना किसी विवाद के यहां से भागना ही बेहतर समझा। ये टीम अपने साथ सड़क निर्माण का सामान भी लेकर आई थी। जिसे ये लोग तूतिंग सेक्‍टर में ही छोड़कर भाग खड़े हुए। स्‍थानीय लोगों ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि इस इलाके में चीनी सिविलियन के साथ-साथ चीनी सैनिकों ने भी घुसपैठ की थी। ये घटना 28 दिसंबर की है।

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बताया जा रहा है कि डोकलाम विवाद के करीब चार महीने बाद चीन ने इस तरह की हरकत दोबारा की है। स्‍थानीय लोगों के मुताबिक इस इलाके में चीनी सैनिक सड़क निर्माण में शामिल हैं। बताया जा रहा है कि घटनास्थल से करीब 8 किलोमीटर के एरियल डिस्टेंस सियांग नदी के किनारे गेलिंग से भी रोड कटिंग साफ देखी जा सकती है। जिसका मतलब है कि चीन यहां पर सड़क का निर्माण करा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक हाल ही में काटी गई सड़क पर भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों दोनों ने ही अपने तंबू गाड़ दिए हैं। इसके साथ ही बोल्‍डर की दीवारों को भी खड़ा कर दिया गया है। आर्मी के साथ-साथ स्‍थानीय लोग भी यहां पर चीन की हरकत को लेकर काफी संजीदा रहते हैं। वो भी हर वक्‍त चीन की हरकत पर नजर गडाए रहते हैं। जरा सी गड़बड़ी मिलने पर फौरन ही इसकी जानकारी स्‍थानीय प्रशासन और आर्मी के जवानों को दी जाती है।

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हालांकि अपर सियांग के डिप्‍टी कमिश्‍नर ने अपने क्षेत्र में किसी भी तरह की घुसपैठ की घटना से इनकार किया है। जबकि तूतिंग में मौजूद खुदाई की दो मशीनें और दूसरे सामान इस बात की गवाही दे रहे हैं कि चीनी सिविलियन सैनिकों के साथ यहां पर दाखिल हुए थे। जिन्‍हें बाद में खदेड़ दिया गया। इसके साथ ही भारत ने चीनी पक्ष को ये भी संदेशा भिजवा दिया है कि वो अपने सामान को यहां से उठा ले जाएं। नहीं तो सामान को जब्‍त कर लिया जाएगा। उधर, विदेश मंत्रालय का कहना है कि दोनों देश मौजूदा व्‍यवस्‍था के तहत सीमा विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाने में सक्षम हैं। जो दोनों ही देशों के हित में है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि हम चीन से बेवजह का विवाद नहीं चाहते हैं। अभी हाल ही में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के अस्तित्‍व को लेकर ही सवाल खड़े कर दिए थे।