पाकिस्तान में बगावत के मूड में दिग्गज, कहा ‘हिंदुस्तान से कुछ सीखो’

पाकिस्तान में भला कुछ ठीक हो सकता है ? ये हम नहीं खुद पाक के दिग्गज खिलाड़ी कह रहे हैं। इससे पाक की राजनीति में भी बवाल मच गया है।

New Delhi, Jan 06: पाकिस्तान इस वक्त किस हाल में जी रहा है, ये तो पाक के लोग ही बता सकते हैं। अब पाक के खिलाड़ियों ने अपने ही सिलेक्टर्स के खिलाफ बगावती रुख अपनाया है। खास बात ये है कि पाक क्रिकेट बोर्ड पाक के सत्ताधीशों के द्वारा ही संचालित होता है। एक बार शाहिद आफरीदी ने कहा था कि पाक में खिलाड़ियों को कुछ भी तवज्जो नहीं दी जाती और उन्हें सिलेक्टर्स और राजशाही की मर्जी से बेइज्जत किया जाता है। अब पाक के ही खिलाड़ी सलमान बट और कामरान अकमल भी इस राजनीति के खिलाफ उतर आए हैं। इन खिलाड़ियों ने अपनी नेशनल टीम के सिलेक्टर्स को भारत से सीखने की नसीहत दी है। इसके बाद तो पाक की राजनीति में भी बवाल मच गया। बताया जा रहा है कि पाक के कई नेता भी इस बारे में इन खिलाड़ियों का साथ दे रहे हैं।

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आरोप ही कि पाक के सिलेक्टर्स सही ढंग से टीम को सलेक्ट नहीं कर रहे हैं और राजनीति के चक्कर में पड़कर कुछ गिने चुने खिलाड़ियों को मौका दे रहे हैं। इनमें से कुछ ऐसे खिलाड़ी भी हैं, जो राजनीति की सोर्स से आए हैं। सलमान बट ने कहा कि पाक की टीम का चयन करते हुए चयनकर्ताओं को भारतीय सलेक्टर्स की तरह खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए। पाक के ये खिलाड़ी मानते हैं कि भारत के सिलेक्टर्स अपने खिलाड़ियों को भरपूर मौका देते हैं। इसके अलावा सलमान और कामरान का कहना है कि हमारे यहां खिलाड़ियों को किसी भी वक्त टीम से बाहर कर दिया जाता है। सलमान और कामरान इन दिनों टीम से बाहर चल रहे हैं।

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इस बीच सलमान ने कहा कि भारत अपने खिलाड़ियों को टॉप लेवल की परफॉर्मेंस का भरपूर मौका देता है। उन्होंने रोहित शर्मा का उदाहरण दिया। उनका कहना है कि रोहित की एवरेज कभी 30 से 35 थी, आज रोहित शर्मा वर्ल्ड क्लास बेट्समैन है, ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय सलेक्टर्स ने उन्हें भरपूर मौके दिए हैं। कामरान का कहना है कि अगर पाक की टीम के खिलाड़ी भारतीय टीम के बल्लेबाजों की तरह प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं तो इसके पीछे पाक में खराब सुविधाएं हैं। पाक की सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हमारी पिचें काफी पुरानी हैं और इनमें कुछ भी अपडेट नहीं होता।

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कामरान ने कहा कि ‘घरेलू क्रिकेट में ऐसी पिचें होनी चाहिए, जिन पर कोई बल्लेबाज लंबी इनिंग खेल पाए, लेकिन पाक में ऐसा नहीं है। अकमल ने हाल ही में पाकिस्तान की घरेलू क्रिकेट सीरीज कायद-ऐ-आजम ट्रोफी का उदाहरण दिया और कहा कि इस सीरीज का हाल भी कुछ ऐसा ही रहा, ऊपर से राजनीति के दखल की वजह से पाक में क्रिकेट बेहद खराब हो गया है। अकमल मानते हैं कि राष्ट्रीय टीम में सलेक्शन के लिए सिर्फ घरेलू क्रिकेट को आधार बनाना चाहिए। लेकिन पाक में तो घरेलू क्रिकेट का ही बुरा हाल है। इससे पाक में क्रिकेट का विकास प्रभावित होगा। अब देखना है कि पाक सरकार क्या रुख अपनाती है।