पाकिस्तान की अक्ल ठिकाने आई, PoK में प्रदर्शन, चीन के खिलाफ नारेबाजी

बार बार पीओके के नाम पर गला फाड़ने वाले पाकिस्तान के बुरे दिन फिर शुरु हो गए हैं। पीओके में ही लोगों ने पाक सरकार और चीन के खिलाफ नारेबाजी की है।

New Delhi, Jan 06: पाकिस्तान जिस पीओके को लेकर बार बार गला फाड़ता रहता है, अब वहां विद्रोह पैदा हो रहा है। स्थानीय लोगों ने साफ कहा है कि पाक सरकार चीन की मदद से इस हिस्से को बर्बाद करने में जुटी है। पीओके  काम कर रही चीनी कंपनियों के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। देखा जा रहा है कि पीओके में हर दिन प्रदर्शन हो रहे हैं और लोग विद्रोह पर उतर आए हैं। कश्मीर के इस हिस्से में पाक सरकार द्वारा जल संसाधनों का बेतहाशा दोहन किया गया। इसके बाद पीओके में बड़ा प्रदर्शन हुआ है। PoK के लोगों ने पाक सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सड़क जाम कर दिया। पीओके में कोहला हाइड्रोपावर प्रोजक्ट तैयार हो रहा है।

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इसे लेकर आवामी ऐक्शन फोरम और राजनीतिक पार्टियों ने प्रदर्शन किया। इसके साथ ही मुजफ्फराबाद के आम लोगों ने इस हाइड्रोपावर प्रॉजेक्ट के खिलाफ प्रदर्शन किया। गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने मुजफ्फराबाद-रावलपिंडी रास्ते को भी जाम कर दिया और पाक सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। लोगों ने बताया कि चीन की कंपनियां पानी का ज्यादा दोहन कर रही हैं। प्रदर्शनकारियों ने मांग उठाई कि स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श किए बिना ये प्रोजक्ट किसी भी हाल में शुरू नहीं होना चाहिए। आवामी ऐक्शन कमिटी के रजा मुमताज खान का कहना है कि चीन की कंपनी ने कोई समझौता नहीं किया है।

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ना ही लोगों की आशंकाओं को दूर करने की कोई कोशिश की है। आलम ये है कि दरबनगढ़ और नरोला में जल स्रोत सूख रहे हैं। लोग प्यास से मर रहे हैं। आपको बता दें कि चीन की एक सरकारी कंपनी को जनवरी 2015 में कोहला हाइड्रोपावर प्रॉजेक्ट के लिए पूरे अधिकार दिए गए थे। 110 MW का ये प्रोजेक्ट CTGC का पाक में सबसे बड़ा निवेश है। इस प्रोजक्ट को 2021 में पूरा होना है। PoK में लगातार बांधों और हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स का निर्माण हो रहा है। इस वजह से पर्यावरण को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। लोगों को निर्माण कार्य के चलते बड़ी संख्या में विस्थापित किया गया है। PoK के लोग चीनी कंपनियों द्वारा बनाए जा रहे इन प्रॉजेक्ट्स का विरोध कर रहे हैं।

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खास बात ये है कि इनमें स्थानीय लोगों को नौकरी भी नहीं दी जा रही। हाल ही में एक चीनी कंपनी ने नीलम झेलम हाइड्रो प्रोजेक्ट में काम कर रहे 100 से ज्यादा कश्मीरी वर्कर्स को निकाल दिया था।इन लोगों ने भी चीन के खिलाफ प्रदर्शन किया था। PoK में बांध और पावर स्टेशन का निर्माण करने का कॉन्ट्रैक्ट 7 जुलाई 2007 को हुआ था। कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि कोर्ट का स्टे ऑर्डर है और इसके बाद भी ऐसा काम किया जा रहा है। पाकिस्तान ने इन विरोधों को दरकिनार किया है और चीन मदद से हाइड्रोपावर प्रॉजेक्ट का काम जारी रखा है। अब देखना है पाक सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।