रांची जेल में ‘दिहाड़ी मजदूर’ बने लालू यादव, मिला ये काम

चारा घोटाला केस में साढ़े तीन साल कैद की सजा पा चुके लालू यादव दिहाड़ी मजदूरों की तरह काम करेंगे। जेल में उन्‍हें मजदूरी भी मिलेगी। पढि़ए पूरी खबर।

New Delhi Jan 07: अभी शनिवार को ही बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री और आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाला केस में साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। उनकी ये सजा सश्रम कारावास की है। रांची की बिरसा मुंडा जेल में कैद लालू यादव को अब उनका काम भी अलॉट कर दिया गया है। वो दिहाड़ी मजदूर की तरह जेल के भीतर ना सिर्फ काम करेंगे बल्कि उन्‍हें उसी हिसाब से मेहनताना भी मिलेगा। जानकारी के मुताबिक लालू यादव को जेल में माली का काम सौंपा गया है। उनके जिम्‍मे जेल के गार्डेन को खूबसूरत बनाना होगा। वो ना सिर्फ जेल में नए फूल लगाएंगे बल्कि उन्‍हें यहां पर घास भी छीलनी होगी। इस काम के एवज में उन्‍हें 93 रुपए के हिसाब से रोजाना की दिहाड़ी भी मिलेगी। जिसका इस्‍तेमाल वो अपने हिसाब से कर सकते हैं। मतलब साफ है कि रांची की जेल में लालू यादव को किसी भी सूरत में कोई वीवीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जाएगा।

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जानकारी के मुताबिक अब लालू यादव को रांची की बिरसा मुंडा जेल से हजारीबाग की ओपन जेल में शिफ्ट किया जाएगा। शनिवार को ही उन्‍हें सीबीआई की विशेष अदालत ने देवघर ट्रेजरी मामले में साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही उन पर पांच लाख रुपए का जुर्माना भी लगा था। लालू यादव के वकील का कहना है कि वो सीबीआई अदालत के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे। वैसे भी अब लालू यादव के पास हाईकोर्ट जाने के अलावा कोई दूसरा रास्‍ता बचा भी नहीं है। अगर सीबीआई की विशेष अदालत से इस केस में उन्‍हें तीन साल या फिर उससे कम की सजा मिलती तो उन्‍हें लोअर कोर्ट से ही जमानत मिल जाती। लेकिन, ऐसा हो ना सका। अब जमानत के लिए लालू को हाईकोर्ट का रुख करना होगा। हालांकि इससे पहले भी लालू यादव को चाईबासा ट्रेजरी केस में पांच साल कैद की सजा हो चुकी है।

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उस फैसले को भी लालू यादव ने हाईकोर्ट में चैलेंज किया है। लेकिन, तब हाईकोर्ट ने उन्‍हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद लालू को सुप्रीम कोर्ट का रुख करना पड़ा था। माना जा रहा है कि इस बार भी उन्‍हें इतनी आसानी से जमानत नहीं मिलेगी। अगर देवघर ट्रेजरी मामले में उन्‍हें हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो उन्‍हें इस केस में भी सुप्रीम कोर्ट जाना होगा। तब तक वो जेल में रहते हुए बतौर माली अपने काम को करते रहे हैं। जेल में जितने दिन भी वो काम करेंगे 93 रुपए दिन के हिसाब से उन्‍हें मेहनताना मिलता रहेगा। हालांकि लालू यादव का कहना है कि वो मर जाएंगे लेकिन, हार नहीं मानेंगे। इसके साथ ही चारा घोटाले में सजा का एलान होने के साथ ही उन्‍होंने बीजेपी पर भी निशाना साधा। उनका कहना था कि भारतीय जनता पार्टी चाहें जो कर लेकिन, वो बीजेपी के आगे झुकने वालों में नहीं हैं। उनका संघर्ष जारी रहेगा।

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लालू यादव अपनी सजा को पार्टी की ताकत बना चाहते हैं। शायद यही वजह है कि वो बीजेपी को निशाना साध रहे हैं। जैसे ही उनकी सजा का एलान हुआ था उनके आफिशियल ट्विटर हैंडल से एक खत पोस्‍ट किया गया। जिसमें लालू ने लिखा है कि मैंने तानाशाही सत्ता का साथ नहीं दिया इसलिए मेरे पीछे जहरीली ताकतों को लगाया गया और मुझे सजा भुगतनी पड़ी। वहीं दूसरी ओर बीजेपी नेताओं का कहना है कि अदालत ने अपना काम किया है। जो कैसा करता है उसे वैसा ही भुगतना पड़ता है। लालू यादव ने चारा घोटाले में भ्रष्‍टाचार किया उन्‍हें सबूतों के आधार पर सजा मिली। अब लालू अपनी राजनैतिक छवि को बचाने के लिए इस केस को राजनैतिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। जो एक तरह से अदालत की अवमानना है। वो कोर्ट के कामकाज और उसके फैसले पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। बीजेपी नेताओं का कहना है कि लालू यादव पूरे देश के सामने बेनकाब हो चुके हैं।