बहुत ‘बड़बोले’ हैं पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ, अमेरिका से दोस्ती खत्म
वैसे तो पाकिस्तान का हर नेता बड़बोला है। लेकिन, पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ बड़बोलेपन में सभी के बादशाह हैं। जानिए कैसे।
New Delhi Jan 07: पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। कहने को विदेश मंत्री हैं लेकिन, खुद को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री समझते हैं। नेता जी कब क्या कह दें किसी को पता नहीं होता। अपने ही विभाग की नीतियां तक इन्हें पता नहीं रहती। महज वायरल मैसेज पर भारत को परमाणु हमले की धमकी देने वाले ख्वाजा आसिफ ने अब अमेरिका के साथ दोस्ती खत्म करने का एलान कर दिया है। ख्वाजा आसिफ का कहना है कि पाकिस्तान का अमेरिका के साथ अलायंस खत्म हो चुका है। ये गठबंधन उसी दिन खत्म हो गया था जब अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य आर्थिक मदद रोक दी थी। एक तरह से देखा जाए तो ख्वाजा आसिफ खुद ही अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारने का काम कर रहे हैं। जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी की ओर से अब तक इस तरह की कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। ऐसे में ख्वाजा आसिफ के बयान को क्या वाकई पाकिस्तान सरकार का आधिकारिक बयान समझा जाए। या भांग के नशे में दिए गए इंटरव्यू की गलती माना जाए।
भांग के नशे को हम यहां पर कहावत के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। ख्वाजा आसिफ को लेकर कई ऐसे उदाहरण मौजूद हैं जिन्हें जानकर आप भी ये कहने को मजबूर होंगे कि हां वाकई शायद वो अपने पूरे होश-ओ-हवास में मीडिया से बात नहीं करते हैं। बात 2016 की है। जब पाकिस्तान के आतंकियों ने उरी हमले को अंजाम दिया था। इस हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना के पैरा कमांडोज ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी। आतंकियों के कई ठिकाने नेस्तनाबूत कर दिए गए थे। कई आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था। पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने के बाद भारतीय कमांडोज सकुशल देश की सरहद में भी दाखिल हो गए थे। इस सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान बौखला गया था। उस वक्त सोशल मीडिया में भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु हमले की फर्जी खबरें भी चल पड़ी थीं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इन खबरों के तथ्यों को बिना जांचे-परखे ही भारत को परमाणु हमले की धमकी दे डाली थी। जिस पर उनकी काफी किरकिरी भी हुई थी। ख्वाजा आसिफ की बात यहीं नहीं थमती। अभी हाल ही में पाकिस्तान जेल में कैद कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी ने इस्लामाबाद में उसने मुलाकात की थी। इस मुलाकात में भारतीय उपउच्चायुक्त को भी मौजूद रहना था। मुलाकात से एक दिन पहले ख्वाजा आसिफ ने इसे काउंसलर एक्सेस बता दिया था। जबकि कुलभूषण जाधव में पाकिस्तान की ओर से काउंसलर एक्सेस दिया ही नहीं गया था। अब आप सोच सकते हैं कि विदेश मंत्री के पद पर बैठा एक व्यक्ति किस तरह की गैर जिम्मेदराना बातें करता है। अब आसिफ साहब ने द वॉल स्ट्रीट जनरल को इंटरव्यू दिया है। इसी इंटरव्यू में उन्होंने कह दिया है कि हमारा और अमेरिका का अलायंस अब खत्म हो चुका है।
ख्वाजा आसिफ कहते हैं कि अब पाकिस्तान अमेरिका के लिए किसी भी तरह की कोई और कुर्बानी नहीं देगा। उनका कहना है कि अमेरिका ने हमेशा से अपने फायदे के लिए ही पाकिस्तान का इस्तेमाल किया है। अमेरिका ऐसा दोस्त निकला जिसने हमेशा पाकिस्तान को ही धोखा दिया। लेकिन, ख्वाजा आसिफ को अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए। पाकिस्तान ने जिस थाली में खाया है उसी में छेद किया। 15 साल तक वो अमेरिका से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के नाम पर पैसा लेता रहा। इस पैसे का इस्तेमाल नेताओं ने अपनी अय्याशी के लिए किया। जबकि परदे के पीछे इस्मालाबाद हमेशा से आतंकवाद का समर्थन करता रहा। आज पाकिस्तान को सबके सामने आकर आतंकवाद पर अपने गुनाहों को कबूल करना चाहिए। कोई कैसे मान सकता है कि आतंकवाद पर पाकिस्तान झूठ नहीं बोल रहा है। वो भी तब जब हाफिज सईद, मौलाना मसूद अहजर और सैयद सलाहुद्दीन जैसे आतंकी मुजफ्फराबाद से लेकर इस्लामाबाद तक में खुलेआम रैलियां करते हैं। अफगानिस्तान बार्डर पर हक्कानी नेटवर्क के सुरक्षित ठिकाने हैं। इस सूरत में ख्वाजा आसिफ के बयानों को बड़बोला नहीं कहा जाएगा तो क्या कहेंगे।