राहुल गांधी को भारी पड़ेगी ये राजनीति, सेलेक्टिव मुद्दों पर खामोशी से उठे सवाल

विदेश से राहुल गांधी मोदी सरकार पर हमला करते हैं, लेकिन भारत में वो उन मुद्दों पर नहीं बोलते हैं जिनसे कांग्रेस का वोटबैंक प्रभावित हो सकता है।

New Delhi, Jan 10: कांग्रेस में नया युग शुरू हो गया है, राहुल गांधी वादा कर रहे हैं कि वो 6 महीने में नई और चमकदार कांग्रेस पेश करेंगे, बतौर अध्यक्ष अपने पहले ही एग्जाम में फेल होने के बाद भी राहुल से उम्मीदें लगाई जा रही हैं, लेकिन ये उम्मीदें कहीं पानी के बुलबुले की तरह साबित ना हों, क्योंकि अब राहुल का जो रुख दिख रहा है उस में वो सेलेक्टिव मुद्दों पर बोल रहे हैं। राष्ट्रीय नेता के तौर पर खुद को स्थापित करने के लिए केवल वर्तमान सरकार पर हमला करना ही जरूरी नहीं है। आपके पास एक अप्रोच होना चाहिए, उस में सभी को बराबरी का दर्जा मिलना चाहिए। लेकिन राहुल के साथ ऐसा नहीं है। वो कई मुद्दों पर बोलते हैं, लेकिन एकतरफा बोलते हैं।

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फिलहाल राहुल गांधी बहरीन में हैं. वो वहां पर प्रवासी भारतीयों को संबोधित कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने देश में नफरत की राजनीति करने वालों पर हमला किया, राहुल का निशाना बीजेपी की तरफ था, नरेंद्र मोदी पर वो इस तरह के हमले पहले भी करते रहे हैं। नफरत की राजनीति को लेकर राहुल ने जो भी कहा उस पर बीजेपी ने पलटवार किया है, कंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राहुल पर हमला करते हुए कहा कि जब कर्नाटक और केरल में संघ के कार्यकर्ता मारे जाते हैं तो राहुल को नफरत नहीं दिखाई देती है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस तरह से दोतरफा रवैया अपनाना कांग्रेस की पुरानी आदत है। वो एक ही मुद्दे पर दो स्टैंड रखती है.

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बहरीन में राहुल ने कहा था कि मोदी सरकार देश के युवाओं की बेरोजगारी को नफरत में बदल रही है, इसी के साथ राहुल ने प्रवासी भारतीयों से विभाजनकारी शक्तियों से बचने और लड़ने की भी अपील की। इसी को लेकर रविशंकर प्रसाद ने राहुल से कुछ सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा है कि राहुल का तीन तलाक के मुद्दे पर क्या रुख है, वो ये बात नहीं करते हैं विदेश में जाकर सरकार के खिलाफ नफरत और घृणा फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में समुदाय की राजनीति सबसे ज्यादा कांग्रेस ने की है। मुस्लिम महिलाओं को न्याय के लिए जिस पार्टी का कोई स्टैंड नहीं है वो विदेश में मोदी सरकार को सीख दे रही है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल भारत तेरे टुकड़े होंगे का नारा लगाने वालों के हाथ मजबूत कर रहे हैं।

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ये तो रविशंकर प्रसाद के सवाल हो गए, लेकिन सोचने वाली बात ये है कि तीन तलाक, पीपुल्स फ्रंट को लेकर राहुल कुछ बोलतें नहीं दिखते हैं। वो सेलेक्टिव मुद्दों को ही चुनते हैं, जिनसे मोदी सरकार पर हमला किया जा सके. राहुल गांधी 6 महीने में नई और चमकदार कांग्रेस बाने की बात करते हैं, जिस पर लोग विश्वास कर सकें, लेकिन सलेक्टिव अप्रोच के कारण विश्वास कसे हासिल करेंगे, दरअसल कांग्रेस के सामने जो संकट है वो बहुत गहरा है, इसकी गहराई पाटने के लिए राहुल को खुल कर सामने आना पड़ेगा, सोशल मीडिया और पीआर टीम की मदद से वो जो छवि बनाने की कोशिश कर रहे हैं वो जमीनी स्तर पर बहुत ज्यादा कामयाब नहीं होने वाली है। इस खेल में बीजेपी उनसे कहीं आगे है। लिहाजा राहुल को ठोस मुद्दों को उठाना होगा और जमीनी स्तर पर काम करके दिखाना होगा।