मदरसों को बंद कराने की मांग करने वाले वक्‍फ बोर्ड चेयरमैन वसीम रिजवी की जान खतरे में

शिया सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की जान खतरे में है। उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर मदरसों को बंद कराने की मांग की थी।

New Delhi Jan 12 : अभी कुछ दिनों पहले ही शिया सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर देश में मदरसा एजूकेशन बंद कराने की मांग की थी। उनका मानना था कि मदरसों में वैल्‍यु एजूकेशन नहीं बल्कि कट्टरवाद की तालीम दी जाती है। इसके साथ ही उन्‍होंने कई मदरसों में आतंकी संगठनों की ओर से फंडिंग के भी आरोप लगाए थे। इन आरोपों और खत के बाद अब शिया सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की जान खतरे में है। इस बात का खुलासा खुद वसीम रिजवी ने ही किया है। वसीम रिजवी का कहना है कि मदरसों के नाम पर फंड हासिल करने वालों के तार काफी ऊपर तक जुड़े हैं। जो उनका कत्‍ल भी करवा सकते हैं। लेकिन, उनका कहना है कि मैं डरने वालों में से नहीं हूं। मैंने अपनी कब्र खुदवा दी है। तख्‍ती लगवा दी है। पत्‍थर तैयार करवा रहा हूं। ऐसे लोग मेरा हौसला नहीं डिगा सकते हैं।

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इस बीच जमीयत-ए-उलेमा-हिंद ने भी शिया सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी के बयान को लेकर उन्‍हें लीगल नोटिस भेज दिया है। दरअसल, वसीम रिजवी का मानना है कि मदरसों में पढ़ाई कर आज तक कोई भी बच्‍चा इंजीनियर, डॉक्‍टर या फिर आईएएस अफसर नहीं बन सकता है। हां कुछ मदरसों में तालीम हासिल कर कुछ छात्र आतंकी जरुर बन गए हैं। वसीम रिजवी के इस बयान ने मुस्लिम समुदाय में हड़कंप मचा दिया था। उनका बयान सामने आने के बाद कई मौलानाओं ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। देशभर के कई मौलाना वसीम रिजवी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। वसीम का कहना है कि ये लोग हमारे पीछे उस वक्‍त से पड़े हुए हैं जब से मैंने कब्रों की बिक्री पर रोक लगाई है। वसीम रिजवी मानते हैं कि देश के चंद मौलाना उनका विरोध करेंगे लेकिन, चंद लोगों की खातिर लाखों बच्‍चों के भविष्‍य को दांव पर नहीं लगाया जा सकता है।

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वसीम रिजवी का कहना है कि मैंने कई लोगों के अरबों-खरबों के चंदे पर चोट कर दी है। ऐसे लोग मेरा कत्‍ल करवा सकते हैं। ऐसे लोग मुझे मरवाने की फिराक में हैं। लेकिन, मैं ऐसे लोगों से किसी भी कीमत पर डरने वाला नहीं हूं। वसीम रिजवी का कहना है कि मैंने अपनी कब्र भी तैयार करवा ली है। रिजवी ने अभी नौ जनवरी को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस संबंध में खत लिखा था। इससे पहले बोर्ड मदरसा एजूकेशन को लेकर पूरी रिपोर्ट भी प्रधानमंत्री को भेज चुका है। बोर्ड की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी गई चिट्ठी में यूनिफॉर्म एजुकेशन सिस्टम की वकालत की थी। इसके साथ ही ये भी मांग की गई है कि देश के सभी मदरसों को CBSE और ICSE के पाठ्यक्रम से जोड़ा जाए। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयमैन वसीम रिजवी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जो खत लिखा था उसमें कहा गया था कि मदरसा एजूकेशन कट्टरपंथियों से प्रेरित है।

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वसीम रिजवी का मानना है कि मदरसा एजूकेशन आजादी के बाद से ही धर्मनिरपेक्ष शिक्षा प्रणाली के विपरीत चल रही है। जो देश और मुस्लिम बच्‍चों के भविष्‍य के लिए ठीक नहीं है। यहां के एजूकेशन सिस्‍टम पर कट्टरवाद हावी है। छात्रों के दिमाग में कट्टरपंथी विचारधारा भरी जा रही है। रिजवी कट्टरवाद और उससे प्रेरित मदरसा एजूकेशन को भारतीय मुसलमानों के लिए अभिशाप मानते हैं। रिजवी ने कई मदरसों पर आतंकी संगठनों से फंडिंग के आरोप लगाते हुए कहा था कि देश में ज्‍यादातर मदरसे जकात के पैसों से चल रहे हैं। देश के मदरसों में पाकिस्‍तान और बांग्‍लादेश से भी फंडिंग हो रही है। उनका कहना था कि सबसे ज्‍यादा पैसा सऊदी अरब से आ रहा है। जिसकी जांच होनी चाहिए। रिजवी े बयान के बाद AIMIM के अध्‍यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उन्‍होंने रिजवी को सबसे बड़ा जोकर करार देते हुए कहा था कि वो संघ के इशारे पर काम कर रहे हैं।