चार जजों ने हिंदुस्तान में हलचल मचा दी, पीएम मोदी ने कानून मंत्री से बात की

चार जजों ने हिंदुस्तान में हलचल मचा दी है। इस बीच पीएम मोदी ने इस बारे में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से बात की है और उपायों पर विचार किया है।

New Delhi, Jan 12: शुक्रवार 12 जनवरी 2018 का दिन, नए साल ने आते आते हिंदुस्तान के लिए एक बड़ी खबर दे दी। सुप्रीम कोर्ट के चार जज पहली बार मीडिया के सामने आए और बड़ी बातें बताई। बातें ऐसी थी कि हर कोई दंग रह गया क्योंकि ना तो भारत के इतिहास में पहले कभी ऐसा हुआ और ना ही शायद किसी ने सोचा होगा। यहां तक कि पीएम मोदी ने कानून मंत्री को फोन किया और इस बारे में जानकारी ली है। जस्टिस चेलामेश्वर, जस्टिस मदन लोकुर, जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस रंजन गोगोई ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो हर जगह हड़कंप मच गया। सभई ने सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन में अनियमितताओं पर सवाल खड़े किए।  

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एक और खास बात ये है कि ये सभी जज चीफ जस्टिस आफ इंडिया से भी सुप्रीम कोर्ट के भीतर हो रही गड़बडि़यों की शिकायत कर चुके हैं। लेकिन, इनकी शिकायतों पर कोई ध्‍यान नहीं दिया गया।आखिरकार इन सभी को मीडिया के सामने आना पड़ा। जस्टिस चेलामेश्वर का कहना था कि उन्‍होंने सीजीआई को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के भीतर जो कुछ हो रहा है वो सही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक से नहीं चल रहा है। हालांकि प्रेस कांफ्रेंस करने वाले जजों ने ये नहीं बताया कि वो केस कौन सा था। हालांकि जस्टिस चेलामेश्वर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने ये जरुर आश्‍वासन दिया कि वो उस लेटर को जरुर सार्वजनिक करेंगे।  

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4 जजों की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया पर सनसनीखेज आरोप लगाए गए तो राजनीति भी गर्माने लगी है। न्यापालिका से लेकर सरकार तक हलचल मच गई है। इसके बाद पीएम मोदी ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से फोन बात की है।कई बातें निकलकर सामने आ रही हैं। एक मीडिया रिपोर्ट कहती है कि सरकार इस मामले में दखल नहीं देगी क्योंकि ये सुप्रीम कोर्ट का अंदरूनी मामला है। बताया जा रहा है कि इसमें सरकार पक्ष नहीं है। हालांकि इस मामले को लेकर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल से मुलाकात की है और पूरे मामले पर चर्चा की है।

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वहीं बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने इस बारे में अपना बयान दिया है। उनका कहना है कि मीडिया के सामने आने वाले 4 जजों ने अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने कहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है, तो जाहिर है कि जजों को निश्चित तौर पर कोई परेशानी होगी। स्वामी ने  इस बीच प्रधानमंत्री को इस मामले में दखल देने के लिए कहा है। स्वामी ने कहा कि मीडिया के सामने अपनी बात रखने वाले चारों जज बुद्धिजीवी हैं, इस वजह से उनकी बातों पर ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है। अब देखना है कि देश के प्रधानमंत्री और कानून मंत्री इस बारे में क्या फैसला लेते हैं और क्या राय रखते हैं।