जल्द सुलझेगा जजों का विवाद, अटॉर्नी जनरल ने दिए शुभ संकेत

देशभर में शुरू हुआ जजों का विवाद जल्द खत्म हो सकता है। जी हां अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने उम्मीद जताई है कि शनिवार को ये विवाद खत्म हो जाएगा।

New Delhi, Jan 13: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के जजों ने मीडिया के सामने बयान देकर देशभर में हड़कंप मचा दिया है। 4 वरिष्ठ जजों ने सीजेआई दीपक मिश्रा की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए थे। इसके बाद अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही ये विवाद खत्म हो जाएगा। उन्हें उम्मीद है कि शनिवार को ये विवाद खत्म हो जाएगा। वेणुगोपाल ने न्यूज एजेंसी एएनआई से ये सारी बातें बताई हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज साथ मिलकर सारे मतभेदों को दूर कर लेंगे। इस बीच 4 वरिष्ठ जजों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस करने को लेकर कानूनी एक्सपर्ट्स भी अलग अलग राय रखते हैं। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस आर.एस. सोढ़ी ने जजों के इस कदम को गलत कहा है। वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह, प्रशांत भूषण ने जजों के इस कदम का स्वागत किया है।

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सुप्रीम कोर्ट के चार जज पहली बार मीडिया के सामने आए और बड़ी बातें बताई। बातें ऐसी थी कि हर कोई दंग रह गया क्योंकि ना तो भारत के इतिहास में पहले कभी ऐसा हुआ और ना ही शायद किसी ने सोचा होगा। यहां तक कि पीएम मोदी ने कानून मंत्री को फोन किया और इस बारे में जानकारी ली है। जस्टिस चेलामेश्वर, जस्टिस मदन लोकुर, जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस रंजन गोगोई ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो हर जगह हड़कंप मच गया। सभई ने सुप्रीम कोर्ट के प्रशासन में अनियमितताओं पर सवाल खड़े किए। एक और खास बात ये है कि ये सभी जज चीफ जस्टिस आफ इंडिया से भी सुप्रीम कोर्ट के भीतर हो रही गड़बडि़यों की शिकायत कर चुके हैं।

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लेकिन, इनकी शिकायतों पर कोई ध्‍यान नहीं दिया गया।आखिरकार इन सभी को मीडिया के सामने आना पड़ा। जस्टिस चेलामेश्वर का कहना था कि उन्‍होंने सीजीआई को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के भीतर जो कुछ हो रहा है वो सही नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक से नहीं चल रहा है। हालांकि प्रेस कांफ्रेंस करने वाले जजों ने ये नहीं बताया कि वो केस कौन सा था। हालांकि जस्टिस चेलामेश्वर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने ये जरुर आश्‍वासन दिया कि वो उस लेटर को जरुर सार्वजनिक करेंगे। 4 जजों की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया पर सनसनीखेज आरोप लगाए गए तो राजनीति भी गर्माने लगी है।

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न्यापालिका से लेकर सरकार तक हलचल मच गई है। इसके बाद पीएम मोदी ने कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से फोन बात की है।कई बातें निकलकर सामने आ रही हैं। एक मीडिया रिपोर्ट कहती है कि सरकार इस मामले में दखल नहीं देगी क्योंकि ये सुप्रीम कोर्ट का अंदरूनी मामला है। बताया जा रहा है कि इसमें सरकार पक्ष नहीं है। हालांकि इस मामले को लेकर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल से मुलाकात की है और पूरे मामले पर चर्चा की है। अब के के वेणुगोपाल का कहना है कि शनिवार तक ये मतभेद सुलझ जाएगा।