हिंदुस्‍तान से जंग की तैयारी कर रहा है चीन ? शी जिनपिंग ने दिए युद्धाभ्‍यास के आदेश

क्‍या चीन हिंदुस्‍तान से जंग चाहता है ? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना को तैयार रहने को कहा है।

New Delhi Jan 13 : चीन और पाकिस्‍तान भारत के दो ऐसे पड़ोसी देश हैं जिन पर कभी भी यकीन नहीं किया जा सकता है। बेशक कुछ महीने पहले ही डोकलाम का विवाद थम चुका हो। लेकिन, चीनी सैनिकों की हरकत को देखकर लगता नहीं है कि वो इतनी आसानी से हार मानने वाले हैं। चीन पहले ही कह चुका है कि वो डोकलाम से अपनी सेना को नहीं हटाएगा। इस बीच चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना को युद्धाभ्‍यास के आदेश दिए हैं। शी जिनपिंग के आदेश पर पीपल्‍स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए अपने देश के साथ-साथ विदेश में भी युद्धाभ्‍यास करने में जुट गई है। हालांकि भारतीय सेना भी चीन की हर हरकत पर नजर जमाए हुए है। आर्मी चीफ भी ये कह चुके हैं कि बेशक चीन ताकतवर देश होगा। लेकिन, भारत भी कमजोर नहीं है। अगर कहीं पर भी कोई हरकत हुई तो चीन को उसका मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।

Advertisement

खबरों के मुताबिक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अभी तीन जनवरी को ही अपनी सेना को हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा था। इसके साथ ही युद्धाभ्‍यास का भी आदेश दिया था। शी जिनपिंग के इन्‍हीं आदेशों के बाद पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने अपनी नौसेना, वायुसेना, मिसाइल और पुलिस बल के साथ अपनी जमीन और विदेशी धरती पर सैन्‍य अभ्‍यास किया। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना को हिदायत दी है कि वो किसी भी तरह से ओवरकांफिडेंस में ना रहें। इसके अलावा तत्कालिक खतरों से भी निपटने को तैयार रहें। जानकारी के बाद चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के आदेश के बाद चीनी नौसेना ने हिंद महासागर के जिबूती बेस पर भी वॉर प्रैक्टिस की। सूत्रों का कहना है कि चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के सामने इस वक्‍त भारत ही सबसे बड़ा खतरा बनकर उभर रहा है।

Advertisement

चीनी नौसेना ने जिस जिबूती बेस पर वॉर प्रैक्टिस की। उसे चीनी सेना का आधिकारिक लॉजिस्‍टक बेस भी कहा जाता है। इसके साथ ही चीन आर्मी के मुखपत्र कहे जाने वाले पीएलए डेली ने दावा किया है कि एयरफोर्स ने भी अपनी तैयारियां शुरु कर दी हैं। सैन्‍य लड़ाकू विमान लगातार वॉर प्रैक्टिस कर रहे हैं। चीनी एयरफोर्स की इस वॉर प्रैक्टिस में जे-20 लड़ाकू विमान के अलावा वाई -20 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, एच-6के बॉम्बर और जे-10, जे-11बी, जे-16सी सरीखे लड़ाकू विमानों को शामिल किया गया है। चीनी एयरफोर्स की ये वॉर प्रैक्टिस तिब्‍बत के पठार वाले इलाके में की जा रही है। वहीं दूसरी ओर चीनी आर्मी के विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत और चीन के सीमावर्ती इलाकों में हालात भारतीय सेना के अनुकूल हैं। जिससे चीनी आर्मी को कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है।

Advertisement

इससे पहले अभी शुक्रवार को ही आर्मी चीफ बिपिन रावत भी मीडिया से मुखातिब हुए थे। जिसमें उन्‍होंने कहा था कि हमारी फौज की चीन की सेना पर बारीक नजर है। बेशक चीन ताकतवर देश होगा। लेकिन, वो भारत को भी कमजोर समझने की गलती ना करे। आर्मी चीफ बिपिन रावत का कहना था कि हमारी फौज किसी को भी भारतीय सीमा में घुसपैठ की इजाजत नहीं दे सकती। हम चीन की हर चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही उनका कहना था कि अब वक्‍त आ गया है कि हम लोगों अपना ध्‍यान उत्‍तरी सीमा की ओर केंद्रित करें। डोकलाम के मुद्दे पर भी बिपिन रावत ने बहुत ही साफगोई के साथ जवाब दिया। उनका कहना है कि अगर डोकलाम में जरा सी भी हरकत हुई तो हम पूरी तरह तैयार हैं। यानी एक ओर चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग अपनी सेना को जंग के लिए तैयार कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर आर्मी चीफ भी उसने मुकाबले को रेडी हैं। जंग की सुगबुगाहट के बीच भी प्राथमिकता शांतिपूर्ण समाधान की है।