नरेंद्र मोदी के कपड़ों को मुद्दा बनाने वाले ये पढ़ लें, सूट-बूट बोलना भूल जाएंगे
नरेंद्र मोदी के कपड़ों पर हमला करने वाले ये खबर पढ़कर खामोश हो जाएंगे, एक आरटीआई से बड़ा खुलासा हुआ है, जो मोदी विरोधियों को रास नहीं आएगा।
New Delhi, Jan 13: नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनके खिलाफ जिस एक मुद्दे को आधार बना कर सबसे जोरदार हमला किया गया था वो सूट बूट की सरकार वाला नारा था, जो राहुल गांधी ने दिया था। दरअसल मोदी ने एक ऐसा सूट पहना था जिस पर उनका नाम लिखा हुआ था, बराक ओबामा के भारत दौरे के समय वो सूट मोदी ने पहना था. इसके अलावा भी मोदी की ड्रेसिंग स्टाइल को लेकर कांग्रेस लगातार हमला करती रहती है। मगर अब एक आरटीआई से जो जानकारी सामने आई है उसे पढ़ने और समझने के बाद विरोधी नेता मोदी के कपड़ों पर हमला करना भूल जाएंगे, सूट बूट का जुमला गढ़ने वाली कांग्रेस को भी इस जानकारी से झटका लगेगा।
एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने जानकारी मांगी कि 1998 से लेकर अब तक प्रधानमंत्रियों के कपड़ों पर कितना खर्च हुआ है, और ये खर्च किसने दिया है। खास बात ये है कि 1998 से लेकर अब तक अटल बिहारी बाजपेयी और मनमोहन सिंह भी प्रधानमंत्री रह चुके हैं, रोहित सबरवाल नाम के शख्स ने ये आरटीआई दाखिल की थी, इसका जवाब पीएमओ की तरफ से आया जो काफी दिलचस्प है, इस जवाब के बाद नरेंद्र मोदी के कपड़ों को लेकर किसी भी तरह के विवाद पर विराम लग जाएगा। पीएमओ की तरफ से जो जवाब दिया गया है उस में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी के कपड़ों का खर्च भारत सरकार नहीं उठाती है। उनके निजी पोशाक पर होने वाले खर्च को खुद वहन करते हैं।
पीएमओ ने ये भी कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हमेशा से अच्छे कपड़े पहनने का शौक रहा है. इस शौक को पूरा करने के लिए वो सरकारी पैसे का इस्तेमाल नहीं करते हैं, वो अपने खर्चे से इन कपड़ों को खरीदते हैं। ये आरटीआई चाहे जिस मकसद से लगाई गई थी, लेकिन इस ने बीजेपी को एक मौका दे दिया जिस से वो विरोधियों पर हमला कर सके। बीजेपी ने कहा कि आरटीआई से ये साफ हो गया है कि पीएम मोदी के कपड़ों को लेकर जो विवाद खड़ा किया गया था वो केवल पब्लिसिटी हासिल करने का तरीका था। बेकार में हंगामा खड़ा करके जनता को गुमराह करने की कोशिश की गई थी, लेकिन अब सच्चाई सामने आ गई है।
दरअसल मोदी के कपड़ों को लेकर विवाद ओबामा के भारत दौरे के समय खड़ा हुआ था, उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने मोनोग्राम सूट पहना था, इस सूट की खासियत ये है कि इस में मोदी का नाम लिखा हुआ था, दूर से देखने में वो धारियां दिखाई देती थीं, लेकिन करीब से देखने पर पता चला कि उस में मोदी का नाम लिखा हुआ था। उसी सूट को आधार बना कर कांग्रेस ने मोदी पर हमला किया था। बाद में उस सूट को नीलाम कर दिया गया था, जिस के लिए लालजीभाई तुलसीभाई पटेल ने 4 करोड़ 31 लाख 31 हजार 311 रुपये की बोली लगाई थी.अब ये साफ हो गया है कि मोदी के कपड़ों को लेकर जो विवाद था वो पानी के बुलबुले से ज्यादा कुछ नहीं था, ऐसे में राहुल गांधी को अपने अपने पुरखों से जुड़े किस्सों को याद करते हुए इस मामले में खामोश हो जाना चाहिए, क्योंकि अगर कांग्रेस पर कपड़ों को लेकर हमला शुरू हुआ तो राहुल मुंह छुपाते फिरेंगे।