जम्मू-कश्मीर के शिक्षा मंत्री का आर्मी चीफ पर निशाना, ‘हमारे मामलों में दखल मत दो’

जम्मू-कश्मीर के शिक्षा मंत्री ने आर्मी चीफ पर निशाना साधा है। उन्होंने साप शब्दों में चेतावनी दी है कि कश्मीर के मामलों में जनरल रावत दखल ना दें।

New Delhi, Jan 14: जम्मू कश्मीर के शिक्षा मंत्री ने भारतीय सेना के चीफ बिपिन रावत पर निशाना साधा है। सैय्यद अल्ताफ बुखारी का कहना है कि सेना प्रमुख एक सम्मानित अधिकारी है। इसके बाद उन्होंने कहा कि वो एक शिक्षाविद नहीं हैं। हाल ही में जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि जम्मू कश्मीर में छात्रों को कुछ अलग ही पाठ पढ़ाया जा रहा है। आर्मी चीफ ने कहा था कि जम्मू कश्मीर के स्कूलों, मदरसों और मस्जिदों में भारत का नक्शा अलग से पढ़ाया जाता है। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर का नक्शा अलग से पढ़ाया जा रहा है। जनरल रावत ने कहा था कि इससे कश्मीर के युवाओं में कट्टरवादी सोच बढ़ रही है।

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उन्होंने कहा कि इसी वजह से युवाओं में अलगाववादी सोच पनप रही है। इसके साथ ही जनरल रावत ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर की शिक्षा प्रणाली को बदले जाने या फिर समीक्षा किए जाने की जरूरत है। इसके जवाब में जम्मू कश्मीर के शिक्षा मंत्री का कहना है कि बिपिन रावत कोई शिक्षाविद नहीं हैं। ये राज्य का विषय रहा है और सरकार जानती हैं कि शिक्षा प्रणाली कैसे चलानी है। शनिवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के आरोपों का जवाब देते हुए जम्मू-कश्मीर के शिक्षा मंत्री सैय्यद अल्ताफ बुखारी ने ये सारी बातें बताई। उन्होंने कहा कि राज्य में दो झंडे भी हैं। उन्होंने ये भी कहा कि जम्मू कश्नीर का संविधान अलग है और भारत का संविधान अलग है।

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हर स्कूल में राज्य का नक्शा जरूरी होता है ताकि उन्हें राज्य के बारे में पढ़ाया जा सके। जनरल रावत ने सेना दिवस पर जम्मू कश्मीर की शिक्षा प्रणाली पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि कश्मीर के सरकारी स्कूलों में गलत तरीके से चीजें पढ़ाई जा रही हैं। उन्होंने कहा था कि सेना पर पत्थर फेंकने वाले मामले इस वजह से सामने आ रहे हैं। उनका कहना था कि राज्य में सोशल मीडिया और सरकारी स्कूलों में दुष्प्रचार का अभियान चल रहा है। जनरल रावत ने कहा था कि वहां कक्षाओं में भारत का नक्शा अलग तरीके से पढ़ाया जाता है और जम्मू कश्मीर का नक्शा अलग तरीके से पढ़ाया जाता है।

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इस वजह से बच्चों के दिमाग में ‘अलग पहचान’ का बीज बोया जा रहा है। बच्चों को शुरू से ही बताया जा रहा है कि वो अलग हैं। सेना प्रमुख का कहना था कि मदरसों और मस्ज‍िदों में भी छात्रों को गलत सूचनाएं दी जा रही है। वहां लगाम लगाने की जरूरत है और हम उस तरफ कोशिश कर रहे हैं। साथ ही सेना प्रमुख ने कहा कि पत्थरबाजों में सरकारी स्कूल के बच्चें शामिल होते हैं। प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को इसमें शामिल होते नहीं देखा गया है। ऐसे में व्यवस्था में सुधार लाने के लिए कश्मीर में ज्यादा से ज्यादा प्राइवेट, सीबीएसई और सेना संचालित स्कूलों को खोलने की जरूरत है। अब आर्मी चीफ पर कश्मीर के शिक्षा मंत्री ने निशाना साधा है।