जस्टिस लोया के बेटे अनुज लोया की गुहार, पिता की मौत पर मत करो राजनीति

जहां एक ओर विपक्ष जस्टिस लोया की मौत पर राजनीति कर रहा है। वहीं दूसरी ओर उनके बेटे अनुज लोया ने अपने पिता की मौत को राजनीति से दूर रखने की गुजारिश की है।

New Delhi Jan 14 : इस वक्‍त देश में जस्टिस लोया की संदिग्‍ध मौत पर बवाल मचा हुआ था। विपक्ष जस्टिस लोया की मौत पर खूब राजनीति कर रहा था। लेकिन, अब इस केस में नया मोड़ आ गया है। जस्टिस लोया के बेटे अनुज लोया ने देश के सभी राजनैतिक दलों से गुहार लगाई है कि वो उनके मरहूम पिता की मौत पर सियासत ना करें। उनके पिता की मौत प्राकृतिक थी। जिस पर कोई संदेश नहीं है। अनुज लोया ने बताया कि उनके पिता जस्टिस लोया की मौत हॉर्ट अटैक से ही हुई थी। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि इस मामले में हमारा किसी पर कोई आरोप नहीं है। दरसअल, जस्टिस लोया सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की सुनवाई करने वाले सीबीआई की विशेष अदालत के जज थे। कुछ ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी जिसमें उनकी मौत को संदिग्‍ध बताते हुए हंगामा खड़ा करा दिया गया था। इसके बाद विपक्ष ने भी इस मामले पर हमलावर तेवर अपना लिए थे।

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लेकिन, जस्टिस लोया की मौत पर हो रही राजनीति से उनका परिवार काफी दुखी था। इसी बात को लेकर दिवंगत सीबीआई के जज बीएच लोया के बेटे अनुज लोया ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बताया कि उनके पिता की मौत नेचुरल थी। उन्‍हें हार्ट अटैक पड़ा था। जिसकी वजह से उनकी मौत हुई। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि इस मामले में हम किसी पर कोई आरोप नहीं लगाना चाहते हैं। अनुज लोया का कहना है कि हमें इस केस में किसी पर कोई शक नहीं है। मौत भी प्राकृतिक है इसलिए इस केस में जांच की कोई जरुरत नहीं है। दरअसल, अनुज लोया का ये बयान उस वक्‍त सामने आया है जब सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए महाराष्‍ट्र सरकार से जस्टिस लोया की पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट सौंपने को कहा है। इस केस की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी। वहीं जस्टिस लोया का परिवार इस केस में कोई जांच चाहता ही नहीं है।

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दरअसल, इस वक्‍त ज्‍यूडिशरी को लेकर काफी तनातनी चल रही है। अभी सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कांफ्रेंस कर चीफ जस्टिस आफ इंडिया दीपक मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके साथ ही उन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट प्रशासन पर भी सवाल खड़े किए थे। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के चारों जजों ने जस्टिस लोया के मामले का भी जिक्र किया था। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने इस मामले को जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच को रेफर किया था। जबकि चीफ जस्टिस पर आरोप लगाने वाले चार जजों ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात का भी जिक्र किया था कि सुप्रीम कोर्ट में केस का आवंटन ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा है। इसके बाद ही ये मामला और भी गरमा गया था। जबकि अनुज लोया का कहना है कि उनके पिता की मौत को राजनैतिक रंग देने की कोशिश की जा रही है। जो ठीक नहीं है। अनुज लोया का कहना है कि ये बेहद ही दुखद है और उनका परिवार सियासत का शिकार नहीं होना चाहता है।

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प्रेस कांफ्रेंस में जस्टिस लोया के बेटे ने कहा कि उनके परिवार को पिछले करीब तीन साल से परेशान किया जा रहा है। इसके साथ ही अनुज ने कहा कि इस केस को लेकर अब उनके परिवार को और परेशान ना किया जाए। उन वकील और एनजीओ को भी परेशान ना किया जाए। दरअसल, सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में अमित शाह समेत गुजरात के कई बड़े अफसरों को नामजद किया गया था। इस केस में अमित शाह बरी हो चुके हैं। इस केस को सीबीआई के जज जस्टिस लोया ही डील कर रहे थे। लेकिन, साल 2014 में नागपुर में उनकी मौत हो गई। उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई थी। लेकिन, बाद में जस्टिस लोया की मौत को लेकर सवाल उठने शुरु हो गए थे। वकील अनिता शिनॉय ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर इस केस में निष्‍पक्ष जांच की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले को गंभीर मानते हुए महाराष्‍ट्र सरकार से उनकी पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट को सौंपने को कहा था। दो दिन बाद ही इस केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। लेकिन, उससे पहले ही इस केस में बड़ा मोड़ आ गया।