हज सब्सिडी खत्म, तिलमिलाए असदुद्दीन ओवैसी, मोदी सरकार को दी चुनौती

हज सब्सिडी खत्म होने के बाद असदुद्दीन ओवैसी इस पर राजनीति कर रहे हैं, वो मोदी सरकार को चुनौती दे रहे हैं कि हिंदुओं को मिलने वाली सब्सिडी भी खत्म हो।

New Delhi, Jan 17: मोदी सरकार ने अचानक से एक फैसला लिया, ये फैसला हज सब्सिडी से जुडा़ हुआ था, जिसे सरकार ने खत्म कर दिया है, इसके बाद जैसा की उम्मीद थी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई, बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कहा था कि 2022 तक हज सब्सिडी को खत्म कर दिया जाना चाहिए। इसी के तहत सरकार ने फैसला लिया। अब इस पर राजनीति शुरू हो गई है, कांग्रेस मुश्किल में हैं, उसकी मुश्किल ये है कि वो अब सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर है, अगर वो हज सब्सिडी खत्म करने का विरोध करती है तो उस पर फिर से तुष्टिकरण के आरोप लग सकते हैं। लेकिन असदुद्दीन ओवैसी के सामने इस तरह की कोई मुश्किल नहीं है. वो मुसलमानों की ही राजनीति करने का दावा करते हैं।

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अब असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार को ही चुनौती दे डाली है, ओवैसी ने कहा है कि हज सब्सिडी को खत्म करने के बाद क्या केंद्र सरकार और राज्य सरकारें हिंदू तीर्थयात्रियों के मिलने वाली वित्तीय सहायता को भी बंद करेंगे। अगर सरकार में हिम्मत है तो वो इसे बंद करके दिखाएं। ओवैसी ने कहा कि बीजेपी, संघ और मोदी सरकार 200 करोड़ की सब्सिडी को लेकर हंगामा करते रहते हैं। इसे अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण कहा जाता है. जबकि अलग अलग राज्यों में धार्मिक आयोजनों में हजारों करोड़ रूपये खर्च किए जाते हैं। ओवैसी ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2022 तक हज सब्सिडी खत्म करने के लिए कहा था, इसे मोदी सरकार ने बेवजह उछाल दिया। ओवैसी ने आंकड़ों के जरिए अपनी बात रखी।

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ओवैसी ने कहा कि 2014 कुंभ मेले के लिए दिए गए 1150 करोड़ रूपये, सिंहस्थ कुंभ के लिए 100 करोड़ रूपये इसी साल मध्य प्रदेश सरकार द्वारा खर्च किए गए 3400 करोड़ रूपये क्या तुष्टिकरण नहीं हैं। इसी के साथ ओवैसी ने कहा कि सरकार को मानसरोवर यात्रियों को दी जाने वाली डेढ़ लाख की सब्सिडी भी खत्म कर देनी चाहिए। कर्नाटक सरकार चार धाम यात्रा पर जाने वालों को 20 हजार रूपये देती है, क्या ये तुष्टिकरण नहीं है। साफ है कि हज सब्सिडी खत्म किए जाने से ओवैसी तिलमिला गए हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही कह चुका है कि इसे 2022 तक खत्म करना चाहिए। ओवैसी के मुताबिक सरकार को 2022 में ही हज सब्सिडी खत्म करनी चाहिए थी।

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हो सकता है कि ओवैसी ये मानकर चल रहे हैं कि 2022 में मोदी सरकार तो केंद्र में रहेगी नहीं, इसलिए हज सब्सिडी का मुद्दा दबा ही रहेगा। ओवैसी ने कई उदाहरण गिनाए, जिनके जरिए मोदी सरकार पर निशाना साधा जा सकता है। हज सब्सिडी ओवैसी के लिए सियासी मुद्दा है, वो पहले से इसे खत्म करने की बात करते आ रहे हैं, खास बात ये है कि पहले उन्होंने ये नहीं कहा था कि हिंदुओं को मिलने वाली सब्सिडी भी खत्म करनी चाहिए. अब जबकि हज पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म हो गई है तो ओवैसी इसे नए सिरे से मुद्दा बना रहे हैं। इसके जरिए वो अपनी सियासत को चमका रहे हैं। तीन तलाक के मुद्दे पर भी ओवैसी का इसी तरह का रुख रहा है। शायद वो मुद्दों को खत्म नहीं होने देना चाहते हैं।