प्रवीण तोगडि़या ने गुजरात में बीजेपी के ‘विजयरथ’ में अटकाए थे रोड़े ?

VHP के कार्यकारी अध्‍यक्ष प्रवीण तोगडि़या ने अपने एनकाउंटर की साजिश रचने का आरोप लगाकर सनसनी मचा दी। लेकिन असल कहानी कुछ और ही है।

New Delhi Jan 17 : अभी मंगलवार की ही बात है जब विश्‍व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्‍यक्ष प्रवीण तोगडि़या मीडिया के सामने आए थे। उन्‍होंने गुजरात और राजस्‍थान पुलिस पर अपने एनकाउंटर की साजिश रचने का आरोप लगाया था। प्रवीण तोगडि़या का कहना था कि पुलिस राजनैतिक इशारे पर काम कर रही है। आईबी के अफसर उन्‍हें परेशान कर रहे हैं। लेकिन, इस पूरे सियासी ड्रामे के पीछे की कहानी कुछ और निकल कर सामने आ रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बार के गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रवीण तोगडि़या ने बीजेपी विरोधी काम किया था। शायद यही वजह है कि गुजरात में इस बार बीजेपी 99 सीटों पर ही आकर अटक गई थी। इसके साथ ही ये भी बताया जा रहा है कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल उनका पुराना चेला है। हार्दिक पटेल के साथ उनकी एक काफी पुरानी फोटो भी इस वक्‍त सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है।

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इतना ही नहीं प्रवीण तोगडि़या की गिरफ्तारी की कोशिश, उनकी गुमशुदगी और फिर बेहोशी की हालत में मिलने का पूरा का पूरा नाटक इस ओर इशारा कर रहा है कि विश्‍व हिंदू परिषद और राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ में सबकुछ ठीक नहीं है। बीजेपी, आरएसएस और विहिप के अंदरूनी संघर्ष की वजह से ही ये पूरा बवाल हुआ है। राजनैतिक जानकारों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी का नेतृत्‍व इस वक्‍त विश्‍व हिंदू परिषद से काफी नाराज है। बताते हैं कि प्रवीण तोगडि़या और विहिप के कार्यकर्ताओं ने गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी के खिलाफ काम किया। हालांकि प्रवीण तोगडि़या के अंदरूनी विरोध के बाद भी भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात में जीत हासिल की। लेकिन, उसकी सीटें घटकर 99 तक पहुंच गईं। बताया जाता है कि एक जमाने में नरेंद्र मोदी और प्रवीण तोगडि़या के रिश्‍ते बहुत ही अच्‍छे हुआ करते थे। लेकिन, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्‍यमंत्री बने तो दोनों के रिश्‍तों में खटास आनी शुरु हो गई थी।

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2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव में ये कड़वाहट काफी बढ़ गई थी। उस वक्‍त भी बीजेपी नेताओं को लग रहा था कि प्रवीण तोगडि़या और विहिप गुजरात में लगातार उनके खिलाफ काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं प्रवीण तोगडि़या के बारे में ये भी कहा जाता है कि उन्‍होंने ही गुजरात में पाटीदार आंदोलन की आग में घी डालने का काम किया गया था। पाटीदारों के भीतर बीजेपी के खिलाफ गुस्‍से को जानबूझकर भड़काया गया था। बताते हैं कि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल भी प्रवीण तोगडि़या का पुराना चेला है। उनकी एक काफी पुरानी फोटो भी इस वक्‍त सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है। जिसमें हार्दिक पटेल कमर में रिवाल्‍वर लगाकर तोगडि़या के साथ खड़ा हुआ दिखाई दे रहा है। इन्‍हीं सब बातों को लेकर आरएसएस ने भी विहिप को निर्देश दिया था कि वो अब से किसी भी राजनैतिक मसलों में दखल नहीं देगा। लेकिन, तोगडि़या ने बात नहीं मानी।

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संघ की मनाही के बाद भी प्रवीण तोगडि़या ने गुजराम में कई किसान और युवा रैलियों को संबोधित किया और बीजेपी के खिलाफ ही माहौल बनाने की कोशिश की। ये बात पार्टी हाईकमान को कतई रास नहीं आई। अभी 29 दिसंबर को जब भुवनेश्वर में विहिप के कार्यकारी बोर्ड की बैठक हुई थी। उस वक्‍त भी संघ नहीं चाहता था कि तोगडि़या को फिर से कार्यकारी अध्‍यक्ष बनाया जाए। लेकिन, तोगडि़या ने इस पद पर अपनी बादशाहत कायम रखी। संघ और बीजेपी चाहते थे कि वी कोकजे विहिप के अध्‍यक्ष बनें। लेकिन, तोगडि़या ने इसका कड़ा विरोध किया। जिससे भारतीय जनता पार्टी की नाराजगी और बढ़ गई। हालांकि संघ परिवार विहिप से किसी भी तरह की अनबन से इनकार करता है। संघ के नेताओं का कहना है कि उन्हें तो बस अब उस दिन का इंतजार है जब प्रवीण तोगडि़या इस बात का खुलासा करेंगे कि आखिर कौन सा नेता उनका एनकाउंटर करवाना चाहता है।