हज सब्सिडी पर फंस गए केजरीवाल, ममता बनर्जी और वामपंथी
केंद्र सरकार ने हज सब्सिडी खत्म करके गेंद राज्य सरकारों के पाले में डाल दी है, खास तौर पर वो राज्य जहां पर मुस्लिम आबादी सियासत को प्रभावित करती है।
New Delhi, Jan 18: केंद्र सरकार ने हज सब्सिडी खत्म करके बड़ा राजनीतिक दांव खेला है, भले ही इसका असर अभी नहीं दिखाई दे रहा है, लेकिन आने वाले समय में हज के लिए दी जाने वाली सब्सिडी खत्म करने का फैसला सियासी रंग जरूर लेगा। फिलहाल तो मोदी सरकार ने उन राज्यों के सामने परेशानी खड़ी कर दी है जहां पर मुस्लिम आबादी ज्यादा है, या फिर ये कहें कि चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। ऐसे राज्यों को अलग से हज के लिए सब्सिडी देने का दबाव झेलना पड़ेगा। मोदी सरकार के इस फैसले से कुछ जिन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सामने सियासी मुश्किल खड़ी होगी उनके बारे में आपको बताते हैं। इनमें ममता बनर्जी के बंगाल से लेकर केरल तक शामिल है।
फिलहाल देश में 7 राज्य ऐसे हं जहां पर मुस्लिम आबादी राजनीति और चुनाव पर असर डालती है। मोदी सरकार ने अब गेंद इन राज्यों के पाले में डाल दी है। इन राज्यों में हज के लिए सब्सिडी की मांग उठने लगेगी। क्योंकि कई राज्य हिंदुओं को चार धाम यात्रा और कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सब्सिडी देते हैं। ये राज्य के कोटे से सब्सिडी देते हैं. ममता बनर्जी के सामने भी मुश्किल है, बंगाल में मुस्लिमों की आबादी 30 फीसदी से ज्यादा है, इनके समर्थन से ही ममता लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बन पाई हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि ममता बनर्जी अपने राज्य में हज सब्सिडी दे कर बड़ा दांव खेल सकती हैं, टीएमसी पहले भी इस तरह के कदम उठाती रही है, जिसके कारण बीजेपी उस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाती रहती है।
ममता बनर्जी के अलावा केरल के मुख्यमंत्री विजयन के सामने भी समस्या है. केरल में एक चौथाई आबादी मुस्लिम है. वैसे भी केरल में बीजेपी काफी कोशिशों के बाद भी अपने पैर नहीं जमा पाई है, ऐसे में हज के लिए मिलने वाली सब्सिडी हटाने का फैसला बीजेपी के खिलाफ जा सकता है. लेकिन दबाव तो सीएम विजयन पर होगा कि वो राज्य कोटे से सब्सिडी देना शुरू करें। उनके लिए ये मौका हो सकता है कि वो मुस्लिमों का दिल जीतने के लिए सब्सिडी का एलान कर दें। लेकिन ये बीजेपी के लिए मौका होगा कि वो उन पर सियासी तौर पर हमला करे और तुष्टिकरण का आरोप लगाकर जनता के बीच जाए। बता दें कि केरल में बिना मेहरम हज यात्रा के लिए सबसे ज्यादा आवेदन आए हैं।
अब बात करते हैं दिल्ली सरकार की, दिल्ली में लगभग 12 फीसदी मुस्लिम आबादी है, केजरीवाल सब्सिडी खत्म करने के मोदी सरकार के फैसले में अपना सियासी फायदा देख सकते हैं। वो भी राज्य सरकार के कोटे से हज सब्सिडी देने का एलान कर सकते हैं। बिहार में मुस्लिम आबादी पूरे राज्य मं फैली हुई है। बिहार में 17 फीसदी मुस्लिम आबादी है, नीतीश कुमार के सामने बड़ा संकट है, वो एनडीए का हिस्सा है, अगर वो राज्य कोटे से सब्सिडी देने का फैसला करते हैं तो इस से बीजेपी नाराज हो सकती हैं, हालांकि बीजेपी भी कई राज्यों में इसी संकट से जूझ सकती है। अभी से ये मांग उठ रही है कि या तो राज्य सरकारें हज के लिए सब्सिडी दें या फिर हिंदुओं को मिलने वाली रियायत को भी खत्म किया जाए।