पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनते ही शुरु हुआ भ्रष्‍टाचार ? राहुल गांधी पर वार

पंजाब में कांग्रेस की सरकार को बने अभी एक साल भी नहीं हुआ कि उस पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगने शुरु हो गए हैं। निशाने पर राहुल गांधी हैं।

New Delhi Jan 18 : पिछले साल मार्च महीने में पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनी थी। पंजाब में कैप्‍टन अमरिंदर की सरकार के गठन के अभी सिर्फ दस महीने ही हुए हैं कि उसके मंत्रियों पर भ्रष्‍टाचार के आरोप लगने शुरु हो गए हैं। पंजाब कैबिनेट में मंत्री राणा गुरजीत सिंह पर करप्‍शन के आरोप हैं। इन आरोपों के बाद कांग्रेस पार्टी और पार्टी अध्‍यक्ष राहुल गांधी विपक्ष के निशाने पर आ गए थे। लेकिन, फजीहत से बचने के लिए राहुल गांधी ने कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की सरकार के कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह से इस्‍तीफा ले लिया है। गुरुवार को पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने दिल्‍ली में राहुल गांधी से मुलाकात की। उन्‍होंने इस मीटिंग में पंजाब सरकार के कामकाज पर भी चर्चा की। बताया जा रहा है कि इसी मीटिंग में राणा के भ्रष्‍टाचार का मसला उठा। इसके बाद राहुल गांधी ने पंजाब कैबिनेट में मंत्री राणा गुरजीत सिंह का इस्तीफा मंजूर कर लिया।

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राणा गुरजीत सिंह के पास ऊर्जा और सिंचाई विभाग की जिम्मेदारी थी। कुछ दिनों पहले ही राणा गुरजीत सिंह पर रेत खदानों के अलॉटमेंट में गड़बड़ी के आरोप लगे थे। हालांकि जैसे ही राणा गुरजीत सिंह पर ये आरोप लगे थे उन्‍होंने उसी वक्‍त यानी करीब 15 दिन पहले मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने अपने इस्‍तीफे की पेशकश कर डाली थी। लेकिन, कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को इस मामले में हाईकमान के फैसले का इंतजार था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने पहले से ही पूरे घटनाक्रम की जानकारी पार्टी अध्‍यक्ष राहुल गांधी को दे दी थी। लेकिन पिछले 15 दिनों से पार्टी हाईकमान ने राणा के इस्‍तीफे को होल्‍ड पर रखा हुआ था। शायद कांग्रेस पार्टी को उम्‍मीद थी कि ये मामला दब जाएगा। लेकिन, विपक्ष ने कैबिनेट मंत्री पर लगे कथित भ्रष्‍टाचार के मामले को लेकर सरकार को घेरना शुरु कर दिया था। राहुल गांधी से जवाब मांगा जा रहा था।

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वहीं दूसरी ओर इस केस में प्रवर्तन निदेशालय के भी कान खड़े हो गए थ। प्रवर्तन निदेशालय ने अभी मंगलवार को ही इस केस में राणा के बेटे से पूछताछ की थी। बताया जा रहा था कि इस पूछताछ के बाद पार्टी हाईकमान के होश उड़ गए थे। उसे इस बात का डर सता रहा था कि कहीं इस केस में उसकी बुरी तरह फजीजत ना हो जाए। इसलिए आनन-फानन में राणा गुरजीत सिंह का इस्‍तीफा मंजूर कर लिया गया। पंजाब कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि उनकी और कांग्रेस पार्टी के अध्‍यक्ष राहुल गांधी के बीच करीब ढ़ाई घंटे तक मीटिंग चली। जिसमें राहुल गांधी ने पंजाब सरकार के दस महीने के कामकाज के बारे में पूछा। इसके साथ ही इस मीटिंग में राहुल गांधी से पंजाब सरकार की कैबिनेट में विस्‍तार को लेकर भी चर्चा हुई। इसी मीटिंग में राहुल गांधी ने कैप्‍टन अमरिंदर सिंह से कहा कि राणा गुरजीत सिंह का इस्‍तीफा मंजूर किया जाए।

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कैप्‍टर अमरिंदर सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे राणा गुरजीत सिंह पर क्‍या आरोप हैं जरा इसके बारे में भी जान लीजिए। पिछले दिनों ही राणा और उनके परिवार से जुड़ी कुछ कंपनियों के नाम रेत खनन आवंटन को लेकर गड़बड़ी की बात सामने आई थी। राणा पर आरोप है कि उन्‍होंने मनमाने तरीके से कुछ खास कंपनियों को फायदा पहुंचाने की नियत से उनकी नीलामी की। कैबिनेट मंत्री पर आरोप लगने के बाद अमरिंदर सिंह सरकार के साथ-साथ राहुल गांधी भी बैकफुट पर आ गए थे। आम आदमी पार्टी के नेता सुखपाल खैरा का कहना है कि हम इतने भर से शांत नहीं बैठेंगे। खैरा का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए। उन्‍होंने कहा कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वो सीबीआई जांच के लिए अदालत से गुहार लगाएंगे। ईडी के अफसरों ने इस केस में मंत्री राणा के बेटे राणा इंद्र प्रताप से करीब छह घंटे पूछताछ की थी।