मणिशंकर अय्यर ने फिर खोला अपना मुंह, इस बार साउथ में डूबेगी कांग्रेस की लुटिया ?

मणिशंकर अय्यर ने एक बार फिर अपना मुंह खोला है। हालांकि वो कांग्रेस से निकाले जा चुके हैं। लेकिन, फिर भी साउथ में पार्टी की मुश्किलें बड़ा सकते हैं।

New Delhi Jan 20 : कांग्रेस में कुछ नेता ऐसे हैं जिनके जुबान खोलते ही विवाद शुरु हो जाता है। अब मणिशंकर अय्यर को ही ले लीजिए। हमेशा से विवादित बयानों के लिए सुर्खियों में रहते हैं। इसी विवादित बयानों के चक्‍कर में उन्‍हें पार्टी से बाहर का रास्‍ता भी दिखाया जा चुका है। लेकिन, फिर भी वो ऐसे बयान देने से बाज नहीं आते हैं। दिग्विजय सिंह की गिनती भी इसी तरह के नेताओं के तौर पर होती है। बहरहाल, अभी बात सिर्फ मणिशंकर अय्यर की ही करते हैं। कांग्रेस के पूर्व नेता ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है जिससे उनके खिलाफ साउथ में गुस्‍सा भड़क सकता है। हर किसी को मालूम है कि साउथ में रजनीकांत और कमल हसन को भगवान की तरह पूजा जाता है। उनके समर्थक उनके खिलाफ एक शब्‍द भी सुनना पसंद नहीं करते हैं। ऐसे में मणिशंकर अय्यर का कहना है कि ये दोनों ही अभिनेता कभी भी महान नेता नहीं बन सकते हैं और ना ही प्रधानमंत्री बन सकते हैं।

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मणिशंकर अय्यर ने ये बयान इंडिया टुडे कॉन्क्लेव साउथ 2018 में दिया। इंडिया टुडे कॉन्‍क्‍लेव में अय्यर ने कहा कि ये जरुरी नहीं कि राजनीति में कदम रखने वाले साउथ के सुपरस्‍टार रजनीकांत और कमल हसन बड़े नेता बनें। हालांकि अय्यर का कहना है कि रजनीकांत और कमल हसन दोनों ही बहुत अच्‍छे इंसान हैं। लेकिन, ये जरुरी नहीं है कि कोई भी अच्‍छा इंसान राजनीति में आए और प्रधानमंत्री बन जाए। ये बात बिलकुल मणिशंकर अय्यर के प्रधानमंत्री बनने जैसी ही होगी। अय्यर का कहना है कि इसमें कोई शक नहीं है कि आज राजनीति में अच्‍छे लोगों की जरुरत है। ऐसे लोगों को राजनीति में आना भी चाहिए। लेकिन, ये मानना ठीक नहीं होगा कि वो राजनीति में आते ही देश का प्रधानमंत्री बन जाएगा। हालांकि तमिलनाडु में ये बात जगजाहिर है कि साउथ के सुपरस्‍टार हमेशा से राजनीति में जगह पाने के लिए जाने जाते हैं। जिसमें तमिलनाडु की पूर्व मुख्‍यमंत्री जयललिता का भी नाम शामिल है।

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मणिशंकर अय्यर ने कहा कि ये बात ठीक है कि अन्नादुराई, एमजीआर, जयललिता ने सिनेमा जगत की पब्लिसिटी का इस्तेमाल कर साउथ में ड्रविड राजनीति में कब्जा किया। लेकिन, इसके साथ ही उनका मानना है कि जो काम पहले के नेताओं या कहें अभिनेताओं ने कर लिया आज वो काम मुमकिन नहीं है। लेकिन, फिर भी नेता सोशल मीडिया का इस्‍तेमाल कर पब्लिसिटी बंटोर रहे हैं। उनका कहना है कि आज ये दावा करना बिलकुल गलत होगा कि कोई अभिनेता फिल्‍मों के जरिए देश का बड़ा नेता बनने में सफल होगा। यानी एक तरह से देखा जाए तो अय्यर ने साउथ के सुपर स्‍टार रजनीकांत और कमल हसन को साउथ की राजनीति में नकार दिया है। अभी पिछले साल के अंतिम दिन यानी 31 दिसंबर को ही रजनीकांत ने राजनीति में आने का एलान किया था। उनका कहना था कि वो नई पार्टी का गठन करेंगे। उनकी पार्टी तमिलनाडु में सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

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रजनीकांत के राजनीति में आने के एलान के बाद कमल हसन भी सक्रिय हो गए थे और उन्‍होंने भी ये एलान किया है कि वो भी राजनीति में कदम रखेंगे। माना जा रहा है कि रजनीकांत और कमल हसन के तमिलनाडु की राजनीति में उतरने से दक्षिण भारत की सियासत में बड़ा उलटफेर हो सकता है। बहरहाल, मणिशंकर अय्यर को ऐसा कुछ नहीं लगता है। जबकि अय्यर के इस बयान से साउथ में रजनीकांत के समर्थन उसने खफा बताए जा रहे हैं। कहीं ऐसा ना हो कि जिस तरह से गुजरात विधानसभा चुनाव में अय्यर के बयान से कांग्रेस की लुटिया डूब गई थी उसी तरह ये बयान भी तमिलनाडु में कांग्रेस पार्टी को भारी ना पड़ जाए। हालांकि अभी इसके आंकलन के लिए काफी वक्‍त है। लेकिन, एक बात तय है कि इस बार तमिलनाडु में बहुत ही दिलचस्‍प सियासत देखने को मिलेगी क्‍यों एआईएडीएम में जयललिता के बाद पहले से ही खींचतान मची हुई है। वहीं बीजेपी ने भी अपनी पूरी ताकत साउथ में झोंक रखी है। उस पर रजनीकांत और कमल हसन की एंट्री इस सियासी दिलचस्‍पी को और बढ़ाएंगे।