‘चोरों’ की फेहरिस्त में आया आजम खान का नाम, भर्ती घोटाले में SIT ने की पूछताछ
उत्तर प्रदेश में जल निगम भर्ती घोटाले की जांच कर रही SIT ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ और कद्दावर नेता आजम खान से पूछताछ की।
New Delhi Jan 22 : उत्तर प्रदेश के जल निगम भर्ती घोटाले में समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सोमवार को वो इस केस में SIT के सामने पेश हुए। इस मामले में SIT ने आजम खान को समन भेजकर 22 तारीख को उनके सामने पेश होने का आदेश दिया था। स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम ने भर्ती घोटाले में आजम खान से काफी देर तक पूछताछ की। इतना ही नहीं SIT ने आजम खान और पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह को आमने सामने भी बिठाया और दोनों से पूछताछ की। हालांकि पूछताछ खत्म होने के बाद जब आजम खान SIT के इंवेस्टीगेशन रूम से बाहर निकले तो उन्होंने कहा कि इन भर्तियों से उनका कोई भी लेना देना नहीं है। जो भर्तियां हुईं थीं वो जल निगम विभाग ने ही की थीं। आजम खान का कहना है कि उन्हें इस केस में बेवजह फंसाकर बदनाम किया जा रहा है।
आजम ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार पर खुद को बेइज्जत करने का भी आरोप लगाया। आजम खान का कहना है कि इस मामले में सरकार कुछ करे या ना करे लेकिन, कम से कम चोरों की फेहरिस्त में उनका नाम जरूर ला दिया है। उनका कहना है कि योगी सरकार उन्हें पहले ही काफी अपमानित कर चुकी है अब इससे ज्यादा और क्या अपमान होगा। दरअसल, उत्तर प्रदेश में जिस वक्त अखिलेश यादव की सरकार थी उस वक्त जल निगम में 1300 लोगों की भर्तियां की गई थी। जल बोर्ड में हुईं इन भर्तियों में घोटाले के आरोप लगाए गए थे। जिसके बाद इस कथित घोटाले की जांच स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम यानी एसआईटी को सौंप दी गई थी। एसआईटी ने इस केस में अभी पिछले हफ्ते ही आजम खान को समन भेजकर 22 तारीख को पूछताछ में शामिल होने का निर्देश दिया था। उनके साथ ही पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह को भी समन भेजा गया था।
सोमवार को दोनों को एक दूसरे के सामने बिठाकर पूछताछ की गई। जानकारी के मुताबिक इस केस में आजम खान से पूछताछ खुद एसआईटी के एसपी नागेश्वर सिंह ने की। दरअसल, जब जल निगम में 13 सौ लोगों को भर्तियां हुईं थी उस वक्त आजम खान के पास जलनिगम का भी प्रभार था। आरोप है कि भर्तियों में कानून का सही तरीके से पालन नहीं किया गया। इस मामले में स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह और आजम खान के ओएसडी रहे आफाक का बयान पहले ही दर्ज कर चुकी थी। लेकिन, आजम के बयान रिकॉर्ड किए जाने बाकी थे। ये काम भी सोमवार को पूरा कर लिया गया। यानी इस केस में एसआईटी अब तक कई प्रमुख लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है। आजम खान और एसपी सिंह को आमने-सामने बिठाकर कर पूछताछ भी कर चुकी। एसआईटी ने इस केस में आजम के करीबी और जल निगम के पूर्व एमडी पीके आसुदानी से भी पूछताछ की थी।
इन लोगों की पूछताछ के बाद ही एसआईटी ने आजम खान को समन भेजकर लखनऊ के विभूति खंड स्थिति अपने दफ्तर पर बुलाया था। बेशक इस मामले में आजम खान कह रहे हों कि उनका इस केस में कोई लेना देना नहीं है लेकिन, एसआईटी के सूत्र बताते हैं कि भर्तियों से जुड़ी कुछ फाइलों पर आजम ने बतौर जल निगम अध्यक्ष हस्ताक्षर किए हैं। इसलिए उसने पूछताछ की जानी जरूरी है। हालांकि अब आजम खान कह रहे हैं कि सरकार इस केस में कुछ करे या ना करे लेकिन उनका नाम चोरों की फेहरिस्त में जरुर आ गया है। बहरहाल, भर्ती घोटाले की जांच जारी है। अब तक इस मामले में एसआईटी कुल आठ लोगों से पूछताछ कर चुकी है। यूपी में जब योगी आदित्यनाथ की सरकार सत्ता में आई थी उसी वक्त इस घोटाले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर दिया गया था। जिसके बाद कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर 122 सहायक अभियंताओं को बर्खास्त कर ये केस स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम को सौंप दिया गया था।