देश के नाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का संबोधन, पद्मावत पर बताई बड़ी बात
देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया है। अपने संबोधिन में उन्होंने पद्मावत फिल्म का जिक्र भी किया।
New Delhi, Jan 25: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संबोधन दिया। संबोधन में राष्ट्रपति ने देशवासियों को भाईचारा बढ़ाने पर जोर दिया। इसके साथ ही संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत पर देश के कई राज्यों में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति ने बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि ‘किसी दूसरे नागरिक की गरिमा का उपहास किए बिना, किसी के इतिहास की किसी घटना के बारे में हम असहमत हो सकते हैं, लेकिन इस दौरान व्यवहार अच्छा करना चाहिए। इसे ही भाईचारा कहते हैं।’ राष्ट्रपति ने इसके साथ ही देशवासियों 69वें गणतंत्र दिवस की देशवासियों को बधाई दी।
राष्ट्रपति ने कहा कि ये राष्ट्र के प्रति सम्मान की भावना के साथ हमारी संप्रभुता का उत्सव मनाने का मौका है। उन्होंने कहा कि ये दिन भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को नमन करने का दिन है। अपने संबोधन में राष्ट्रति ने आगे कहा कि देश के लोगों से ही लोकतंत्र बनता है। उन्होंने कहा कि हमारे नागरिक केवल गणतंत्र निर्माता और संरक्षक ही नहीं, बल्कि वो ही इसके आधार स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि हमारा हर नागरिक, हमारे लोकतंत्र को शक्ति देता है। देश के अलग अलग क्षेत्रों में काम करने वाले हर एक शख्स के योगदान का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, ‘संविधान का निर्माण करने मे और उसे लागू करने के साथ साथ भारत के गणराज्य की स्थापना करने के साथ ही, हम सभी ने वास्तव में ‘सभी नागरिकों के बीच बराबरी’ का मानक स्थापित किया। उन्होंने कहा कि चाहे हम किसी भी धर्म, क्षेत्र या समुदाय के क्यों ना हों, सबसे अपना योगदान दिया है। राष्ट्रपति ने कहा कि बराबरी के इस आदर्श ने आजादी के साथ प्राप्त हुए स्वतंत्रता के आदर्श को पूर्णता दी । उन्होंने कहा कि एक तीसरा आदर्श हमारे लोकतंत्र निर्माण के सामूहिक प्रयासों को और हमारे सपनो के भारत को सार्थक बनाता है। ये है बंधुता या भाईचारे का आदर्श।
इस बीच पद्मावत को लेकर राष्ट्रपति का दिया बयान लोगों को बेहतरीन लगा। फिल्म पद्मावत का देशभर में विरोध किया जा रहा है। राजपूत संगठनों का हर जगह बवाल जारी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि किसी दूसरे नागरिक की गरिमा का उपहास नहीं होना चाहिए। किसी के इतिहास की किसी घटना के बारे में हम अलग अलग राय रख सकते हैं। उनका साफ तौर पर कहना है कि इन सब बातों के बीच सभई का व्यवहार अच्छा होना चाहिए। इसे ही भाईचारा कहते हैं।’ पद्मावत को लेकर करणी सेना लगातार मुखर हो रही थी। इस बीत हरियाणा में भी पद्मावत रिलीज कर दी गई है और लोग आसानी से इस फिलें को देख रहे हैं।