वायुसेना के कमांडो को अशोक चक्र, आंतकियों के खिलाफ दिखाया था अद्भुत पराक्रम

कश्मीर में शहीद होने वाले वायुसेना कमांडो ज्योति प्रकाश निराला को अशोक चक्र से सम्मानित किया जाएगा। वो पहले IAF कमांडो होंगे।

New Delhi, Jan 25: कश्मीर में शहीद वायुसेना कमांडो ज्योति प्रकाश निराला को अशोक चक्र से सम्मानित किया जाएगा। ज्योति प्रकाश 18 नवंबर 2017 को एक ऑपरेशन में शामिल थे. इस ऑपरेशन में लश्कर के 6 कमांडोज को इंडियन फोर्सेस ने मार गिराया था। इनमें से लश्कर के 2 आतंकियों को ज्योति ने ढेर किया था। इन आतंकियों में लश्कर चीफ का भतीजा भी शामिल था । जी हां वो उसी लश्कर चीफ का भतीजा जो और 26/11 अटैक का मास्टरमाइंड रहा है। वो जकीउर रहमान लखवी का भतीजा था। एनकाउंटर के दौरान फायरिंग में ज्योति शहीद हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक निराला को इस वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

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ज्योति प्रकाश बिहार के रोहतास जिले के बदलाडीह गांव के रहने वाले थे। परिवार में उनकी पत्नी, छोटी बेटी, बीमार माता-पिता और तीन बहनें हैं। वे आर्मी की काउंटरजेंसी फोर्स में इंडियन एयर फोर्स के गरुड़ कमांडो के तौर पर राष्ट्रीय रायफल्स में अटैच्ड थे। बीते साल से ही गरुड़ कमांडोज आर्मी के ग्राउंड ऑपरेशंस में हिस्सा ले रहे हैं। खास बात ये है कि ज्योति प्रकाश एयर फओर्स के पहले कमांडो हैं, जिन्हें अशोक चक्र मिलेगा। गरुड़ कमांडोज की छोटी टुकड़ी को आर्मी के साथ अटैच्ड करने का फैसला जनवरी 2016 में लिया गया था। पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले के बाद ये फैसला लिया गया था।

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तब से ऑपरेशंस के दौरान 3 गरुड़ कमांडोज शहीद हो चुके हैं। ज्योति प्रकाश ने कब दो आतंकियों को मारा था, जरा इस बारे में भी जानिए। 18 नवंबर 2017 को कश्मीर के हाजीन में एनकाउंटर हुआ था। फोर्सेस इंटेलिजेंस से मिले इनपुट के बाद सर्च ऑपरेशन पर थी। इस दौरान चंद्रगढ़ गांव में जवानों ने एक घर को घेर लिया। इसके बाद इस घर में छिपे आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी। ज्योति प्रकाश के पास एक लाइट मशीनगन थी। एनकाउंटर के दौरान गोली लगने के बावजूद उन्होंने दो आतंकवादियों को मार गिराया था। इस एनकाउंटर में 6 आतंकी मारे गए थे। इसी ऑपरेशन के दौरान निराला को गोली लगी थी और वो शहीद हुए थे।

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इंडियन एयरफोर्स की बात करें तो इससे पहले 1971 की जंग के दौरान अदम्य साहस दिखाने वाले फ्लाइंग अफसर निर्मलजीत सिंह शेखों को अशोक चक्र दिया गया था। इसके बाद 1984 में स्क्वॉर्ड्रन लीडर राकेश शर्मा को देश का पहला अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए अशोक चक्र दिया गया था। ज्योति प्रकाश निराला की वीरता की कहानी आज भी देश की सेना के हर जवान को पता है। उनकी वीरता से साबित हो गया था कि आतंकी चाहे कैसी भी साजिश रच लें, लेकिन वो अपने मंसूबों में कामयाब नहीं पाएंगे। ज्योति प्रकाश निराला बिहार के रहने वाले थे। उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया जाएगा।