हरियाणा में पद्मावत रिलीज, राजपूत नेता सूरजपाल अमू गिरफ्तार

हरियाणा में आखिरकार पद्मावत रिलीज हो गई है। हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने दावा किया है कि राजपूत नेता सूरजपाल अमू को अरेस्ट किया गया है।

New Delhi, Jan 25: पद्मावत को लेकर बवाल अब थमता नजर आ रहा है। इससे पहले करणी सेना की देशभर में छीछालेदार हो रही है। सबसे ज्यादा बवाल राजस्थान और हरियाणा में मचा था। अब बताया जा रहा है कि हरियाणा में स्थिति काबू में हो रही है। हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने इस बारे में मीडिया को जानकारी दी है। उनका कहना है कि हरियाणा के करीब 33 सिनेमाघरों में ये फिल्म रिलीज हुई है। हरियाणा के 9 जिलों में इस फिल्म को दिखाया जा रहा है। डीजीपी का कहना है कि इस दौरान कहीं भी कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। डीजीपी ने साफ तौर पर कहा है कि राज्य में फिल्म दिखाने को लेकर कहीं भी कोई रोक-टोक नहीं है।

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उधर गुरुग्राम पुलिस ने करणी सेना के महासचिव सूरजपाल अमू को गिरफ्तार किया है। सूरजपाल अमू इस मामले में ही काफी मुखर रहे हैं। वो लगातार पद्मा वत फिल्म का विरोध कर रहे थे। हरियाणा में ही एक बस में पथराव किया गया था। इस बस में स्कूल के बच्चे बैठे थे। पुलिस का कहना है कि ये बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना साबित हुई है। इस मामले में अब तक 18 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है । 8 प्रीवेंटिव गिरफ्तारियां भी की गई हैं। कुल मिलाकर 31 लोगों को अरेस्ट किया गया है। डीजीपी बीएस संधू का कहना है कि तमाम सिनेमा मालिकों, जिन्होंने इस फिल्म को प्रदर्शित किया है, उन्हें पूरी सुरक्षा दी गई है।

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डीजीपी का कहना है कि हरियाणा में सिर्फ छोटे-छोटे प्रदर्शन देखने को मिले हैं। गुरुग्राम में 3 और कुरुक्षेत्र में 1 एफआईआर दर्ज की गई है। डीजीपी का कहना है कि पूरे हरियाणा में अब तक 55 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। अब बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने कोर्ट में जाने का मन बनाया है। मध्य प्रदेश के कानून मंत्री रामपाल सिंह ने इस बारे में मीडिया को बयान दिया है। उनका कहना है कि कानून विभाग के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी।  इसके अलावा एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि वो कोर्ट का फैसला पढ़ेंगे और उसके बाद ही फिल्म के बारे में कोई फैसला लेंगे।

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सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ये बात जबलपुर में कही। इससे पहले उन्होंने कहा था कि सिर्फ कानून व्यवस्था का मुद्दा नहीं है। इससे एक वर्ग विशेष की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने फिर से साफ कर दिया था कि पद्मा वत की रिलीज को लेकर फैसला पहले ही दे दिया जा चुका है। बार बार कोर्ट में एक ही फैसला नहीं सुनाया जाएगा। दरअसल राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार की तरफ से इस फिल्म को रिलीज ना करने को लेकर याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सिरे से ये याचिका खारिज कर दी। खैर जो भी पद्मावत फिल्म को देखकर आ रहा है, उसे बेहतरीन बता रहा है।