गणतंत्र दिवस पर हिंदुस्तान का बड़ा रिकॉर्ड, पीएम मोदी ने आखिर कर दिखाया

इस गणतंत्र दिवस पर हिंदुस्तान के नाम एक बड़ा रिकॉर्ड बन रहा है। पहली बार इतने देशों के राष्ट्राध्यक्ष 26 जनवरी को भारत की आन, बान और शान देखेंगे।

New Delhi, Jan 26: गणतंत्र दिवस पर हिंदुस्तान की ताकत को देखकर दुनिया दंग रह जाएगी। राजपथ पर होने वाली परेड पर दुनियाभर की नजर तो होगी ही, लेकिन इससे पहले पाकिस्तान और चीन की कंपकपी छूट जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार 26 जनवरी की परेड देखने के लिए 10 देशों के राष्ट्राध्यक्ष आ रहे हैं। जी हां हिंदुस्तान की ताकत को देखने के लिए इस बार राजपथ पर 10 देशों के राष्ट्राध्यक्ष मौजूद होंगे। इस वजह से ये दिन और भी ज्यादा खास हो जाता है। उधर चीन को जब इस बात का पता चला कि ASEAN देशों के राष्ट्राध्यक्ष इस बार भारत आ रहे हैं, तो अभी से ही हैरान है। दरअसल रिपब्लिक डे की परेड के बाद एक खास आयोजन करवाया जाएगा।

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बताया जा रहा है कि इस बैठक के जरिए मोदी चीन की चालाकी को साध सकते हैं। इस वक्त चीन लगातार विस्तारवादी नीति पर काम कर रहा है। ऐसे में आसियान देशों के राष्ट्रोध्यक्षों का भारत आना चीन की रणनीति पर लगाम लगाने का पहला पड़ाव कहा जा सकता है। चीन वैसे ही साउथ चाइना सी को लेकर विवादों में है। वो समंदर में लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है। साउथ चाइना सी को लेकर चीन के खिलाफ फिलीपींस, इंडोनेशिया, ब्रूनेई और वियतमान पहले से ही चीन को आंखें दिखा रहे हैं। ऐसे में मोदी की ये रणनीति सही साबित होने जा रही है। इस बार ये पहली बार होगा जब भारत में रिपब्लिक डे की परेड देखने के लिए इतने मुल्कों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होंगे।

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मोदी ने पिछले साल ही आसियान के सभी मुल्कों को 26 जनवरी की परेड देखने के लिए बुलाया था। मोदी के आमंत्रण पर आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने हामी भरी थी। ब्रूनेई के सुल्तान तो खुद प्लेन उड़ाकर ही भारत पहुंच गए। आलम ये था कि हर एक मुल्क के राष्ट्राध्यक्ष के दिल में भारत आने की बेताबी दिखी। साफ है कि ये मतमाम मुल्क चीन के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए मोदी के कदम से कदमताल करने को तैयार हैं। 26 जनवरी के मौके पर भारत के सामरिक अस्त्र-शस्त्रों के साथ साथ देश की ताकत का प्रदर्शन किया जाता है। ये बात भी सच है कि भारत की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है और इस वजह से पड़ोसी मुल्क बेहद ही चिंता में नजर आ रहे हैं।

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खैर इतना जरूर है कि इस बार की गणतंत्र दिवस परेड बेहद ही भव्य और शानदार होने जा रही है। वो पल ऐतिहासिक होगा जब 10 देशों के राष्ट्राध्यक्ष एक साथ भारत की ताकत को देखेंगे। इसके बाद भारत में ही आसियन-भारत के 25 वर्षों की सिल्वर जुबली का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में चीन के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए कई बातें हो सकती हैं। चीन प्रशांत महासागर के साथ सात अरब सागर में भी अपना प्रभुत्व बढ़ाना चाहता है। इस वजह से चीन के बढ़ते कदमों को रोकना जरूरी है। खैर इतना जरूर है कि आसियान मुल्कों के राष्ट्राध्यक्षों के भारत में आने से चीन को काफी परेशानी हो सकती है।