कांग्रेस से नाराज हैं नवजोत सिंह सिद्धू, बहुत जल्दी होने वाला है धमाका

नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस से नाराज हैं, उनको वो भाव नहीं मिल रहा है जो बीजेपी में मिला करता था। क्या वो कोई बड़ा धमाका करने के मूड में हैं।

New Delhi, Jan 27: राजनीति कितनी तेजी से बदल जाती है, पता ही नहीं चलता कि कल तक एक विचारधारा को समर्थन करने वाला नेता कैसे दूसरी विचारधारा को ना केवल समर्थन देता है बल्कि दल भी बदल लेता है। पार्ट टाइम नेताओं के लिए ये एक मौका हो सकता है, लेकिन वो नेता जो एक दल में रह कर लंबी पारी खेल चुके हैं, अगर वो ऐसा करते हैं तो थोड़ी हैरानी होती है। आप ऐसे कई नेताओं को जानते होंगे, फिलहाल बात कर रहे हैं नवजोत सिंह सिद्धू के बारे में, बीजेपी में रहते हुए लंबी पारी खेलने वाले सिद्धू पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में चले गए थे। बीजेपी छोड़ कर कांग्रेस में जाने के फौरन बाद ही सिद्धू ने खुद को पैदायशी कांग्रेसी बता दिया। उन्होंने राहुल गांधी की जमकर तारीफ की। इसका ईनाम ये मिला कि सिद्धू को पंजाब सरकार मं मंत्री बना दिया गया।

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नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेसी नेता के तौर पर पंजाब में काम कर रहे हैं, स्थानीय निकाय मंत्री बन गए हैं। ये अलग बात है कि उनका मंत्रालय बेहद हल्का है. इसको लेकर उनके नाराज होने की खबरें भी आई थी, लेकिन सिद्धू ने उनका नकार दिया। अब जो खबर आ रही है वो सिद्धू की गरम मिजाजी से मेल खाती है, बीजेपी ने तो सिद्धू के हर रूप को देखा है, अब कांग्रेस की बारी है। बताया जा रहा है कि सिद्धू एक बार फिर से कांग्रेस से नाराज हैं। इस बार मामला अमृतसर के मेयर के चुनाव का है। करमजीत सिंह रिंटू को कांग्रेसी पार्षदों ने अमृतसर का मेयर चुन लिया। ये सिद्धू को पसंद नहीं आया। स्थानीय निकाय मंत्री होने के बाद भी वो इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।

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कहा तो ये भी जा रहा है कि सिद्धू को इस कार्यक्रम में बुलाया ही नहीं गया था। इसी लिए सिद्धू नाराज हो गए हैं, सिद्धू ने कहा भी कि वो स्वर्ण मंदिर और दुर्गियाना मंदिर के अलावा कहीं भी बना बुलाए नहीं जाते हैं। अंदर की खबर अब निकल कर आ रही है। बताया जा रहा है कि सिद्धू और करमजीत रिंटू के बीच में संबंध अच्छे नहीं है। रिंटू के साथ साथ वरिष्ठ उप महापौर बक्षी के साथ भी सिद्धू के संबंध ठीक नहीं हैं। बक्षी ने ही सिद्धू के लापता होने के पोस्टर लगाए थे। सिद्धू जब बीजेपी में हुआ करते थे तो बक्षी ने उनके अमृतसर से लापता होने को लेकर पोस्टर लगाए थे। आप समझ सकते हैं कि सिद्धू क्यों नाराज हैं।

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नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब सरकार में स्थानीय निकाय मंत्री हैं। लेकिन स्थानीय निकाय चुनाव और महापौर के चयन को लेकर उनसे कोई सलाह नहीं ली गई, इस से वो बहुत ज्यादा आहत हो गए हैं। मंत्री होने के बाद भी उनसे किसी भी स्तर पर कोई सलाह नहीं ली गई। केवल अमृतसर ही नहीं बल्कि पटियाला और जलंधर के महापौर के चयन मं भी सिद्धू से कोई राय नहीं ली गई थी। उन्होंने कहा कि वो इस पर कुछ नहीं कहें लेकिन ये ये समझने की बात है। कुल मिलाकर सिद्धू को कांग्रेस में वो भाव नहीं मिल पा रहा है जो बीजेपी में मिलता था। यही कारण है कि कहा जा रहा है कि आने वाले कुछ समय में सिद्धू कोई बड़ा धमाका कर सकते हैं। वैसे भी भले सिद्धू ने बीजेपी छोड़ दी है, लेकिन उन्होंने अभी तक पीएम मोदी के खिलाफ एक शब्द नहीं कहा है, इस से कांग्रेस भी हैरान है।